सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष अनिता राकेश, बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी, जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह |
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी की अध्यक्षता में हुई जिला कार्य योजना
समिति की बैठक। 130 करोड़ 25 लाख रुपये के प्रस्तावित परिव्यय को मिली मंजूरी...
written by Shiv Das Prajapati
सोनभद्र। राज्य सरकार के बेसिक
शिक्षा मंत्री और जिला प्रभारी राम गोविन्द चौधरी की अध्यक्षता में गत 11 अगस्त को
जिला योजना समिति की बैठक स्थानीय कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें वित्तीय वर्ष
2014-15 के लिए 130 करोड़ 25 लाख रुपये के प्रस्तावित परिव्यय (खर्च) को मंजूरी दी
गई। हालांकि जिले की करीब इक्कीस फीसदी आबादी वाले अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए
परिव्यय की यह संरचना एक बार फिर निराश करने वाली है।
समिति ने उनके कल्याण के लिए
महज 26 लाख 96 हजार रुपये के खर्च को ही मंजूरी दी है जो कुल परिव्यय का महज 0.20
फीसदी है। इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग की पुत्रियों की शादी और उनकी बीमारी के
इलाज की 10 लाख की वह धनराशि भी शामिल है जो उन्हें अनुदान के रूप में मिलती है।
इस वर्ग में अत्याचार से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए
समिति ने एक लाख रुपये के खर्च को मंजूरी दी है जो उनकी आबादी और उन पर होने वाले
अत्याचार के अनुपात में काफी कम है।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार
सिंह और मुख्य विकास अधिकारी महेन्द्र सिंह की ओर से जारी जिला योजना संरचना वर्ष
2014-15 में उल्लेखित आंकड़ों के मुताबिक, जिला योजना समिति द्वारा बारहवीं
पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए कुल एक करोड़
उन्नीस लाख 80 हजार रुपये का परिव्यय अनुमोदित किया गया था। इसमें वित्तीय वर्ष
2012-13 में 23 लाख 96 हजार रुपये और 2013-14 में 23 लाख 96 हजार रुपये का परिव्यय
पहले ही अनुमोदित हो चुका है।
जिला योजना समिति ने पिछले दिनों वित्तीय वर्ष
2014-15 में राज्य के संसाधनों से 26 लाख 96 हजार रुपये के प्रस्तावित परिव्यय को
मंजूरी दी। इसमें 12 लाख 96 हजार रुपये कक्षा 1-10 तक के छात्रों की छात्रवृत्ति
पर खर्च होंगे जबकि तीन लाख रुपये छात्रों के यूनिफॉर्म/साइकिल पर खर्च किए
जाएंगे। अत्याचार से पीड़ित अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवार को आर्थिक सहायता
मुहैया कराने के लिए इस साल एक लाख रुपये का आबंटन किया गया है। वहीं, इस वर्ग के
लिए संचालित पुत्रियों की शादी-बीमारी योजना के लिए दस लाख रुपये के खर्च को
मंजूरी दी गई है।
गौरतलब है कि जिले की आबादी में अनुसूचित जनजाति वर्ग का अनुपात
20.67 फीसदी है। वहीं जिले में 22.63 फीसदी आबादी वाले अनुसूचित जाति वर्ग के
कल्याण के लिए जिला योजना समिति ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में महज दो करोड़ 31 लाख
64 हजार रुपये के प्रस्तावित खर्च को मंजूरी दी है जो 1.78 फीसदी के बराबर है।
इसमें से एक करोड़ 39 लाख 64 हजार रुपये अनुसूचित जाति वर्ग के प्रिमैट्रिक
छात्रों की छात्रवृत्ति पर खर्च किए जाएंगे और 80 लाख रुपये उनकी पुत्रियों की
शादी समेत बीमारी के इलाज के लिए खर्च किए जाएंगे।
इस वर्ग के अत्याचार पीड़ित
परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए 12 लाख रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई है। इस
वित्तीय वर्ष में आश्रम पद्धति विद्यालय की स्थापना, निर्माण, विस्तार और रख-रखाव
के लिए जिला योजना समिति ने कोई धन आबंटित नहीं किया है। बुक बैंक की स्थापना के
लिए भी हर बार की तरह इस बार भी व्यवस्था नहीं की गई है।
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