पराड़कर स्मृति भवन में संपादकाचार्य बाबूराव विष्णु राव पराड़कर जी की जयंती पर ‘समकालीन हिन्दी पत्रकारिता और सोशल मीडिया’ विषयक संगोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किये विचार।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। पत्रकारिता वस्तुनिष्ठ है जबकि सोशल मीडिया ठीक इसके विपरीत है। प्रिंट मीडिया में खबरों की पुष्टि की जाती है, जबकि सोशल मीडिया में इसकी कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में पत्रकारों का यह दायित्व बनता है कि वे अपने पेशे को पुनर्परिभाषित करें। यह विचार आज पराड़कर स्मृति भवन मेें संपादकाचार्य बाबूराव विष्णु राव पराड़कर की जयंती पर ‘समकालीन हिन्दी पत्रकारिता और सोशल मीडिया’ विषयक संगोष्ठी में पत्रकारिता के मूर्धन्य विद्वान और हिन्दुस्तान व अमर उजाला के प्रधान संपादक रह चुके श्री अजय उपाध्याय ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का काम जिम्मेदारियों से भरा है। स्वस्थ पत्रकारिता से ही लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यधारा का मीडिया दरअसल पिछले दो-ढाई दशकों में पाॅप मीडिया के रूप में ढल गया है। इसे पाॅप म्यूजिक का फास्ट फूड के रूप में देखा जाने लगा है। यह उसी नवपूंजीवाद की कल्चर इण्डस्ट्री में निर्मित मीडिया है जिसका उद्देश्य लोगों को सूचना देना, शिक्षित करना या स्वस्थ मनोरंजन करना नहीं है। वह तो बाजार के हिसाब से चलता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक प्रोफेशन है और मीडिया उसका कैरियर है। अतः दोनों अलग है। श्री उपाध्याय ने बताया कि बाल गंगाधर तिलक की प्रेरणा से ही पराड़कर जी पत्रकारिता में आये। पराड़कर जी ने ही हिन्दी पत्रकारिता को अंग्रेजी पत्रकारिता से अलग पहचान दिलायी। विचारक और अध्ययनशील संपादक होने के कारण पराड़कर जी अपने अगले खो के जरिये समस्या की गम्मीरता समझते हुए उसका समाधान भी प्रस्तुत करते थे।
स्वागत संघ के अध्यक्ष सुभाषचन्द्र सिंह ने और विषय प्रस्तावना महामंत्री डा॰ अत्रि भारद्वाज ने की। धन्यवाद ज्ञापन जगत शर्मा ने किया। इस अवसर पर डा॰ दीनानाथ सिंह, डा॰ जितेन्द्र नाथ मिश्र, मो॰ आरिफ, विजय नारायण, मनोज सिंह, आशुतोष दत्त ने कहा कि पत्रकारिता को सामाजिक सरोकार से जोड़ने की जरूरत है। इस मौके पर डा॰ अर्जुन तिवारी, डा॰ श्रद्धानंद, संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार, संजय अस्थाना, पद्मपति शर्मा, बीबी यादव, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, चंदन रूपानी, पंकज त्रिपाठी, संदीप गुप्ता, एके लारी, सुरेश प्रताप, सियाराम यादव, वेद प्रकाश सिंह, जियालाल, अरविन्द कुमार, आनंद वर्धन, कुमार विजय, हरीश वासवानी, धर्मेन्द्र सिंह, पवन शास्त्री, विमलेश चतुर्वेदी, देवकुमार केशरी, राकेश सिंह, अवधेशचन्द्र शुक्ल, शम्भूनाथ उपाध्याय, दिलीप कुमार आदि उपस्थित रहे। (प्रेस विज्ञप्ति)
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। पत्रकारिता वस्तुनिष्ठ है जबकि सोशल मीडिया ठीक इसके विपरीत है। प्रिंट मीडिया में खबरों की पुष्टि की जाती है, जबकि सोशल मीडिया में इसकी कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में पत्रकारों का यह दायित्व बनता है कि वे अपने पेशे को पुनर्परिभाषित करें। यह विचार आज पराड़कर स्मृति भवन मेें संपादकाचार्य बाबूराव विष्णु राव पराड़कर की जयंती पर ‘समकालीन हिन्दी पत्रकारिता और सोशल मीडिया’ विषयक संगोष्ठी में पत्रकारिता के मूर्धन्य विद्वान और हिन्दुस्तान व अमर उजाला के प्रधान संपादक रह चुके श्री अजय उपाध्याय ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का काम जिम्मेदारियों से भरा है। स्वस्थ पत्रकारिता से ही लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यधारा का मीडिया दरअसल पिछले दो-ढाई दशकों में पाॅप मीडिया के रूप में ढल गया है। इसे पाॅप म्यूजिक का फास्ट फूड के रूप में देखा जाने लगा है। यह उसी नवपूंजीवाद की कल्चर इण्डस्ट्री में निर्मित मीडिया है जिसका उद्देश्य लोगों को सूचना देना, शिक्षित करना या स्वस्थ मनोरंजन करना नहीं है। वह तो बाजार के हिसाब से चलता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक प्रोफेशन है और मीडिया उसका कैरियर है। अतः दोनों अलग है। श्री उपाध्याय ने बताया कि बाल गंगाधर तिलक की प्रेरणा से ही पराड़कर जी पत्रकारिता में आये। पराड़कर जी ने ही हिन्दी पत्रकारिता को अंग्रेजी पत्रकारिता से अलग पहचान दिलायी। विचारक और अध्ययनशील संपादक होने के कारण पराड़कर जी अपने अगले खो के जरिये समस्या की गम्मीरता समझते हुए उसका समाधान भी प्रस्तुत करते थे।
स्वागत संघ के अध्यक्ष सुभाषचन्द्र सिंह ने और विषय प्रस्तावना महामंत्री डा॰ अत्रि भारद्वाज ने की। धन्यवाद ज्ञापन जगत शर्मा ने किया। इस अवसर पर डा॰ दीनानाथ सिंह, डा॰ जितेन्द्र नाथ मिश्र, मो॰ आरिफ, विजय नारायण, मनोज सिंह, आशुतोष दत्त ने कहा कि पत्रकारिता को सामाजिक सरोकार से जोड़ने की जरूरत है। इस मौके पर डा॰ अर्जुन तिवारी, डा॰ श्रद्धानंद, संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार, संजय अस्थाना, पद्मपति शर्मा, बीबी यादव, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, चंदन रूपानी, पंकज त्रिपाठी, संदीप गुप्ता, एके लारी, सुरेश प्रताप, सियाराम यादव, वेद प्रकाश सिंह, जियालाल, अरविन्द कुमार, आनंद वर्धन, कुमार विजय, हरीश वासवानी, धर्मेन्द्र सिंह, पवन शास्त्री, विमलेश चतुर्वेदी, देवकुमार केशरी, राकेश सिंह, अवधेशचन्द्र शुक्ल, शम्भूनाथ उपाध्याय, दिलीप कुमार आदि उपस्थित रहे। (प्रेस विज्ञप्ति)
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