उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में कृष्ण कुमार पांडेय नाम के अभ्यर्थी का आवेदन-पत्र निरस्त होने के बाद भी उसे मिली जौनपुर में नियुक्ति...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
इलाहाबाद (प्रयागराज)। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक नया मामला सामने आया है जिसमें परिषद ने एक ऐसे अभ्यर्थी की नियुक्ति जौनपुर में कर दी है जिसका आवेदन-पत्र परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश ने पहले ही निरस्त कर दिया था। इसका ब्योरा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'फेसबुक' पर वायरल हो गया है।
फेसबुक पर वायरल दस्तावेजों के अनुसार तालूक नाथ पाण्डेय के पुत्र कृष्ण कुमार पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा-2019 के लिए सामान्य वर्ग में आवेदन किया था जिसका पंजीकरण संख्या-3500227197 है। परीक्षा का आयोजन करने वाली संस्था 'परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश' ने कृष्ण कुमार पाण्डेय का आवेदन-पत्र उम्र अधिक होने के कारण निरस्त कर दिया था। उसका जन्मतिथि 18 जनवरी 1973 है जबकि सहायक अध्यापकों की भर्ती के विज्ञापन में सामान्य वर्ग में 1 जुलाई 1978 या उसके बाद पैदा हुए पात्र व्यक्तियों से आवेदन मांगा गया था। परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा जारी सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा-2019 में शैक्षिक योग्यता, आयु एवं एक से अधिक आवेदन के आधार पर निरस्त आवेदकों की सूची में कृष्ण कुमार पाण्डेय का विवरण क्रमांक संख्या-3134 में भी दर्ज है।
इसके बावजूद कृष्ण कुमार पाण्डेय का नाम उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परीषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों के चयन/नियुक्ति हेतु अनन्तिम चयन सूची में क्रमांक संख्या-409 पर दर्ज है। इस सूची में भी उसका विवरण वहीं है, जो आवेदन-पत्र निरस्त होने वाली सूची में है। विवरण के अनुसार आवेदन संख्या (पंजीकरण संख्या)- 3500227197 वाले कृष्ण कुमार पाण्डेय जौनपुर जनपद आवंटित किया गया है जिसका सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा अनुक्रमांक-35380052751 है।
इस मामले की जानकारी होते ही कृष्ण कुमार पाण्डेय का विवरण फेसबुक पर वायरल हो गया है। लोग अपने-अपने तरीके से टिप्पणी कर भाजपा की योगी सरकार में सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ियों का विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में आयोजित हुई 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा-2019 शुरू से ही विवादों में रही है। इसमें एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के प्रावधानों की बड़े पैमाने पर अवहेलना की गई है।
इसके अलावा रचना तिवारी और राहुल उपाध्याय के ओबीसी होने एवं विजय कुमार गुप्ता के अनुसूचित जनजाति होने का मामला भी सोशल मीडिया में वायरल हो चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने परीक्षा के टॉपर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, भर्ती कराने के एवज में पैसा लेने के मामले में भी पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा की गड़बड़ियों की तुलना मध्य प्रदेश में भाजपा शासन के दौरान हुए व्यापमं घोटाले से की है। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
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