गुरुवार, 1 अप्रैल 2021

शहीद रामचंद्र विद्यार्थी की 93वीं जयंती पर आयोजित नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में उमड़े लोग, कराया परीक्षण

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (PS4) एवं भगत सिंह अंबेडकर विचार मंच ने संयुक्त रूप से किया आयोजन। पूर्वांचल के जाने माने थायराइड एवं ब्रेस्ट कैंसर विशेषज्ञ डॉ. ओम प्रकाश प्रजापति और मनोरोग चिकित्सक डॉ. डॉली सिंह समेत आधा दर्जन चिकित्सकों ने देखें मरीज। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। महात्मा गांधी के 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन के दौरान तेरह साल की उम्र में ब्रिटिश हुकूमत की गोली से मरने वाले अमर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी की 93वीं जयंती के अवसर पर प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) और भगतसिंह अंबेडकर विचार मंच ने बृहस्पतिवार को नारायनपुर-डाफी स्थित छेदीलाल निराला के आवास पर नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। 

शिविर में पूर्वांचल के जाने माने थायराइड एवं ब्रेस्ट कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. ओम प्रकाश प्रजापति, मनोरोग चिकित्सक डॉ. डॉली सिंह, नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार प्रजापति, डॉ. राजन कुमार प्रजापति, फिजिसियन डॉ. रवि कुमार, दंत चिकित्सक डॉ. सुदीप कुमार प्रजापति ने सैकड़ों मरीजों का नि:शुल्क परीक्षण किया और उन्हें निःशुल्क दवाइयां भी वितरित कीं। शिविर में नारायनपुर, डाफी, अवलेशपुर, नुआंव, नरोत्तमपुर, अखरी, मुगलसराय, रामनगर, आदि गांवों के लोगों ने जांच कराई।

शिविर का शुभारंभ अमर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विधि संकाय के प्रो. मुकेश कुमार मालवीय ने फीटा काटकर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर की औपचारिक शुरूआत की। 

अमर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि अमर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी का जन्म 1929 में आज के ही दिन उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के नौतन हथियागढ़ गांव में बाबूलाल प्रजापति के घर हुआ था। 9 अगस्त 1942 को जब महात्मा गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन का ऐलान किया तो 13 वर्षीय रामचन्द्र विद्यार्थी इस आंदोलन में कूद पड़े। उन्होंने 14 अगस्त 1942 को देवरिया स्थित कचहरी में मजिस्ट्रेट कार्यालय पर आंदोलनकारियों का भारतीय झंडा फहरा दिया। उसी समय अंग्रेजों ने उनको अपनी गोली का शिकार बना दिया। इसमें वे शहीद हो गए। उस समय उनकी उम्र महज 13 साल 4 महीने और 13 दिन थी। उनके पार्थिव शरीर को नौतन हथियागढ़ के पास छोटी गण्डक के किनारे भारतीय झंडे में लपेटकर हजारों की संख्या के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया लेकिन देश की आजादी के बाद सत्ता में काबिज लोगों ने उनके इस योगदान को भुला दिया। 

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इंजीनियर चेखुर प्रसाद प्रजापति ने कहा कि देश की सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टियों के लोगों ने शहीद रामचंद्र विद्यार्थी के बलिदान की हमेशा उपेक्षा की। आज भी उनका स्मारक सुंदरीकरण और विकास की बाट जोह रहा है। शहीद रामचंद्र विद्यार्थी को वह दर्जा आज तक नहीं मिल पाया जो अंग्रेजों से देश की आजादी के आंदोलन में शहीद हुए अन्य लोगों को मिला। यह हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि अमर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी के बारे में लोगों को जागरूक करें। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पीएस4 प्रमुख छेदीलाल निराला, इंजीनियर रमेश चौधरी, नन्हकू प्रसाद प्रजापति, श्याम सुंदर लाल, दिनेश कुमार, मंशा राजभर, दूधनाथ, आदि मौजूद रहे।

बड़ागांव विकास खंड के धनन्जयपुर गांव में भी प्रजापति सेवा समिति के भुवाल प्रसाद प्रजापति के नेतृत्व में अमर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी की जयंती मनाई गई। इसमें रामजियावन प्रजापति, रामजीत प्रजापति, धनीराम, कल्लूराम वर्मा, अमरनाथ वर्मा, राजेन्द्र प्रसाद यादव, भरत प्रजापति, अयोध्या सिंह, दयाशंकर प्रजापति, रामबदन पटेल, ओमप्रकाश उर्फ नीरज बौद्ध, संजय पटेल, विकास प्रजापति, सरोज पटेल, प्रभुनरायन प्रजापति, आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेन्द्र प्रजापति ने किया। 


वहीं, देवरिया जिला मुख्यालय स्थित रामलीला मैदान में स्थापित शहीद रामचंद्र विद्यार्थी के प्रतीक स्तंभ पर दीप प्रज्ज्वलित और पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर अखिल भारतीय प्रजापति कुम्भकार महासंघ के जिला मुख्य महासचिव एडवोकेट हरिओम  प्रसाद प्रजापति, देवरिया नगर अध्यक्ष राजेश प्रजापति, नगर मुख्य महासचिव मुन्ना प्रजापति, केदारनाथ प्रजापति, जीत प्रसाद प्रजापति, जिला कार्यकारिणी के सदस्य सुदामा प्रसाद प्रजापति, सुरेश  प्रसाद प्रजापति, जीवन कुमार प्रजापति, नरेंद्र प्रसाद प्रजापति, हरिश्चंद्र यादव, दशरथ प्रसाद प्रजापति, श्याम बदन यादव,राम अशीष यादव आदि उपस्थित रहे।

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