पत्रकारिता समकालीन घटनाओं के लिए समाज का आइना
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। काशी पत्रकार संघ ने देश में पत्रकारों पर हो रहे हमलों और इसे रोकने में सरकारों के प्रयास की विफलता के विरोध में पूर्वांचल के पत्रकारों को एकजुट करने और इस मुद्दे पर अपनी व्यथा को सरकार तक पहुंचाने के लिए आज पराड़कर स्मृति भवन में पूर्वांचल पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आये पत्रकारों और वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकारों ने जोरदार अदांज से अपनी बातों को रखा। सभी वक्ताओं ने पेट और पीठ पर प्रहार से बचने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
इम मौके पर पत्रकारों का मत था कि पत्रकारिता समकालीन घटनाओं के लिए समाज का आइना होती है। सेना सीमा पर लड़ती है और पत्रकार देश में बैठे माफियाओं व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ते है। बीते 20 वर्षों में पत्रकारों पर हमले के करीब 142 मामले दर्ज हुए हैं। बेबाक और निडर पत्रकारों पर हमेशा संकट बना रहा है। ऐसे में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक ठोस राष्ट्रव्यापी कानून बनाना चाहिए। हांलाकि महाराष्ट्र सरकार ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विधेयक पास किया हैं।
पूर्वांचल पत्रकार सम्मेलन में पत्रकारों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं और हत्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुये यह मांग भी की गयी कि पत्रकारों पर हमलों से संबंधित सुनवाई फास्ट ट्रैक में की जाये। ऐसी घटनाओं पर रोक और कार्रवाई के लिए जिलास्तर पर जिलाधिकारी को दायित्व दिया जाय, श्रमजीवी पत्रकारों को दस हजार प्रतिमाह पेंशन दी जाय, मजीठिया वेज बोर्ड को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाय, अवकाश प्राप्त पत्रकारों को जीवन पर्यन्त चिकित्सा सुविधा मिले और पत्रकारों को सस्ते दर पर भूखण्ड या आवास दिया जाय। यह भी मांग की गयी कि पत्रकारों पर हमलें की घटनाओं को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाय और ऐसी घटनाओं की जांच पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी से करायी जाय।
सम्मेलन में गाजीपुर, मीरजापुर, जौनपुर, ज्ञानपुर, भदोही सहित पूर्वांचल के सभी जिलों से
प्रतिनिधि शामिल हुए। आगतों का स्वागत संघ के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र सिंह, संचालन महामंत्री डा॰ अत्रि भारद्वाज, विषय स्थापना प्रदीप कुमार व धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष दीनबन्धु राय ने किया। इस मौके पर उपजा के जिलाध्यक्ष डा॰ अरविन्द सिंह, उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह, संघ के पूर्व अध्यक्ष संजय अस्थाना, गोपेश पाण्डेय, विनय सिंह, एके लारी, समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी, वेद प्रकाश सिंह, अजय राय, मनोज श्रीवास्तव, कमलेश चतुर्वेदी, सियाराम यादव, राजनाथ तिवारी, डा॰ राधारमण चित्रांशी, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, जयनारायण, सुरेश प्रताप, शैलेश चौरसिया, गाजीपुर के शिवेन्द्र पाठक, घनश्याम पाठक, राजीव गोयल, उधम सिंह, लाल मोहम्मद आदि ने विचार रखे। वरिष्ठ पत्रकार शुभाकर दुबे, वशिष्ठ नारायण सिंह, संघ के उपाध्यक्ष चंदन रूपानी, प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, पुरूषोत्तम चतुर्वेदी, उमेश गुप्ता, रोहित चतुर्वेंदी, रमेश राय, संजय प्रसाद सिंह, सुरेन्द्र तिवारी, राकेश सिंह, सुधीर कुमार गणोरकर, मनीष चौरसिया, डा॰ अजय मिश्रा (झारखण्ड), शशि श्रीवास्तव मुख्य रूप से उपस्थित रहे। अंत में वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश श्रीवास्तव के निधन पर मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गयी। (प्रेस विज्ञप्ति)
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। काशी पत्रकार संघ ने देश में पत्रकारों पर हो रहे हमलों और इसे रोकने में सरकारों के प्रयास की विफलता के विरोध में पूर्वांचल के पत्रकारों को एकजुट करने और इस मुद्दे पर अपनी व्यथा को सरकार तक पहुंचाने के लिए आज पराड़कर स्मृति भवन में पूर्वांचल पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आये पत्रकारों और वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकारों ने जोरदार अदांज से अपनी बातों को रखा। सभी वक्ताओं ने पेट और पीठ पर प्रहार से बचने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
इम मौके पर पत्रकारों का मत था कि पत्रकारिता समकालीन घटनाओं के लिए समाज का आइना होती है। सेना सीमा पर लड़ती है और पत्रकार देश में बैठे माफियाओं व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ते है। बीते 20 वर्षों में पत्रकारों पर हमले के करीब 142 मामले दर्ज हुए हैं। बेबाक और निडर पत्रकारों पर हमेशा संकट बना रहा है। ऐसे में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक ठोस राष्ट्रव्यापी कानून बनाना चाहिए। हांलाकि महाराष्ट्र सरकार ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विधेयक पास किया हैं।
पूर्वांचल पत्रकार सम्मेलन में पत्रकारों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं और हत्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुये यह मांग भी की गयी कि पत्रकारों पर हमलों से संबंधित सुनवाई फास्ट ट्रैक में की जाये। ऐसी घटनाओं पर रोक और कार्रवाई के लिए जिलास्तर पर जिलाधिकारी को दायित्व दिया जाय, श्रमजीवी पत्रकारों को दस हजार प्रतिमाह पेंशन दी जाय, मजीठिया वेज बोर्ड को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाय, अवकाश प्राप्त पत्रकारों को जीवन पर्यन्त चिकित्सा सुविधा मिले और पत्रकारों को सस्ते दर पर भूखण्ड या आवास दिया जाय। यह भी मांग की गयी कि पत्रकारों पर हमलें की घटनाओं को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाय और ऐसी घटनाओं की जांच पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी से करायी जाय।
सम्मेलन में गाजीपुर, मीरजापुर, जौनपुर, ज्ञानपुर, भदोही सहित पूर्वांचल के सभी जिलों से
प्रतिनिधि शामिल हुए। आगतों का स्वागत संघ के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र सिंह, संचालन महामंत्री डा॰ अत्रि भारद्वाज, विषय स्थापना प्रदीप कुमार व धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष दीनबन्धु राय ने किया। इस मौके पर उपजा के जिलाध्यक्ष डा॰ अरविन्द सिंह, उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह, संघ के पूर्व अध्यक्ष संजय अस्थाना, गोपेश पाण्डेय, विनय सिंह, एके लारी, समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी, वेद प्रकाश सिंह, अजय राय, मनोज श्रीवास्तव, कमलेश चतुर्वेदी, सियाराम यादव, राजनाथ तिवारी, डा॰ राधारमण चित्रांशी, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, जयनारायण, सुरेश प्रताप, शैलेश चौरसिया, गाजीपुर के शिवेन्द्र पाठक, घनश्याम पाठक, राजीव गोयल, उधम सिंह, लाल मोहम्मद आदि ने विचार रखे। वरिष्ठ पत्रकार शुभाकर दुबे, वशिष्ठ नारायण सिंह, संघ के उपाध्यक्ष चंदन रूपानी, प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, पुरूषोत्तम चतुर्वेदी, उमेश गुप्ता, रोहित चतुर्वेंदी, रमेश राय, संजय प्रसाद सिंह, सुरेन्द्र तिवारी, राकेश सिंह, सुधीर कुमार गणोरकर, मनीष चौरसिया, डा॰ अजय मिश्रा (झारखण्ड), शशि श्रीवास्तव मुख्य रूप से उपस्थित रहे। अंत में वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश श्रीवास्तव के निधन पर मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गयी। (प्रेस विज्ञप्ति)
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