टेंडर
भरने की आखिरी तारीख तक “पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट
लिमिटेड” को नहीं मिला था किसी भी प्रकार के गैस आपूर्ति का
लाइसेंस।
reported by Shiv Das
वाराणसी। राजनीतिक बिसात पर खड़ी नौकरशाही की बेबसी जून में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
(बीएचयू) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में मरीजों की ‘हत्या’ का इतिहास लिख गई। बीएचयू अस्पताल में मेडिकल गैसों की आपूर्ति से जुड़े
दस्तावेज कुछ ऐसी ही दास्तां बयां कर रहे हैं। दस्तावेजों की मानें तो बीएचयू
प्रशासन ने सियासी गठजोड़ में मशीन और उपकरण बनाने वाली भाजपा विधायक की कंपनी को जीवनरक्षक
मेडिकल ऑक्सीजन, नाइट्रस ऑक्साइड और कॉर्बन डाई ऑक्साइड गैसों की आपूर्ति का ठेका
दे दिया जबकि इसके पास किसी भी प्रकार के गैसों की आपूर्ति का लाइसेंस ही नहीं था।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
की अधिकारिक वेबसाइट (www.bhu.ac.in/tender)
पर उपलब्ध दस्तावेजों से पता चलता है कि सर सुन्दरलाल चिकित्सालय के
चिकित्सा अधीक्षक ने पिछले वर्ष 9 जून को सूचना प्रकाशित कर मेडिकल गैसों
(ऑक्सीजन, नाइट्रस ऑक्साइड और कॉर्बन डाई ऑक्साइड) की आपूर्ति की निविदा आमंत्रित
की थी। इसमें निविदा भरने की आखिरी तारीख एक महीने बाद 11 जुलाई निर्धारित थी। तीन
करोड़ रुपये की यह निविदा बाद में संशोधित होकर डेढ़ करोड़ रुपये की हो गई थी।
उक्त आमंत्रित निविदा की
शर्तों की बात करें तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रकाशित सूचना में कोटेशन के साथ
सक्षम अधिकारी की ओर से जारी वैध लाइसेंसों की प्रमाणित प्रतियों की मांग की थी
जिसमें मेडिकल गैसों के उत्पादन और आपूर्ति का लाइसेंस भी शामिल था।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय द्वारा प्रकाशित निविदा के अंश की प्रति |
प्रकाशित निविदा सूचना के महत्ववूर्ण निर्देशों के बिन्दु-13 (iii & iv) में स्पष्ट लिखा है कि वैध लाइसेंस और दस्तावेज नहीं होने की स्थिति में विश्वविद्यालय कोटेशन को निरस्त कर देगा।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय द्वारा प्रकाशित निविदा के अंश की प्रति |
वहीं, सर सुंदरलाल
चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक ओपी उपाध्याय द्वारा 11 अप्रैल 2017 को “मेसर्स पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, 42,
इंडस्ट्रियल कॉलोनी, चक दाउद नगर, नैनी, इलाहाबाद” को लिखे
पत्र से पता चलता है कि बीजेपी विधायक हर्ष वर्धन बाजपेयी की कंपनी ने 5 जुलाई
2016 को आमंत्रित निविदा का अपना कोटेशन भरा था। इस संबंध में कंपनी ने 10 नवंबर
2016 को पत्र लिखकर सर सुंदरलाल अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति के लिए
‘रेट कॉन्ट्रैक्ट’ के बारे में पूछा
था। इस पत्र में साफ लिखा है कि विश्वविद्यालय द्वारा अगले ‘रेट
कॉन्ट्रैक्ट’ की घोषणा तक मेडिकल ऑक्सीजन, नाइट्र्स ऑक्साइड
और कॉर्बन डाई ऑक्साइड गैसों का ठेका उक्त कंपनी को आबंटित किया जाता है।
विश्वविद्यालय
की अधिकारिक वेबसाइट के टेंडर टैब में उक्त गैसों की आपूर्ति के लिए विश्वविद्यालय
प्रशासन की ओर से 20 मई 2017 के पहले कोई अन्य निविदा आमंत्रित नहीं की गई है।
हालांकि यह निविदा मेडिकल गैस पाइप लाइन तंत्र की आपूर्ति और स्थापना के लिए थी। इससे
स्पष्ट है कि पिछले साल 9 जून को प्रकाशित निविदा सूचना के आधार पर आबंटित ठेकेदार
“मेसर्स पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड” इस साल जून में कथित रूप से 20 मरीजों की मौत की घटना तक मेडिकल गैसों की
आपूर्ति करता रहा।
“वनांचल एक्सप्रेस” और मीडिया विजिल की संयुक्त पड़ताल में सामने आया है कि “मेसर्स पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, 42,
इंडस्ट्रियल कॉलोनी, चक दाउद नगर, नैनी, इलाहाबाद” कंपनी
पिछले साल 9 जून को आमंत्रित उक्त निविदा की आखिरी तारीख तक मशीन और उपकरण निर्माण
में सक्रिय रही है। कंपनी की कॉर्पोरेट पहचान संख्या (सीआईएन) संख्या-
यू31300यूपी1981पीटीसी005434 है जो दर्शाती है कि यह एक गैर-सरकारी और असूचीबद्ध
कंपनी है। 30 सितंबर 1981 को पंजीकृत इस कंपनी में इस समय दो सक्रिय निदेशक हर्ष
वर्धन वाजपेयी और मंगला प्रसाद हैं जबकि पूर्व के निदेशकों अशोक कुमार बाजपेयी, कुक्कू
लाल और सुधीर कुमार ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। पिछले साल मार्च में ढाई
करोड़ रुपये की पूंजी वाली इस कंपनी के प्रबंध निदेशक हर्ष वर्धन बाजपेयी हैं जो
वर्तमान में इलाहाबाद उत्तरी से विधायक और भाजपा नेता हैं। ऑनलाइन उपलब्ध
दस्तावेजों की मानें तो कंपनी के अधिकारियों की वार्षिक जनरल मीटिंग पिछले साल 30
सितंबर को हुई थी। उस समय तक कंपनी मशीन और उपकरण निर्माण में ही सक्रिय रही। अगर गैस
उत्पादन और आपूर्ति के धंधे में कंपनी की भागीदारी की बात करें तो इसमें उसकी
कार्यशैली संदेह के घेरे में है।
भारत सरकार के वाणिज्य एवं
उद्योग मंत्रालय के अधीन वाणिज्य विभाग के दस्तावेज बताते हैं कि “मेसर्स पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, 42,
इंडस्ट्रियल कॉलोनी, चक दाउद नगर, नैनी, इलाहाबाद” कंपनी ने पिछले
साल 18 मार्च को कानपुर स्थित पूर्ति तथा निपटान महानिदेशक ((डीजीएस&डी) के क्षेत्रीय कार्यालय में ऑक्सीजन गैस की
आपूर्ति के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। उप-निदेशक (पंजीकरण)हरि मोहन रथि ने 20
जुलाई 2016 को औद्योगिक इकाइयों में उपयोग होने वाली कंप्रेस्ड ऑक्सीजन गैस की
आपूर्ति के लिए कंपनी का पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी किया।
पड़ताल में सामने आया कि इसके
अलावा विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की गैस आपूर्ति के लिए कंपनी को पंजीकरण
प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है। इससे एक बात और स्पष्ट हो जाती है कि बीएचयू
अस्पताल द्वारा मेडिकल गैसों की आपूर्ति के लिए आमंत्रित उक्त निविदा की आखिरी
तारीख 11 जुलाई 2016 तक “मेसर्स पैररहट इंडस्ट्रियल
इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड” को किसी प्रकार की
गैस-आपूर्ति (मेडिकल या औद्योगिक) का लाइसेंस प्राप्त नहीं था। जानकार बताते हैं
कि पूर्ति तथा निपटान महानिदेशक ((डीजीएस&डी) कार्यालय में पंजीकृत कंपनियां और फर्में ही केंद्र सरकार के अधीन
संस्थानों में आवश्यक सामानों की आपूर्ति कर सकती हैं।
उधर, इलाहाबाद मंडल के
सहायक आयुक्त (औषधि) केजी गुप्ता ने भी गत 6 जुलाई को सूचना का अधिकार अधिनियम के
तहत स्पष्ट कर दिया है कि “मेसर्स पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज
प्राइवेट लिमिटेड” कंपनी को औषधि विभाग द्वारा किसी भी
प्रकार के मेडिकल गैस उत्पादन का लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी
स्पष्ट कहा है कि उक्त कंपनी को मेडिकल ऑक्सीजन गैस और मेडिकल नाइट्रस ऑक्साइड गैस
के उत्पादन का लाइसेंस प्रदान नहीं किया गया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन
उत्तर प्रदेश के आयुक्त ने भी विभागीय जांच रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि काशी
हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में 5-7 जून हादसे के दौरान नॉन
फार्माकोपियल ग्रेड की नाइट्रस ऑक्साइड का उपयोग किया गया जो औषधि की श्रेणी में
नहीं आता है।
उक्त बिन्दुओं से इसकी
संभावना प्रबल हो जाती है कि बीएचयू प्रशासन ने भाजपा विधायक हर्ष वर्धन बाजपेयी को
लाभ पहुंचाने के लिए आमंत्रित निविदा की शर्तों का उल्लंघन कर उनकी कंपनी “मेसर्स पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड” को मेडिकल ऑक्सीजन, नाइट्रस ऑक्साइड और कॉर्बन डाई ऑक्साइड गैसों का ठेका
दिया। दस्तावेजों, जांच रपटों और आरोपों की मानें तो भाजपा विधायक के दबाव में
बीएचयू प्रशासन ने मरीजों की ज़िदगी से खिलवाड़ किया जिसकी वजह से जून महीने में
करीब 20 से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई।
इस मामले में उच्च
न्यायालय इलाहाबाद में जनहित याचिका दायर कर मरीजों की मौत के लिए बीएचयू प्रशासन
को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराने वाले पूर्व छात्र नेता भुवनेश्वर द्विवेदी ने विश्वविद्यालय
प्रशासन मरीजों की मौत का सौदागर बन गया है। करीब 50 मरीजों की मौत के लिए
जिम्मेदार गैसों की आपूर्ति करने वाली कंपनी के पास दवा बनाने और उसकी आपूर्ति
करने का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे ठेका आबंटित कर
दिया जो नियमों का खुलेआम उल्लंघन है।
बता दें कि भुवनेश्वर
द्विवेदी की याचिका पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने मंगलवार को चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर मामले की
जांच कराने और छह हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने बीएचयू
प्रशासन से मामले में हलफनामा मांगा है। बता दें कि गत 5-7 जून के
बीच सर सुंदरलाल चिकित्सालय के ओटी में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई
थी। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन तीन मरीजों की मौत को ही स्वीकार कर रहा है।
ये भी पढ़ेंः
BHU EXCLUSIVE: भाजपा विधायक की कंपनी के ‘जहर’ से बीएचयू अस्पताल में हुई थी मरीजों की मौत!
BHU अस्पताल में ज़हरीली गैस से हुई मौतों पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सरकार को दिया जांच का आदेश
BHU EXCLUSIVE: मनुवादी सवर्ण प्रशासकों ने आरक्षित वर्ग में असिस्टेंट प्रोफेसर के 141 पदों को किया खत्म
BBAU:मनुवादी शिक्षिका का पाठ-"अम्बेडकर के थे महिलाओं से अवैध संबंध, बुद्ध थे अत्याचारी"
BHU में भगवा गुंडों ने छात्रों को पीटा, फिर कराया FIR
BHU में SC, ST और OBC के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने की मांग को लेकर बहुजन छात्रों ने किया प्रदर्शन
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शैक्षिक पदों पर आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर वाराणसी में प्रदर्शन
सामाजिक न्याय सम्मेलन में जाति नहीं, जमात को एकजुट करने का उठा मुद्दा
BHU समेत देश के विश्वविद्यालयों में आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन
EXCLUSIVE: वाराणसी में पुलिस ने दलित शिक्षिका को ‘जूता-चप्पलों की माला पहनाई और नंगा घुमाया’
BHU: डॉ. शोभना नर्लिकर के खिलाफ लामबंद हुए ये शिक्षक, देखिए सूची
UGC की नीतियों के खिलाफ छात्रों ने निकाला प्रतिरोध मार्च
BHU: जातिगत उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए छात्रों ने घेरा लंका थाना
BHU पत्रकारिता विभाग में वंचित वर्ग की शिक्षिका का उत्पीड़न, हिंदी के प्रोफेसर कुमार पंकज पर संगीन FIR
BBAU: प्रोफेसर ने ठेकेदार संग अनुसूचित जाति के शोधार्थी पर किया जानलेवा हमला, संगीन धाराओं में FIR दर्ज
ये भी पढ़ेंः
BHU EXCLUSIVE: भाजपा विधायक की कंपनी के ‘जहर’ से बीएचयू अस्पताल में हुई थी मरीजों की मौत!
BHU अस्पताल में ज़हरीली गैस से हुई मौतों पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सरकार को दिया जांच का आदेश
BHU EXCLUSIVE: मनुवादी सवर्ण प्रशासकों ने आरक्षित वर्ग में असिस्टेंट प्रोफेसर के 141 पदों को किया खत्म
BBAU:मनुवादी शिक्षिका का पाठ-"अम्बेडकर के थे महिलाओं से अवैध संबंध, बुद्ध थे अत्याचारी"
BHU में भगवा गुंडों ने छात्रों को पीटा, फिर कराया FIR
BHU में SC, ST और OBC के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने की मांग को लेकर बहुजन छात्रों ने किया प्रदर्शन
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शैक्षिक पदों पर आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर वाराणसी में प्रदर्शन
सामाजिक न्याय सम्मेलन में जाति नहीं, जमात को एकजुट करने का उठा मुद्दा
BHU समेत देश के विश्वविद्यालयों में आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन
EXCLUSIVE: वाराणसी में पुलिस ने दलित शिक्षिका को ‘जूता-चप्पलों की माला पहनाई और नंगा घुमाया’
BHU: डॉ. शोभना नर्लिकर के खिलाफ लामबंद हुए ये शिक्षक, देखिए सूची
UGC की नीतियों के खिलाफ छात्रों ने निकाला प्रतिरोध मार्च
BHU: जातिगत उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए छात्रों ने घेरा लंका थाना
BHU पत्रकारिता विभाग में वंचित वर्ग की शिक्षिका का उत्पीड़न, हिंदी के प्रोफेसर कुमार पंकज पर संगीन FIR
BBAU: प्रोफेसर ने ठेकेदार संग अनुसूचित जाति के शोधार्थी पर किया जानलेवा हमला, संगीन धाराओं में FIR दर्ज
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you for comment