वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। विश्वविद्यालय परिसरों में भ्रष्टाचार और दमन के खिलाफ मुखर आवाज को दबाने के लिए जानलेवा हमलों का दौर शुरू हो गया है। हैदराबाद विश्वविद्यालय, जेएनयू और बीएचयू के बाद बाबा भीमराव अंबेडकर विवि के छात्रों श्रेयात बौद्ध और अमन वर्मा पर रविवार को जानलेवा हमला हुआ। आरोप है कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कमल जायसवाल ने ठेकेदार उपेंद्र सिंह समेत करीब दो दर्जन लोगों ने छात्रों पर हमला किया। छात्रों की तहरीर पर आशियाना थाने में प्रो. कमल जायसवाल, शशांक तिवारी, ऋषि शुुुक्ला, साईंनाथ आउट सोरसिंग एजेंसी के ठेकेदार उपेन्द्र सिंह समेत करीब दो दर्जन अज्ञात लोगोंं के खिलाफ संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है जिसमें एससीएसटी एक्ट की धारा-3(1)(10) भी शामिल है।
उक्त छात्र विवि में प्रो कमल जायसवाल के द्वारा किये जा रहे महिलाओं के शोषण, भ्रष्टाचार, अनैतिक कार्यों के बारे में लगातार खुलासे करवाने में लगातार संघर्ष किया है। जिसमें श्रेयात और अमन अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन (AUDSU) के सक्रिय सदस्य भी हैं। AUDSU लगातार विवि के अंदर चल रही अराजकता को उजागर कर रहा था।
प्रो कमल जायसवाल ने पिछले साल 7 सितंबर 2016 को भी विवि के अनुसूचित जाति के 8 छात्रों के ऊपर मारपीट के झूठे आरोप में FIR भी दर्ज करवाकर विवि से बिना किसी जांच के निष्काषित भी करवा उनका भविष्य बर्बाद करने की कोशिश की थी। जिनमें श्रेयात का नाम सबसे पहले था। उसके कुछ दिन बाद प्रो कमल जायसवाल ने कुछ दिनों बाद फिर श्रेयात सहित अन्य लड़कों को देख लेने की धमकी दी थी। जिनमें एक छात्र बसन्त कनौजिया को भी उपेन्द्र सिंह ने जान से मारने की धमकी दी थी।
दिनांक 18 अगस्त 2017 को फिर प्रो कमल जायसवाल के कहने पर डॉ नीतू सिंह, प्रो RB राम और प्रो रामचंद्रा ने AUDSU के 9 छात्रों को फेसबुक की एक पोस्ट पर FIR दर्ज करवा दी है। जिससे फेसबुक के माध्यम से उनके खिलाफ कोई आवाज न उठा सके। जो आरोप लगाया है वो एकदम झूठा है। लेकिन जब उक्त आरोपित लोगों का इतने में ही मन नही भरा तो उन लोगों ने दिनांक 20 अगस्त 2017 को प्रो जायसवाल, प्रो राम, डॉ नीतू सिंह, प्रो चन्दा और ठेकेदार उपेन्द्र सिंह ने साजिश रचकर जानलेवा हमला करवाया। जिससे उक्त छात्रों के अंदर भय का माहौल पैदा हो और वह विवि और अमेठी कैंपस के अंदर चल रही भ्रष्टाचार व अनैतिक गतिविधियों के खिलाफ कोई बोल न सके।
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