नाटी
इमली में बुद्धिजीवी खोलेंगे सामाजिक न्याय विरोधी सरकारों की पोल तो लंका में
बीएचयू गेट से मिनी पीएमओ तक बहुजन छात्र निकालेंगे प्रतिरोध मार्च।
वनांचल
एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी
। देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में हिस्सेदारी के सवाल पर बहुजन
छात्र और बुद्धिजीवी आज काशी में आंदोलन का बिगुल फूकेंगे। एक तरफ नाटी इमली स्थित
वैश्व समाज सभागार में ‘सामाजिक न्यायः भूत, वर्तमान और भविष्य’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज होगा तो दूसरी तरफ बहुजन
छात्र लंका स्थित सिंह द्वार से रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क
कार्यालय तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सामाजिक न्याय विरोधी फरमान के
खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकालेंगे।
गैर-सरकारी संगठन ‘सामाजिक समानता संगठन (SSS)’ के बैनर तले आयोजित ‘सामाजिक न्यायः भूत, वर्तमान और भविष्य’ विषयक
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि बिहार विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी
होंगे। दो दिवसीय संगोष्ठी के पूरे कार्यक्रम को छह सत्रों में बांटा गया है। पहले
दिन बी.पी. मंडल, भगत सिंह और मीडिया पर व्याख्यान होंगे जबकि दूसरे दिन डॉ. भीम
राव आंबेडकर, बिरसा मुंडा और भारतीय राजनीति की वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की
जाएगी। बी.पी.मंडल सत्र के दौरान वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश उर्मिल, प्रो. साकेत
कुशवाहा, डॉ. अमर नाथ पासवान, डॉ. जे.पी.सिंह, फ्रैंक हुजूर, डॉ. शशि प्रकाश, डॉ.
अवधेश नागर, एच.एल. दुसाध, सूरज मंडल, सुरेंद्र सिंह, नरेंद्र कुमार, प्रो. आदेश
कुमार मौर्य, डॉ. मुन्नी भारती. इंदर सिंह अपना विचार रखेंगे। भगत सिंह सत्र के
वक्ताओं में प्रो. चमन लाल, प्रो. चौथी राम यादव, फादर आनंद, डॉ. लाल रत्नाकर, राम
कृष्णन जागड़े, जियाउद्दीन फारूकी, अमीक जमई, काव्या यादव, प्रो. साकेत कुशवाहा और
बृज लाल भारती का नाम शामिल है। मीडिया सत्र के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार
उर्मिलेश उर्मिल होंगे। इस सत्र के अन्य वक्ताओं में मूलचंद सोनकर, एच.एल.दुसाध,
बृज लाल भारती, मनिंदर यादव, प्रो. मनोज यादव, महेंद्र यादव, ए.के. लहरी, फ्रैंक
हुजूर, रामजी यादव और अजय चौहान का नाम शामिल है।
डॉ. भीम राव आंबेडकर सत्र
के मुख्य वक्ता बी.पी. अशोक होंगे। इस सत्र के अन्य वक्ताओं में वरिष्ठ पत्रकार
दिलीप मंडल, उर्मिलेश उर्मिल, डॉ. विजय तृष्णन, एम.के. राजन, डॉ. लाल रत्नाकर, डॉ.
अनिल पासवान, राम कृष्ण जागड़े, मूलचंद सोनकर, एम.के. राजन, डॉ. विजय तृष्णन,
सुरेंद्र सिंह, सुश्री टीना, चित्रसेन गौतम होंगे। बिरसा मुडा सत्र के दौरान अश्रिता
टुटी, बी.पी. अशोक, प्रभाकर ग्वाल, प्रो. आर.एन. खरवार, डॉ. संजय. डॉ. एस.के.
भारती, कृष्ण मोहन, सुनील यादव और संदीप कुमार यादव अपना विचार रखेंगे। भारतीय
राजनीति की वर्तमान चुनौतियां सत्र के दौरान अमीक जई, चित्रसेन गौतम, फैंक हुजूर,
सुनील यादव, मनोज कुमार यादव, डॉ. ओम शंकर, अजय चौहान, राजित यादव और डॉ. लाल
रत्नाकर व्याख्यान देंगे।
वहीं दूसरी ओर
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की
नियुक्ति में आरक्षण के संदर्भ में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नई
नियमावली के खिलाफ बहुजन छात्र दोपहर बाद तीन बजे लंका स्थित बीएचयू गेट से
रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय तक प्रतिरोध मार्च निकालेंगे। इस
दौरान वे केंद्र की सत्ता में काबिज भाजपा की अगुआई वाली राजग सरकार की सामाजिक
न्याय विरोधी नीतियों की पोल भी खोलेंगे। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की एससी, एसटी
और ओबीसी छात्र संघर्ष समिति ने इस प्रतिरोध मार्च की घोषणा की है। साथ ही उसने
इसे सफल बनाने के लिए बहुजन समुदाय के छात्रों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक
कार्यकर्ताओं से भारी संख्या में भाग लेने का आह्वान किया है।
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