जिला प्रशासन की जांच में मिला 1820 घन मीटर अवैध खनन, कार्रवाई के निर्देश।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
सोनभद्र। जिले में धड़ल्ले से हो रहे अवैध खनन के मामले में जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह
ने पिछले दिनों खान अधिकारी को दोषी पट्टाधारकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश
दिया। साथ ही उन्होंने फर्जी तरीके से रजामंदी कागजात पेश करने के मामले में शामिल
व्यक्तियों और खनन पट्टाधारक अब्दुल सत्तार तथा श्रीमती रूपा सिंह के प्रतिनिधि आशीष
सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने का
निर्देश दिया।
जिला सूचना विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि
बिल्ली-मारकुण्डी गांव के आराजी संख्या-1965 मि, हाल संख्या-4476 (रकवा- करीब एक एकड़) के सम्बन्ध में पिछले दिनों जिलाधिकारी को
शिकायत मिली थी। जांच में सामने आया है कि खनन पट्टाधारक ने खान सुरक्षा अधिनियम-1952 की धारा-22(3), खान एवं खनिज (विनियमन एवं विकास) अधिनियम-1957 की धारा-4 एवं 21 तथा उ.प्र. उप-खनिज (परिहार) नियमावली-1963 की धारा-3, 57 एवं 70 का उल्लंघन किया है। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि पट्टाधारकों
ने स्वीकृत खनन क्षेत्र के बाहर एक हजार 820 घन मीटर अवैध खनन किया है। साथ ही उन्होंने सुन्दर मिश्रा के
स्टोन क्रसर प्लांट पर खनिजों का अवैध भण्डारण भी किया। इससे राज्य सरकार को राजस्व
हानि हुई है।
जिलाधिकारी ने उक्त खनन पट्टाधारकों की गतिविधियों से राज्य
सरकार को हुई राजस्व हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उ.प्र. उप खनिज (परिहार) नियमावली-1963 की सुसंगत धाराओं के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश
खान अधिकारी को दिया है। साथ ही उन्होंने फर्जी तरीके से रजामन्दी के कागजात पेश करने
पर दुरभि संधि में संलिप्त व्यक्तियों और पट्टाधारक अब्दुल सत्तार एवं रूपा सिंह के
प्रतिनिधि आशीष सिंह के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत एफआईआर
दर्ज कराने का निर्देश खान अधिकारी को दिया है।
वहीं जिलाधिकारी ने मालती देवी के नाम आबंटित खनन पट्टे के सम्बन्ध
में प्राप्त हो रही शिकायतों की जांच करने का निर्देश खान अधिकारी को दिया है। सूचना
विभाग की मानें तो मालती देवी के नाम स्वीकृत पट्टे की वास्तविक स्थिति,
उसके सापेक्ष संबंधित पट्टे में उपलब्ध खनन सामग्री,
खनन किये गये क्षेत्र के सापेक्ष जारी रवन्ना की स्थिति समेत
विभिन्न पहलुओं की जांच की जाएगी। अगर जांच में शिकायत सही मिलती है तो नियमानुसार
पट्टाधारक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी जिलाधिकारी को दिया गया है।
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