नुक्कड़ नाटक कर मांगा
लोगों का समर्थन। बीएचयू प्रशासन के खिलाफ चलाया हस्ताक्षर अभियान।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। बीएचयू समेत देश
के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य
पिछड़ा वर्ग के लोगों के प्रतिनिधित्व के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए एससी,
एसटी और ओबीसी छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले छात्रों ने शुक्रवार को लंका स्थित
बीएचयू गेट के सामने नुक्कड़ नाटक कर समर्थन मांगा। इस दौरान उन्होंने हस्ताक्षर
अभियान भी चलाया। समिति द्वारा शिक्षण संस्थाओं में प्रतिनिधित्व के अधिकार के लिए
चलाये जा रहे अभियान का यह चौथा दिन था।
नुक्कड़ नाटक के बाद हुई
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एससी,
एसटी और ओबीसी की खाली सीटों को भरा नहीं जा रहा है और ना ही शिक्षकों की नियुक्ति
का रोस्टर जारी किया जा रहा है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की अधिकारिक
वेबसाइट पर जो रोस्टर मौजूद था, उसे भी हटा लिया गया है और प्रशासन मनमाने ढंग से नियुक्ति
को अंजाम दे रहा है। वक्ताओं का कहना था कि विश्वविद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति के
रोस्टर में भी बढ़े पैमाने पर हीलाहवाली करता रहता है और संघ से जुड़े लोगों की
नियुक्ति मानकों और नियमों की अनदेखी करके कर रहा है। इसमें अनुसूचित जाति,
अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के रिक्त पदों को अनारक्षित वर्ग
में कन्वर्ट कर दिया जा रहा है जबकि विश्वविद्यालय में पहले से ही करीब ढाई सौ लोग
अनारक्षित वर्ग में ज्यादा नियुक्त हैं।
कार्यक्रम में बीएचयू के
पूर्व छात्र नेता सुनील यादव, आशीष भारती, धीरज भारती, सुनील कश्यप, रामायण पटेल,
अवधेश कुमार, वीके सहगल, प्रतिमा चौधरी, अल्पना, संदीप कुमार गौतम, बाल गोविंद,
वरुण कुमार भास्कर और रविंद्र प्रकाश मालवीय, हेमंत कुमार, गुलेंद्र, वीरेंद्र
कुमार समेत राष्ट्रीय समता परिवार, स्टूडेंट फॉर चेंज के सदस्य मौजूद रहे।
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