सैफई के पीजीआई अस्पताल में भर्ती 14 वर्षीय शिखा प्रजापति ने तोड़ा दम। संध्या प्रजापति उर्फ रोली की हालत नाजुक। राम बहादुर प्रजापति समेत परिवार के तीन सदस्यों की पहले ही हो चुकी है मौत।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मैनपुरी कोतवाली के खरपरी गांव के माधोनगर मुहल्ला निवासी राम बहादुर प्रजापति के परिवार को जिंदा फूंकने के मामले में बृहस्पतिवार की देर रात चौथी मौत हो गई। सैफई स्थित पीजीआई अस्पताल में भर्ती चौदह वर्षीय शिखा प्रजापति ने दम तोड़ दिया। वहीं, शिखा के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
बता दें कि माधोनगर खरपरी गांव निवासी राम बहादुर प्रजापति गत 17-18 जून की रात परिवार के साथ घर में सो रहे थे। आरोप है कि गांव के मुरारी कश्यप ने पुरानी रंजिश की वजह से बाहर से दरवाजे की कुंडी बंद कर घर में आग लगा दी थी। इससे राम बहादुर प्रजापति, उनकी पत्नी सरला देवी, उनकी बेटी संध्या प्रजापति उर्फ रोली ((18 वर्ष) और शिखा प्रजापति (14 वर्ष) समेत उनका दो वर्षीय नाती ऋषि गंभीर रूप से झुलस गए। ऋषि की घटना के दिन ही मौत हो गई। अन्य लोगों को गंभीर रूप में सैफई स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
वहां गत 21 जून को राम बहादुर प्रजापति ने भी दम तोड़ दिया। दो दिन बाद 23 जून को उनकी पत्नी सरला देवी की मौत भी हो गई। मरने से पहले रिकॉर्ड किया गया सरला देवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें वह घटना के बारे में बताने की कोशिश कर रही थीं। उनकी बेटी रौली और शिखा का इलाज सैफई के मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। सोशल मीडिया पर शिखा का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें वह घर में आग लगाने वाले मुरारी, गौरव और संजय का नाम ले रही थी। हालांकि आरोपी दूसरे व्यक्ति का नाम गौरव ही है, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा था। बृहस्पतिवार की देर रात शिखा ने भी सैफई मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। संध्या प्रजापति उर्फ रोली का इलाज अभी भी सैफई स्थित पीजीआई मेडिलल कॉलेज में चल रहा है।
वहीं, संध्या के चचेरे भाई रविकांत प्रजापति ने 'वनांचल एक्सप्रेस' से मोबाइल पर हुई बात-चीत में मेडिकल कॉलेज स्टाफ पर पीड़ितों के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उसने बताया कि गत 26 जून को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति के दौरे के दौरान तक अस्पताल प्रशासन शिखा और संध्या के इलाज पर ध्यान दे रहा था। उनके जाने के बाद वहां के कर्मचारी लापरवाही बरतने लगे। वे उनके घाव को हमें साफ करने के लिए कहते थे जबकि यह काम स्टाफ नर्स का होता है। वे लोग उनके इलाज पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। रविकांत के आरोपों पर सैफई स्थित पीजीआई अस्पताल प्रशासन से बात नहीं हो पाई। उनका पक्ष मिलते ही खबर में जोड़ दिया जाएगा।
मामले में पुलिस ने मुरारी कश्यप के नाम से एक एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है। वहीं, अन्य दो आरोपियों गौरव और संजय सिंह के नाम पर पुलिस जांच करने की बात कह रही है। वहीं, पुलिस के मुताबिक मुरारी ने घर में आग लगाने का अपराध कुबूल कर लिया है। उसने पुरानी रंजिश की वजह से घटना को अंजाम दिया है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मिट्टी के तेल लगे कपड़े, एक रस्सी, माचिस आदि सामान बरामद कर लिया है।
गौर करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जौनपुर में दलित समुदाय पर हुए हमले के मामले में रासुका के तहत कार्रवाई कर पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात करते हैं लेकिन पिछड़ा वर्ग से आने वाले कुम्हार समुदाय के पांच लोगों को जिंदा जला दिए जाने पर खामोशी ओड़े हुए हैं। मेडिकल कॉलेज में मौत के मुहाने पर खड़ी पीड़िता के वीडियो में आरोपियों का नाम सामने आने के बाद भी उन्होंने अभी तक अन्य आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने का आदेश मैनपुरी जिला प्रशासन को नहीं दिया है।
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Dosiyo ke upar sakht karwai ho jaha tak ki fasi .
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