काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के विधि संकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रोफेसर पद पर एकल योग्य अभ्यर्थी के रूप में चयनित डॉ. मुकेश कुमार मालवीय समेत एससी, एसटी और ओबीसी के साथ होने वाले भेदभाव पर आंदोलन की चेतावनी।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों और अभ्यर्थियों के साथ हो रहे जातिगत भेदभाव के खिलाफ छात्रों और नागरिकों ने बृहस्पतिवार को लंका स्थित बीएचयू गेट के सामने प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के विधि संकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रोफेसर पद पर एकल योग्य अभ्यर्थी एवं उसी संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुकेश कुमार मालवीय का साक्षात्कार कराने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर एससी, एसटी, ओबीसी के खिलाफ जातिगत भेदभाव नहीं रुका तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे।
पीएस4 प्रमुख छेदी प्रसाद निराला की अगुआई में दोपहर बाद आयोजित हुए प्रदर्शन में छात्रों और नागरिकों ने बीएचयू प्रशासन और कुलपति के खिलाफ जमकर नारे लगाए। बीएचयू में शोधार्थी प्रवीण कुमार यादव ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुलपति ब्राह्मणवादी और सामंति व्यवस्था की तरह विश्वविद्यालय चला रहे हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के खिलाफ जाकर अपने चहेतों और सवर्णों की नियुक्ति के लिए अलग नियम बनाते हैं और पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को उनके लिए आरक्षित पदों पर नियुक्ति से रोकने के लिए अलग। बीएचयू कुलपति की तानाशाही नहीं चलेगी। वह कमंडल ला रहे हैं तो हम भी मंडल लेकर आएंगे।
वहीं, पीएस4 के जिलाध्यक्ष राजेश प्रजापति ने कहा कि विधि संकाय में कार्यरत डॉ. मुकेश कुमार मालवीय प्रोफेसर पद पर एकल योग्य उम्मीदवार हैं। वे विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित सभी अर्हताएं पूरा करते हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें साक्षात्कार के लिए नहीं बुला रहा है क्योंकि अगर वह साक्षात्कार के लिए उन्हें बुला लेता है तो उनकी नियुक्ति होनी तय है।
बीएचयू के शोध छात्र भुवाल यादव ने कहा कि डॉ. मुकेश कुमार मालवीय ओबीसी हैं, इसलिए जातिवादी विश्वविद्यालय प्रशासन उनके लिए अलग नियम लागू कर रहा है जबकि उसी नियम के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन ने संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में अपने चहेते अभ्यर्थी को बुलाकर नियुक्ति भी दे रखी है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान समेत अन्य संकायों और विभागों में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एकल योग्य उम्मीदवार के रूप में बुलाकर कई लोगों का साक्षात्कार लिया है और उन्हें नियुक्ति भी दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन डॉ. मुकेश कुमार मालवीय के खिलाफ जानबूझकर जातिगत भेदभाव कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों को भगत सिंह छात्र मोर्चा के शुभम अहाके, विनय पटेल , भुवाल यादव, धर्मेंद्र प्रजापति, चंदौली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी राम गोविंद प्रजापति, हरिश्चंद्र बिंद आदि ने भी संबोधित किया। इस मौके पर अजय कुमार प्रजापति, सुमित यादव, श्याम बाबू मौर्या, श्याम लाल प्रजापति, सरोज कुमार पटेल, लोकप्रिय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगला प्रसाद, चेखुर प्रसाद आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन पीएस4 प्रमुख छेदी लाल निराला ने किया।
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जवाब देंहटाएंThish truly unjustice for obc community. We regret that they suppress the Dr mukesh mukesh kumar Malviya.
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