राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) के मौके पर 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में पिछड़ों ने भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकारों के खिलाफ सड़कों पर खोला मोर्चा। नीट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा के तहत राज्यों द्वारा समर्पित सीटों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी को आरक्षण देने और सामान्य वर्ग का आतिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) पर अन्य पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों ने सोमवार को 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के तहत देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में राज्यों की समर्पित सीटों पर OBC का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके राजनीतिक धड़े भारतीय जनता पार्टी (BJP)पर अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाया।