उच्च
न्यायालय इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कलीमुल्लाह खान की अध्यक्षता में
तीन सदस्यीय कमेटी ने शनिवार को पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की सहायक प्राध्यापक
डॉ. शोभना नर्लिकर का बयान दर्ज किया।
वनांचल
एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय प्रमुख
प्रो. कुमार पंकज और पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ.
शोभना नर्लिकर के विवाद की न्यायिक जांच शुरू हो गई है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के
सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कलीमुल्लाह खान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी ने शनिवार
को डॉ. शोभना नर्लिकर का बयान दर्ज किया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच
कमेटी आज (रविवार) आरोपी और गवाहों का बयान दर्ज करेगी। वहीं पीड़िता ने न्यायिक
जांच प्रक्रिया की सूचना उपलब्ध कराने में विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का
आरोप लगाया है।
सूत्रों से मिली जानकारी
के मुताबिक न्यायमूर्ति कलीमुल्लाह खान ने करीब एक सप्ताह पूर्व ही विश्वविद्यालय
प्रशासन को पत्र लिखकर प्रो. कुमार पंकज और डॉ. शोभना नर्लिकर विवाद की न्यायिक जांच
करने की सहमति दे दी थी। विश्वविद्यालय प्रशासन भी गत 31 जुलाई को ही इससे अवगत हो
गया था लेकिन पीड़िता को इसकी जानकारी नहीं दी गई।
पीड़िता डॉ. शोभना नर्लिकर
ने “वनांचल एक्सप्रेस” को बताया, “ मुझे कल (शनिवार) करीब दो बजे विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से न्यायिक
जांच कमेटी के सामने बयान दर्ज कराने के लिए एलडी गेस्ट हाउस के कॉन्फरेंस हॉल
पहुंचने का अचानक फोन आया। जब मैं वहां पहुंची तो मुझे जांच कमेटी के सदस्य सचिव
की ओर से लिखित नोटिस दी गई और जिसमें जांच कमेटी के सामने तीन बजे पेश होकर बयान
दर्ज कराने की बात कही गई थी।“
उन्होंने आरोप लगाया कि
विश्वविद्यालय प्रशासन जान बूझकर ऐसा कर रहा है ताकि मामले में लिपो-पोती की जा
सके। समाचार-पत्रों में छपी खबर से पता चलता है कि जस्टिस महोदय शुक्रवार को ही
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एलडी गेस्ट हाउस पहुंच चुके थे लेकिन इसकी सूचना
मुझे नहीं दी गई और ना ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस प्रकार की कोई कमेटी गठित
करने की लिखित सूचना अभी तक मुझे दी है।
जांच कमेटी के सचिव द्वारा 05 अगस्त 2017 को डॉ. शोभना नर्लिकर को दिया गया नोटिस। |
सूत्रों से मिली जानकारी
के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो. कुमार पंकज-डॉ. शोभना नर्लिकर प्रकरण
की जांच के लिए जस्टिस कलीमुल्लाह खान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच
कमेटी बनाई है। इसमें सामाजिक विज्ञान संकाय के सहायक कुल-सचिव एसएसएल श्रीवास्तव
जांच कमेटी के सदस्य सचिव और इसी संकाय की प्रो. अरुणा सिंहा सदस्य हैं।
न्यायिक जांच कमेटी ने
पूर्व निर्धारित समय पर शनिवार को दोपहर बाद तीन बजे से करीब आठ बजे तक पीड़िता
डॉ. शोभना नर्लिकर का बयान दर्ज किया। जांच कमेटी आज सुबह 10 बजे से आरोपी प्रो.
कुमार पंकज और दोपहर बाद तीन बजे से गवाहों का बयान दर्ज करेगी। गवाहों में पत्रकारिता
एवं जन संप्रेषण विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्रा, सहायक प्रोफेसर
स्वर्ण सुमन और अमिता का नाम शामिल है।
बता दें कि डॉ. शोभना
नर्लिकर ने गत 8 जुलाई को लंका थाने में कला संकाय प्रमुख प्रो. कुमार पंकज पर
आईपीसी की धारा-504, 506 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण)
अधिनियम-1989 की धारा-3(1)(डी) के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। साथ ही उन्होंने
छात्रों और शिक्षकों समेत आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लंका थाने का घेराव किया था।
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