लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे सरदार सेना के कार्यकर्ता |
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। प्रतापगढ़ के गोविंदपुर गांव में दबंग ब्राह्मणों द्वारा कुर्मी समुदाय के किसानों पर हुए हमलों और फिर उन्हें जेल भेजे जाने के मामले को लेकर सरदार सेना ने आज लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों से पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारी पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत विधानसभा के सामने धरना देने जा रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वाहनों में जबरन बैठाकर अन्य किसी स्थान पर भेज दिया है।
बता दें कि प्रतापगढ़ जिले में पट्टी इलाके के गोविंदपुर और परसद गांव में गत 22 मई को दो समुदायों के बीच बड़े पैमाने पर मारपीट की घटना सामने आई थी। दोनों गांवों के कुर्मी समुदाय के पीड़ित किसानों की मानें तो धुई गांव के ब्राह्मण समुदाय के अनिल तिवारी के पशु उनके खेतों में आकर फसल नुकसान कर जाते थे। इसे लेकर उन्होंने उनसे शिकायत की थी। इसके बाद ब्राह्मण समुदाय के 50 से ज्यादा लोगों ने उन लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया था। वहीं, पुलिस ने उनके खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर करीब 10 लोगों को जेल भेज दिया और अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के दबिश दे रही है।
गोविंदपुर निवासी पीड़ित नन्हें वर्मा या उनकी पत्नी सीता देवी की तहरीर पर पुलिस ने अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया है। इससे नाराज सरदार सेना प्रमुख रमा शंकर सिंह ने आज लखनऊ में विधानसभा के सामने संगठन द्वारा धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया था। पुलिस ने बीती रात को वाराणसी के शिवपुर स्थित सरदार सेना प्रमुख रमा शंकर सिंह के आवास को घेर लिया था। इसके बावजूद सरदार सेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आज लखनऊ में प्रदर्शन कर योगी सरकार पर जमकर हमला बोला।
सरदार सेना प्रमुख ने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय प्रचारक जगदीश्वर पटेल और जिलाध्यक्ष चंद्रेश वर्मा समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह लखनऊ जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया।
बता दें कि घटना के बाद कुर्मी नेताओं की गोलबंदी की से घबराई आसपुर देवसरा थाने की पुलिस ने घटना के सात दिनों बाद परसद गांव निवासी रमा शंकर वर्मा की तहरीर पर पट्टी कोतवाली क्षेत्र के धुई गांव निवासी अनिल तिवारी समेत कुल 62 लोगों के खिलाफ कुल आठ धाराओं में एफआईआर दर्ज किया। इनमें 12 लोगों के नाम शामिल हैं। लेकिन, गोविंदपुर निवासी पीड़ित किसानों की तहरीर पर आज तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया।
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