दिल्ली में किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस ने 22 एफआईआर दर्ज की है जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, डॉ. दर्शन पाल, राजिंदर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल, जोगिंदर सिंह उग्राहां आदि का नाम शामिल।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हुई मारपीट और हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 22 एफआईआर दर्ज की है जिसमें 37 नेताओं के नाम शामिल हैं। इनमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, डॉ. दर्शन पाल, राजिंदर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, योगेद्र यादव, मेधा पाटेकर आदि के नाम भी हैं। पुलिस ने मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है और 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने लाल किले के एक पोल पर धार्मिक झंडा फहराने वाले और भाजपा सांसद सन्नी देयोल के करीबी दीप सिद्धू का नाम काफी जद्दोजहद के बाद एफआईआर में शामिल कर लिया है लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। किसान नेताओं ने बुधवार की प्रेस कांफ्रेस में दीप सिद्धू की कार्रवाई को केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की साजिश करार दिया। साथ ही किसान संगठनों ने आगामी 1 फरवरी को दिल्ली में होने वाले संसद मार्च के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ दीप सिद्धू की तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसे लेकर कई प्रकार के सवाल खड़ा हो रहे हैं।
दिल्ली के आइटीओ पर हुई हिंसा के मामले में दर्ज एफआइआर में घटनाक्रम का समूचा ब्योरा दर्ज है। ट्रैक्टर रैली के लिए दिए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र के उल्लंघन के सम्बंध में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के खिलाफ नामजद एफआइआर हुई है। दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा के सम्बंध में यह केस दर्ज किया गया है। एफआइआर कहती है कि किसानों से लगातार कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील के बावजूद वे मध्य दिल्ली की ओर आ रहे हैं। एफआइआर में दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर टैक्टर पलटने से गयी उत्तराखण्ड के एक किसान की जान का विवरण भी है। इस हिंसा में पूरी दिल्ली में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी ज़ख्मी हुए हैं। इस सम्बंध में कुल 22 एफआइआर दर्ज की गयी हैं।
एनओसी के उल्लंघन के सम्बंध में राकेश टिकैत के अलावा डॉ. दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल, जोगिंदर सिंह उग्राहां के खिलाफ नामजद एफआइआर हुई है। लाल किले में हुई हिंसा के मामले में भी एफआइआर दर्ज की जाएगी, ऐसा मौका मुआयना करने के बाद संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा है। इस बारे में गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी जानी है जिसके आधार पर एफआइआर होगी। इनके अलावा कम से कम 20 किसान नेता नामजद हैं जिनमें योगेंद्र यादव और मेधा पाटकर भी शामिल हैं। कुल 37 किसान नेताओं के ऊपर नामजद एफआइआर है। कुछ पत्रकारों और सिख कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी की आशंका है।
किसान नेता वीएम सिंह और ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने इस घटनाक्रम के बाद अपने संगठनों को किसान आंदोलन से वापस खींच लिया है। वीएम सिंह ने कल की घटना के लिए राकेश टिकैत को जिम्मेदार ठहराया है। वीएम सिंह का नाम भी एफआइआर में शामिल है।
बुधवार की शाम किसान नेताओं ने प्रेस कांफ्रेस कर लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने की कार्रवाई को केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की साजिश करार दिया है। नेताओं ने धार्मिक झंडा फहराने वाले पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू को भाजपा नेताओं का करीबी बताया है। दीप सिद्धू भाजपा सांसद सन्नी देयोल का करीबी बताया जा रहा है। वह लोकसभा चुनाव में उनका चुनावी एजेंट था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ दीप सिद्धू की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हो रही हैं। इसे लेकर किसान नेताओं ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर कई सवाल खड़ा किए हैं। उसकी गिरफ्तारी को लेकर भी दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा हो रहे हैं।
ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसानों पर लाठीचार्ज, तोड़फोड़ और हिंसा के बीच एक किसान की मौत
किसानों के समर्थन में आइएनएलडी के नेता अभय चौटाला ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है। स्पीकर ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। विशाल तिवारी नाम के एक वकील ने लाल किले पर हुई घटनाओं के लिए संयुक्त किसान मोर्चे को दोषी ठहराते हुए उसका संज्ञान लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है।
(जनपथ से इनपुट के साथ)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you for comment