उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की वजह से करीब अन्य पिछड़ा वर्ग के करीब 15000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे थे।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
भाजपा की योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में हो रही भर्तियों में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के बाद अब उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती का मामला राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग पहुंच गया है। आयोग ने भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण की अनदेखी को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों समेत परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव को तलब किया है। आयोग ने उन्हें और शिकायतकर्ता को अगली सुनवाई पर संबंधित सुबूतों और दस्तावेजों के साथ व्यक्तिगत रूप में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। साथ ही आयोग ने उन्हें चेतावनी दी है कि अगर वे अगली सुनवाई पर आयोग के सामने उपस्थित नहीं होते हैं तो वह भारतीय संविधान के अनुच्छेद-338बी(8) के तहत मिले सिविल कोर्ट के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र होगा।