संत शिरोमणि गुरु रविदास की 644वीं जयंती के मौके पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर स्थित केएन उडुप्पा सभागार में "भारत की वर्तमान समस्याओं के निवारण में संत रविदास के क्रांतिकारी चिंतन की भूमिका" विषक संगोष्ठी का हुआ आयोजन।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। रैदास का जो चिंतन है, वह एक समाज वैज्ञानिक का चिंतन है। वे एक समाज वैज्ञानिक थे। सच में वह समाज के नायक थे। उन्होंने मध्यकाल में सामाजिक क्रांतिकारी चिंतन से समाज को उद्वेलित किया।