शनिवार, 24 मार्च 2018

JNU के आरक्षण विरोधी प्रोफेसर राकेश भटनागर को मिली BHU की कमान

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रो. राकेश भटनागर विश्वविद्यालय परिसर में आरक्षण विरोधी संगठन यूथ फॉर इक्वलिटी के संस्थापक सदस्यों में थे शामिल। भटनागर ने वर्ष 2007 में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का किया था विरोध।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर राकेश भटनागर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के नये कुलपति नियुक्त किये गए हैं। शुक्रवार को देर रात बीएचयू प्रशासन ने ई-मेल जारी कर इस बात की पुष्टी कर दी है। बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर राकेश भटनागर नैनीताल स्थित कुमाऊ विश्वविद्यालय के कुलपति समेत जेएनयू विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रह चुके हैं। साथ ही वे विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच मुखर आरक्षण विरोधी के रूप में जाने जाते हैं।

शुक्रवार, 23 मार्च 2018

भगत सिंह के शहादत दिवस पर उठा भारत में ब्राह्मणवादी फासीवाद का मुद्दा

भगत सिंह 23 साल के जरूर थे लेकिन उनके पास दुनिया को बेहतर बनाने का एक बेहतरीन दर्शन था- प्रमोद बांगड़े
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु एवं पाश के शहादत दिवस के अवसर पर "भगत सिंह छात्र मोर्चा" ने शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय के राधाकृष्णन सभागार में "मौजूदा समय में भगत सिंह, छात्र राजनीति और हम" विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें वक्ताओं ने क्रांतिकारी भगत सिंह के मानवतावादी और आधुनिकतावादी पहलुओं के साथ वर्तमान फासीवादी सरकारों पर चर्चा की।

रविवार, 18 मार्च 2018

‘पगहा-अंगूठी-एंटीना’ से मुक्ति ही सामाजिक न्याय की आवाज को करेगा बुलंद-उदय नारायण चौधरी

सामाजिक समानता संगठन’ के बैनर तले आयोजित ‘सामाजिक न्यायः भूत, वर्तमान और भविष्य’ विषयक गोष्ठी के पहले दिन वक्ताओं ने मंडल आयोग की सिफारिशों और उनके क्रियान्वयन, सामाजिक न्याय आंदोलन में भगत सिंह की भूमिका और मीडिया की वर्तमान भूमिका पर रखे विचार। यूजीसी की नई नियमावली से वंचित समुदाय के प्रतिनिधित्व के खात्मे का भी उठाया सवाल।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी । पगहा, अंगूठी और एंटीना। ये हमारी गुलामी का संदेश देते हैं। सबसे पहले हमें इनसे मुक्ति लेनी होगी।‘पगहा-अंगूठी-एंटीना’ से मुक्ति ही सामाजिक न्याय की आवाज को बुलंद करेगा। पूजा, अंधविश्वास और रूढ़ीवाद के प्रतीक के रूप में हमारे बीच मौजूद पगहा (रक्षा धागा), अंगूठी और एंटीना (चुंडी) से जब तक हम मुक्ति नहीं लेंगे, हमारे साथ सामाजिक अन्याय होता रहेगा। 

UGC की नई नियमावली के खिलाफ बहुजनों ने वाराणसी में प्रधानमंत्री कार्यालय पर किया प्रदर्शन

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों समेत विभिन्न सरकारी और निजी संस्थाओं में आबादी के अनुपात में मांगा आरक्षण, यूजीसी की नई नियमावली को बताया सामाजिक न्याय विरोधी फरमान।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़ी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी की नई नियमावली के खिलाफ बहुजन छात्रों, शिक्षकों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शनिवार को रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया और इस नियमावली को जल्द से जल्द निरस्त करने की मांग की। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बहुजनों को उनकी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिये जाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो उसके खिलाफ पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा।