भाकपा(माले), आईपीएस और रिहाई मंच के हस्ताक्षर अभियान के तीसरे दिन 500 से ज्यादा लोगों ने किया समर्थन।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
बलिया। जिले के शिवपुर दीयर गांव में आगजनी और हिंसा के शिकार दलितों और
आदिवासियों को न्याय दिलाने रिहाई मंच और भाकपा मामले समेत कई जनसंगठनों ने अभियान
छेड़ दिया है। इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आगजनी और हिंसा के लिए जिम्मेदार
लोगों को दण्ड दिलाने के लिए इलाके में हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है जो 2 मई को जिले के दौरे पर आ रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को
सौंपा जाएगा। हस्ताक्षर अभियान के तीसरे दिन स्थानीय रेलवे स्टेशन के पास करीब 500 लोगों ने हस्ताक्षर कर उनकी मांगों का समर्थन किया। संगठन
के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सदर विधायक नारद राय और उनके समर्थकों ने दलितों की
झोपड़ियों में आग लगाया और हिंसा की जिसमें दर्जनों लोग बुरी तरह से घायल हो गए और
लाखों की सम्पत्ति का नुकसान हुआ।
रेलवे स्टेशन पर चलाए गए हस्ताक्षर अभियान में आज लगभग 500
लोगों ने अभियान के मांग पत्र से सहमति जताते हुए हस्ताक्षर
किए। इस दौरान हुई सभा को सम्बोधित करते हुए इंडियन पिपुल्स सर्विसेज के अरविंद
गोंड,
भाकपा माले के लक्ष्मण यादव और रिहाई मंच के मंजूर आलम और
डॉ अहमद कमाल ने स्टेशन पर एकत्रित लोगों से इस हस्ताक्षरा अभियान में बढ़-चढ़ कर
शामिल होने का आह्वान किया। नेताओं ने कहा कि 2 मई को जिले के दौरे पर आ रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को
शिवपुर दीयर के दलितों, आदिवासियों के घर जलाने वालों को पुलिस कप्तान मनोज कुमार
झा और नारद राय द्वारा बचाने के आपराधिक कृत्य को उजागर करने वाला जांच रिपोर्ट भी
सौंपा जाएगा।
नेताओं ने कहा कि आगजनी और जानलेवा हमले से पहले ही 11
मार्च 2016 को पीडि़तों ने एसपी और डीएम को लिखित में सूचना दी थी कि
दबंग उनको जिंदा जला देने की धमकी दे रहे हैं लेकिन पुलिस प्रशासन ने नारद राय के
दबाव में काम करने के कारण फरियादियों की कोई मदद नहीं की। यहां तक कि घटना के बाद
घटना स्थल पर पहुंचे एसपी ने खुद वहां से कारतूस के दो खोखे बरामद किए लेकिन
एफआईआर में इस तथ्य को जानबूझ कर गायब कर दिया गया ताकि केस कमजोर हो जाए। नेताओं
ने कहा कि समाजवाद के नाम पर वोट पाकर जीते सदर विधायक का अब तक अपराध स्थल तक
नहीं जाना, पीडि़तों को मुआवजा नहीं मिलना साबित करता है कि सपा सरकार सवर्ण और सामंतों
की हितों की रक्षा में अपने संवैधानिक कर्तव्य तक भूल गई है।
उन्होंने कहा कि अपनी
सभाओं में दिनेश लाल यादव निरहुआ जैसे अश्लील भोजपूरी गायकों के जरिए भीड़ इकठ्ठा
करने वाले युवा मुख्यमंत्री को अपने विधायक के जुल्म से पीडि़त गोंड़,
खरवार, पासी और पासवानों के घर भी जाना चाहिए जो खुले आसमान के
नीचे रहने को मजबूर हैं। इस दौरान गोपाल जी खरवार, रोशन अली, सुरेश शाह, मनोज शाह, रंजीत कुमार गोंड़, सुशील गोंड़, भरत गोंड़, मिथिलेश पासवान, मुन्ना पासी, शिवशंकर खरवार, रामसेवक खरवार, चंद्रमा गोंड़, मनोज गोंड़ आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।