'वनांचल लेखक एवं पत्रकार मंच' तथा 'रीडिंग रूम्स पब्लिकेशन, नई दिल्ली' के संयुक्त तत्वावधान में 'साहित्य और मीडिया में सत्ता की घुसपैठ'
विषयक गोष्ठी का हुआ आयोजन
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। लोकसभा चुनाव-2014 के बाद परिस्थितियां तेजी से बदली हैं और यह पहली बार है
कि लेखकों के लिखने और बोलने एवं उनकी अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदियां लगाई जा
रही हैं और लेखकों की हत्याएं हो रही हैं। यह शुद्ध रूप से उग्र हिंदुत्ववादी
आरएसएस की सरकार है जो कि अपनी पूर्ववर्ती एनडीए सरकार से भी भिन्न है। अटल बिहारी
वाजपेयी की सरकार के समय भी लेखकों और मीडिया पर इस तरीके के हमले नहीं हुए।
आरएसएस का निछद्दम राज है और विपक्ष गायब है।