छात्राओं ने चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह द्वारा दर्ज एफआईआर को वापस लेने के साथ मीडिया में माफी मांगने की मांग की। महिला महाविद्यालय के गेट के सामने एक घंटे तक दिया धरना, फिर निकाला प्रतिरोध मार्च।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की पहली महिला चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह के 'पिज्जा और कोल्डड्रिंक' केे बयान और उसके बाद छात्र-छात्राओं पर हुए एफआईआर (प्रथम सूचना रपट) ने शनिवार को तूल पकड़ लिया। शनिवार की शाम सैकड़ों छात्राएं रोयाना सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए महिला महाविद्यालय गेट के सामने धरने पर बैठ गईं और नारेबाजी करने लगीं। छात्राओं ने एक सुर में चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह द्वारा दर्ज एफआईआर को वापस लेने के साथ मीडिया में अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग करने लगीं। थोड़ी देर में ही दर्जनों छात्रों का एक समूह उनके समर्थन में धरना में शामिल हो गया और सभी ने करीब एक घंटे तक वहां धरना-प्रदर्शन किया। फिर उन्होंने एक प्रतिरोध मार्च निकाला जो महिला महाविद्यालय गेट से निकलकर लंका स्थित सिंह द्वार तक गया।
चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह ने पिछले दिनों ZEE NEWS टीवी चैनल पर एक बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि गत सितंबर महीने में छात्राओं के आंदोलन के दौरान छात्राओं को ट्रकों में भरकर पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक की सप्लाई की गई थी। उनके इस बयान से भड़की छात्राओं समेत छात्रों ने गत बृहस्पतिवार की रात करीब नौ बजे चीफ प्रॉक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया था। इसके बाद चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह ने लंका थाना में तहरीर देकर 12 छात्र-छात्राओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराया था जिसमें हत्या का प्रयास करने तक का आरोप लगाया गया था।
लंका थाना में विश्वविद्यालय के मृत्युंजय मौर्य, विकास सिंह, शिंवागी चौबे, मिथिलेश कुमार, गरिमा यादव, दीपक सिंह, रजत सिंह, अनुप कुमार, शाश्वत उपाध्याय, अपर्णा, पारुल शुक्ला और जय मौर्य समेत अन्य कई अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-147, 148, 353, 332, 427, 504, 307 और 395 के तहत प्रथम सूचना रपट (एफआईआर) दर्ज की गई है। एफआईआर से भड़की छात्राएं शनिवार की शाम करीब छह बजे महिला महाविद्यालय के गेट पर सैकड़ों की संख्या में धरने पर बैठ गईं और विश्वविद्यालय प्रशासन से एफआईआर वापस लेने, चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह को इस्तीफा देने और मीडिया में पिज्जा वाले बयान पर माफी मांगने की मांग करने लगी। छात्राओं के समर्थन में विश्वविद्यालय के दर्जनों छात्र भी आ गए जिससे छात्राओं का धरना करीब एक घंटे तक चला। उसके बाद उन्होंने महिला महाविद्यालय के गेट से लंका स्थित सिंह द्वार तक प्रतिरोध मार्च निकाला।
गौरतलब है कि गत वर्ष सितंबर के तीसरे सप्ताह में विश्वविद्यालय परिसर स्थित भारत कला भवन के पास एक छात्रा से छेड़खानी की वारदात को लेकर सैकड़ों की संख्या में छात्राओं ने दो दिनों तक सिंह द्वार गेट जाम कर धरना प्रदर्शन किया था। उनके धरना-प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन को छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज करना पड़ा था। इससे विश्वविद्यालय में आगजनी और बमबाजी की हिंसक घटनाएं हुई थीं। इसमें कई छात्र-छात्राओं समेत पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए थे। बाद में तत्कालीन कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी को कार्यकाल पूरा होने से दो महीने पहले ही लंबी छुट्टी पर जाना पड़ा था। साथ ही तत्कालीन चीफ प्रॉक्टर को भी इस्तीफा देना पड़ा था और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को नये चीफ प्रॉक्टर के रूप में प्रो. रोयाना सिंह मिलीं जो विश्वविद्यालय की पहली महिला चीफ प्रॉक्टर हैं।
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