मान्यवर कांशीराम के
परिनिर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्र
कार्यक्रम आयोजन समिति की ओर से आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने ‘बहुजन आंदोलन की दशा और दिशा’ विषयक गोष्ठी में रखी
अपनी बात।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। आरएसएस और उसके
राजनीतिक संगठन ‘भाजपा’ के नेता बहुजन
आंदोलन के नायकों की मूल रचनाओं पर अंकुश लगाकर युवाओं के सामने उसकी गलत व्याख्या
पेश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों समेत विभिन्न
शिक्षण संस्थाओं को अपना हथियार बनाया है। उनके इस मकसद में बहुजन समुदाय के कुछ
सत्तालोलुप और मौकापरस्त लोग उनकी सहायता कर रहे हैं जिनसे हमें सतर्क रहना है। ऐसे
लोग बहुजन आंदोलन को खत्म करना चाह रहे हैं लेकिन बहुजन नायकों के विचारों की तपिश
में ऐसी ताकतें भस्म हो जाएंगी और बहुजन राज करेंगे।