-उपभोक्ताओं की
शिकायत पर इंडियन ऑयल ने रॉबर्ट्सगंज स्थित विंध्य इंडेन गैस सर्विस की कराई थी
जांच।
-जबरदस्ती एलपीजी गैस
चुल्हा और ट्रॉली देने, ओवरचार्ज करने, कैशमेमो रसीद नहीं देने, एलपीजी युक्त
सिलेंडर नहीं तौलने आदि का आरोप।
वनांचल न्यूज़
नेटवर्क
रॉबर्ट्सगंज
(सोनभद्र)। सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के घोरावल विधायक रमेश चंद्र दुबे के
संरक्षण में संचालित विंध्य इंडेन गैस सर्विस के डिस्ट्रीब्यूटरशिप में
बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली है। मामले को गंभीरता से लेते हुए इंडियन ऑयल के
मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक ने एजेंसी मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा
है। जवाब मिलने पर कंपनी एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
इंडियन ऑयल
कॉर्पोरेशन लिमिटेड के इलाहाबाद परिक्षेत्र के मुख्य प्रबंधक (मार्केटिंग डिविजन) ने
गत 22 नवंबर को तिनताली गांव निवासी शिकायतकर्ता शिव दास को पत्र लिखकर जानकारी दी
है कि उनके आरोपों की जांच के लिए इलाहाबाद (द्वितीय) के उप प्रबंधक (एलपीजी-एस)
राकेश कुमार और जौनपुर के उप-प्रबंधक (एलपीजी-एस) प्रशान्त कुमार की संयुक्त जांच कमेटी
गठित की गई थी। कमेटी ने विंध्य इंडेन गैस सर्विस से जुड़े कुल 15 उपभोक्ताओं से
संपर्क किया और उनकी प्रतिक्रिया ली। इनमें शिकायतकर्ता भी शामिल है। कंपनी के पदाधिकारियों
द्वारा कमेटी की जांच रिपोर्ट का परीक्षण किया गया जिसमें डिस्ट्रीब्यूटरशिप में
बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई है। इन गड़बड़ियों के संबंध में डिस्ट्रीब्यूटर को
कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। उसका जवाब मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की
जाएगी।
बता दें कि
रॉबर्ट्सगंज के सिविल लाइन रोड स्थित विंध्य इंडेन गैस सर्विस घोरावल विधायक और
सपा नेता रमेश चंद्र दुबे के संरक्षण संचालित होता है। लोगों के बीच यह घोरावल
विधायक की गैस एजेंसी के नाम पर चर्चित है क्योंकि इस एजेंसी के संचालन का पूरा
काम घोरावल विधायक के छोटे भाई राजन दुबे देखते हैं। वहीं कागज पर इस एजेंसी के
मालिक अवधेश कुमार द्विवेदी हैं जो रमेश चंद्र दुबे के रिश्तेदार हैं। सत्ताधारी
पार्टी के विधायक की धौंस में एजेंसी में कार्यरत प्रबंधक कमलेश कुमार मिश्रा एवं
एलपीजी गैस सिलेंडर आपूर्ति का काम देखने वाले मनोज कुमार पटेल खुद और उनके मातहत
कर्मचारी नया कनेक्शन देने और एलपीजी गैस युक्त सिलेंडर आपूर्ति करने में
इंडेन उपभोक्ताओं से मनमाना अवैध वसूली करते हैं।
इस साल मार्च में तिनताली गांव
निवासी शिव नारायण और सुशीला ने एजेंसी के अधिकृत वैन चालक राम दुलारे केशरी से
क्रमशः एक डीबीसी और एक सिंगल एलपीजी गैस सिलेंडर लिया था जिसके एवज में कर्मचारी
ने उनसे क्रमशः 8,300 रुपये और 5,800 रुपये वसूल किये थे। शिव नारायण के पास
एलपीजी चुल्हा होने के बाद भी उन्हें कंपनी की ओर से चुल्हा और ट्रॉली दिया गया।
इसे नहीं लेने पर कनेक्शन देने से मना कर दिया गया। कनेक्शन देते समय उन्हें कोई कागजात
मुहैया नहीं कराया गया। कुछ दिनों बाद शिव नारायण के भाई शिव दास को ये बात मालूम
हुई तो उन्होंने विंध्य इंडेन गैस सर्विस के प्रबंधक कमलेश कुमार मिश्रा से नया
कनेक्शन लेने के लिए बात की। इस दौरान उसने भी डीबीसी और सिंगल कनेक्शन की उपरोक्त
दर पर कनेक्शन देने के बात कही। नियम की हवाला देने के बाद भी उसने एलपीजी गैस
चुल्हा और ट्रॉली लेने पर ही एजेंसी से कनेक्शन मिलने की बात कही।
एजेंसी मालिक
अवधेश कुमार द्विवेदी ने इस प्रकरण पर बात करने से ही मना कर दिया। बाद में शिव
दास ने एजेंसी के खिलाफ केंद्र सरकार के संवंधित विभागों से ऑनलाइन शिकायत कर दी।
एजेंसी मालिक ने क्षेत्रीय विपणन अधिकारी प्रभात सिंह से मिलिभगत कर शिकायतकर्ता
से संपर्क किये बिना ही उसकी संतुष्टि की रिपोर्ट कंपनी के शिकायत प्रकोष्ठ को भेज
दी जिसे शिव दास और शिव नारायण ने पुनः चैलेंज कर दिया। आखिर में इंडियन ऑयल के
मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक ने इलाहाबाद (द्वितीय) के उप प्रबंधक (एलपीजी-एस) राकेश
कुमार और जौनपुर के उप-प्रबंधक (एलपीजी-एस) प्रशान्त कुमार की संयुक्त जांच कमेटी
गठित कर दी। कमेटी ने मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट कंपनी को सौंप दी जिसमें
विंध्य इंडेन गैस सर्विस के डिस्ट्रीब्यूटरशिप में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली
है। सूत्रों की मानें तो कंपनी द्वारा इस मामले में कार्रवाई होना तय है।
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