संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए चौधरी राजेंद्र और मंचासीन अनीता भारती, डॉ. दुर्गा श्रीवास्तव, अमरनाथ और विजय नारायण। |
लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती और डॉ. राम मनोहर लोहिया
की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘लोकतंत्रः गतिरोध और संभावनाएं’ विषयक संगोष्ठी में समाजवादियों,
गांधीवादियों और वामपंथियों ने व्यक्त किये विचार।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। लोकनायक जय
प्रकाश नारायण और डॉ. राम मनोहर लोहिया राजनीतिक और वैचारिक प्रतिबद्धता और समर्पण
के प्रतीक हैं। उनका ना कोई घर था और ना ही कोई निश्चित पता। आज राजनीति से
विचारधाराएं गायब हो गई हैं। उनकी जगह संप्रदायवाद और जातिवाद ने ले लिया है।
राजनीति आज देश का खजाना लूटने का धंधा बन चुकी है।