भागीदारी संकल्प मोर्चा (भासंमो )के संयोजक और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने किया ऐलान...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार के नये तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में अब पूर्वांचल में भी गतिविधियां तेज हो गई हैं। पूर्वांचल में मजबूत पकड़ रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और भागीदारी संकल्प मोर्चा (भासंमो) के संयोजक ओम प्रकाश राजभर ने आगामी 5 फरवरी को 5000 गांवों में किसान आंदोलन के समर्थन में चौपाल लगाने की घोषणा की है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता अरुण राजभर ने आज अपने अधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा है, "सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भागीदारी संकल्प मोर्चा संयोजक, योगी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री माननीय ओम प्रकाश राजभर जी किसान विरोधी कानून के खिलाफ हल्ला बोल जन चौपाल का किया ऐलान , 5 हजार गांव में 5 फरवरी को लगेगा चौपाल।"
आठ से ज्यादा क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों वाले भागीदारी संकल्प मोर्चा के इस ऐलान से दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में सिमटे किसान आंदोलन का प्रभाव अब पूर्वांचल में भी दिखाई देने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और आस-पास के जिलों में प्रभाव रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का यह ऐलान भाजपा की योगी सरकार के साथ केंद्र सरकार के लिए आगामी चुनावों में परेशानी खड़ा कर सकता है।
बता दें कि भागीदारी संकल्प मोर्चा में लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, एड. प्रेम चंद प्रजापति की भागीदारी राष्ट्रीय पार्टी (पी.), अपना दल के दिवंगत नेता सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल की पार्टी अपना दल (कमेरावादी), बाबू राम पाल की राष्ट्र उदय पार्टी, अनिल सिंह चौहान की जनता क्रांति पार्टी, राम सागर बिंद की भारत माता पार्टी और राम करण कश्यप की भारतीय वंचित समाज पार्टी शामिल है। सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने रविवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की। संभावना है कि वह भी जल्द ही भासंमो का हिस्सा हो सकती है।
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