सोमवार, 29 जून 2020

मैनपुरी हत्याकांडः आठ दिनों बाद हरकत में आई योगी सरकार, सपा ने की CBI जांच की मांग

वनांचल एक्सप्रेस पर खबर छपने के बाद हरकत में आई योगी सरकार ने माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति को मौके पर भेजा। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति भी पहुंचे। राष्ट्रीय सचिव अखिलेश कटियार के नेतृत्व में खरपरी पहुंचा सपा का पांच सदस्यीय दल। सीबीआई जांच की मांग की। न्याय नहीं मिलने पर दी आंदोलन की चेतावनी...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

मैनपुरी के खरपरी गांव स्थित माधोनगर में गत 17 जून की रात में कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंके जाने के मामले में राजनीति तेज हो गई है। वनांचल एक्सप्रेस पर खबर छपने के बाद हरकत में आई योगी सरकार ने गत 26 जून को माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति को मौके पर भेजा लेकिन पीड़ित परिवारों को मुआवजे के नाम पर एक फूटी कौड़ी नहीं दी। वहीं, समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय सचिव अखिलेश कटिआर की अगुआई में छह सदस्यीय दल का गठन कर मामले की रिपोर्ट मांगी है। यह दल रविवार को खरपरी का दौरा कर वापस लौट गया। साथ ही उसने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। पीड़ितों को न्याय नहीं मिलने पर उसने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
खरपरी के माधोनगर निवासी कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाए जाने के आठ दिनों बाद तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस, सुभासपा, अपना दल(सोनेलाल) आदि राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों की जुबान तक नहीं खुली थी। उन्होंने पीड़ित परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो जाने के बाद भी एक ट्विट नहीं किया था। वनांचल एक्सप्रेस ने गत 26 जून की अल सुबह 'कुम्हारों को ज़िंदा जलाने पर मुख्यमंत्री की नहीं खुली जुबान, सपा-बसपा-भाजपा और कांग्रेस भी खामोश' शीर्षक से खबर प्रकाशित की। साथ ही ट्वीटर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए ट्विट किया गया। इसके अलावा उपरोक्त सभी नेताओं को भी ट्विटर पर टैग किया गया। 


इसके बाद हरकत में आई भाजपा सरकार ने माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति को मौके पर भेजा। वे पीड़ित परिवार और सैफई स्थित पीजीआई मेडिकल कॉलेज में भर्ती दोनों बहनों से मिले लेकिन आश्वासनों के सिवाय वे उन्हें कुछ नहीं दे सके। जब उनसे खरपरी पहुंचने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यहां आए हैं। दोपहर बाद राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति भी मैनपुरी पहुंचे। वे वहां जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मामले की जानकारी लिए। इसके बाद वे मेडिकल कॉलेज में भर्ती पीड़ित दोनों बहनों से मिले। फिर वहां से खरपरी पहुंचे। 


इस दौरान उन्होंने मृतक राम बहादुर प्रजापति के बेटे मोहित प्रजापति को व्यक्तिगत तौर पर 51000 रुपये का चेक दिया। पीड़ित परिवार को आश्वासन देकर वहां से चलते बने।  विधिक रूप में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष के तौर पर उन्होंने अभी तक कोई लिखित कार्रवाई नहीं की है। उनके पास विधिक शक्ति है कि वह मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश शासन से जवाब मांग सकते थे जैसा कि आयोग के बतौर सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल ने प्रतापगढ़ के गोविंदपुर की घटना में किया था। 


ऐसे मामलों में सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता धनराशि और अन्य सुविधाओं के मामले में उन्होंने क्या कार्रवाई की, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। हालांकि उन्होंने फेसबुक पर बहुत ही बेबाकी से बड़े-बड़े दावे किए हैं।


दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने शनिवार को खरपरी की घटना की जानकारी प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय सचिव अखिलेश कटियार के नेतृत्व में छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इसमें पूर्व एमएलसी दयाराम प्रजापति, एटा के जिला महासचिव भूपेंद्र प्रजापति, युवजन सभा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव अनिल आर्य प्रजापति, फिरोजाबाद के पार्षद छत्रपाल प्रजापति और मैनपुरी के हरवीर प्रजापति बतौर सदस्य शामिल थे।



जांच कमेटी रविवार को खरपरी पहुंची और पीड़ित परिवारों से मिली। इस दौरान अनिल आर्य मौजूद नहीं थे। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए अखिलेश कटियार ने कहा कि अगर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला तो समाजवादी पार्टी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेगी। 2022 में सरकार बनने पर मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सजा दिलाने का काम करेगी। 


दयाराम प्रजापति ने भाजपा से मांग की कि खरपरी हत्याकांड की सीबीआई जांच कराई जाए। साथ ही पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये और मृतक राम बहादुर प्रजापति के बेटे मोहित प्रजापति को सरकारी नौकरी दी जाए। इस दौरान पूर्व एमएलसी दयाराम प्रजापति ने व्यक्तिगत तौर पर मोहित प्रजापति को 5100 रुपये का चेक दिया। हालांकि समाजवादी पार्टी की ओर से भी पीड़ित परिवार को कोई सहायता धनराशि नहीं दी गई।


मोहित प्रजापति के चचेरे भाई रविकांत प्रजापति के मुताबिक पीड़ित परिवार को अलीगढ़ के अतरौली निवासी दीपक प्रजापति से 20000 रुपये की सहायता मिली है। फिरोजाबाद निवासी महेश पाल प्रजापति ने व्यक्तिगत रूप में 2100 रुपये की मदद की है। इसके अलावा पीड़ित परिवार को अभी किसी भी राजनीतिक पार्टी, संगठन या सरकार की तरफ से कोई सहायता धनराशि प्राप्त नहीं हुई है और ना ही पीड़ित परिवार के परिजनों को किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी की पेशकश की गई है।

बता दें कि मैनपुरी के माधोनगर गांव निवासी राम बहादुर प्रजापति गत 17-18 जून की रात परिवार के साथ घर में सो रहे थे। आरोप है कि गांव के मुरारी कश्यप ने पुरानी रंजिश की वजह से बाहर से दरवाजे की कुंडी बंद कर घर में आग लगा दी। इससे राम बहादुर प्रजापति, उनकी पत्नी सरला देवी, उनकी बेटी संध्या प्रजापति उर्फ रोली ((18 वर्ष) और शिखा प्रजापति (14 वर्ष) समेत उनका दो वर्षीय नाती ऋषि गंभीर रूप से झुलस गए। ऋषि की घटना के दिन ही मौत हो गई। अन्य लोगों को गंभीर रूप में सैफई स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। वहां रविवार को राम बहादुर प्रजापति ने भी दम तोड़ दिया। मंगलवार को उनकी पत्नी सरला देवी की मौत भी हो गई। मरने से पहले रिकॉर्ड किया गया सरला देवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह घटना के बारे में बताने की कोशिश कर रही हैं। उनकी बेटी रौली और शिखा का इलाज सैफई के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। सोशल मीडिया पर शिखा का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें वह घर में आग लगाने वाले मुरारी, गौरव और संजय का नाम ले रही है। हालांकि आरोपी दूसरे व्यक्ति का नाम गौरव ही है, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।

ये भी पढ़ें...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you for comment