वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के तहत खोलने की मांग को लेकर कुलपति आवास के सामने विश्वविद्यालय के छात्रों का चल रहा अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार की शाम कुलपति से वार्ता के बाद समाप्त हो गया। वार्ता में शामिल धरनारत छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन सोमवार से 300 छात्र-छात्राओं के लिए केंद्रीय पुस्तकाल और साइबर लाइब्रेरी खोलने के लिए तैयार हो गया है। साथ ही 50 छात्र-छात्राओं के लिए सिटी डेलीगेसी भी खुलेगा। हालांकि छात्रावासों और विश्वविद्यालय को पठन-पाठन के लिए खोलने पर अभी सहमति नहीं बन पाई है।
BHU-VC के आवास के सामने धरनास्थल पर दिन में सो रहा छात्र |
छात्रों की ओर से मीडियाकर्मियों को जारी सूचना में कहा गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने आगामी 5 जनवरी से शुरू होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं के खत्म होने के बाद छात्रावासों को विधिवत खोलने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया है। साथ ही उसने इस बार 'नोड्यूज' के बिना ही सभी अकादमिक गतिविधियों को संचालित करने का भरोसा हम लोगों को दिलाया है।
BHU-VC प्रो. राकेश भटनागर से वार्ता के बाद जीत का जश्न बनाते धरनारत छात्र |
धरनारत छात्रों में शामिल भगत सिंह छात्र मोर्चा के नीतीश यादव का कहना है कि धरने में शामिल सभी छात्रों की सहमति से पिछले सात दिनों से चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को कुलपति से वार्ता के बाद शुक्रवार की शाम को खत्म कर दिया गया है। कुलपति महोदय ने हम लोगों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही विश्वविद्यालय की सभी अकादमिक गतिविधियों को भारत सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत संचालित कर दी जाएंगी।
BHU खोलने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मार्च निकालते छात्र |
वहीं, धरनारत छात्रों के दावों के बाबत विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सूचना मीडिया में जारी नहीं की गई है। इस बाबत काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पीआरओ राजेश सिंह के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन कॉल रिसीव नहीं की। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष नहीं मिल पाया है।
BHU के कुलपति आवास के सामने रात में धरना देते छात्र |
बता दें कि कुलपति से छात्रों की वार्ता के पहले बृहस्पतिवार की रात में विश्वविद्यालय प्रशासन के सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों के साथ धक्का-मुक्की भी की थी। छात्रों का आरोप है कि उनके एक साथी को चोट भी लगी है और एक छात्र का मोबाईल टूट गया है। साथ ही उन्हें रात में ही धरना से उठाने की कोशिश की गई थी। छात्रों द्वारा धरना शुरू करते समय की गई बेरिकेडिंग को भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने हटाने की कोशिश की थी। इसे लेकर उनसे झड़प भी हुई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे अंजाम देने के लिए पुलिस प्रशासन का सहारा भी लिया था।
बृहस्पतिवार की रात धरनारत छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच होती झड़प |
धरनारत छात्रों में शामिल सुमित ,कुंदन, शुभम, गोपी,संतोष,नीतीश, पल्लव, सुबोध, आदि छात्रों का साफ कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन रात में हम लोगों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार कर रहा था। अगर समय से अन्य छात्र और नहीं आए होते तो ये लोग कुछ भी कर सकते थे। वे हम लोगों पर पूर्व कुलपति के कार्यकाल में सितंबर महीने की तरह लाठीचार्ज भी कर सकते थे।
कुलपति आवास के सामने धरनास्थल पर नारेबाजी करते छात्र |
वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन के चीफ प्रॉक्टर ओपी राय ने छात्रों के साथ किसी भी प्रकार की जोर-जबरदस्ती के आरोप को साफ खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि रात में किसी भी छात्र के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार या मारपीट नहीं की गई थी।
बृहस्पतिवार को छात्रों से वार्ता करते चीफ प्रॉक्टर ओपी राय |
हालांकि छात्रों की ओर से जारी वीडियो में चीफ प्रॉक्टर की पोल खुल जा रही है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी छात्रों के साथ धक्का-मुक्की कर रहे हैं।
धरनारत छात्रों की घेराबंदी कर BHU-VC के वाहन को पास कराते सुरक्षाकर्मी |
बता दें कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र कोरोना वायरस से उपजे हालात की वजह से बंद पुस्तकालयों और छात्रावासों समेत विश्वविद्यालय को खोलने की मांग को लेकर पिछले सात दिनों से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे थे।
केंद्रीय कार्यालय में बैठक करते कुलपति प्रो. राकेश भटनागर |
बैठक में आगामी 5 जनवरी से शुरू होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं की समाप्ति के बाद पुस्तकालयों और छात्रावासों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत खोलने की बात कही गई थी।
BHU-VC प्रो. राकेश भटनागर की अध्यक्षता में हुई बैठक की प्रेस रिलीज |
विश्वविद्यालय के छात्र अधिष्ठाता ने छात्रों के नाम लिखित संदेश जारी कर उनसे धरना समाप्त करने की अपील की थी लेकिन छात्रों ने उनकी अपील ठुकरा दी थी। इसके बाद रात में विश्वविद्यालय प्रशासन ने जबरन उनका धरना खत्म कराने की कोशिश की थी।
BHU के छात्र अधिष्ठाता की ओर से जारी अपील ये भीू पढ़ें- |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you for comment