बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में शुक्रवार को हुए विस्फोट के बाद घटना स्थल पर लगी भीड़। फोटोः संजय यादव |
हादसे में करीब एक दर्जन लोगों के घायल होने की खबर।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
सोनभद्र। वर्ष-2012 के बहुचर्चित खनन हादसे की चौथी बरसी की पूर्व संध्या पर ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र स्थित पत्थर की एक खदान में आकाशीय बिजली की वजह से विस्फोट हुआ। इसमें तीन मजदूरों की मौत हो गई जबकि करीब दर्जन लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। स्थानीय लोगों के दावों पर गौर करें तो हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है जबकि जिला प्रशासन की ओर से तीन लोगों के मरने की पुष्टि की गई है।
बताया जा रहा है कि बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में देव प्रकाश मौर्या की खदान है। शुक्रवार को खदान में करीब 17 मजदूर कार्य कर रहे थे। जिसमें कुछ मजदूर विस्फोट के लिए होल में बारूद भर रहे थे। उसी दौरान बिजली चली गई और बारिश होने लगी। तभी आकाशीय बिजली चमकी और वहां विस्फोट हो गया। इसमें जुगैल थाना के चाड़म गांव निवासी देवनाथ (35) पुत्र अमरशाह, हंसलाल (50) पुत्र रामबरन और संतलाल (40) पुत्र रामबरन की मौत हो गई। करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। घायलों में पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो वहां मौजूद छह मजदूरों का पता नहीं चल पा रहा है।
ʻवीआईपीʼ वसूली में दबा मजदूरों की ‘हत्या’ का राज!
यहां बिकता है 13 करोड़ महीने की ‘वीआईपी’ में ‘संगठित हत्या’ का लाइसेंस
घायलों में मोहर लाल (40), राम दयाल (25), अमरावती (18), हरिदास (30) की हालत गंभीर है। इन्हें लोढ़ी स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। वहां मोहरलाल की हालत बिगड़ने की वजह से चिकित्सकों ने उसे वाराणसी रेफर कर दिया है। इनके अलावा चाड़ंग गांव निवासी कौशिल्या (3), राम दुलारे (35), समरजीत (22), दसमतिया (40) और विरजिया (35) को चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
ग्रामीणों की आवाज को दबाने के लिए सोनभद्र प्रशासन ने फोड़ा 'रिपोर्ट बम'
मौत का कुआं बन चुकी पत्थर की अवैध खदानों में दम तोड़ रहे आदिवासी
उधर, पुलिस ने घायल समरजीत की तहरीर पर खदान मालिक देव प्रकाश मौर्य समेत अन्य कई अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा-286, 304ए एवं विस्फोटक अधिनियम की धारा-4/5 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रही है।
अवैध खनन का खूनी खेलः जिम्मेदार कौन?
खदान में हुए विस्फोट की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक रामलाल वर्मा, एसडीएम सदर कैलाश सिंह समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। वर्मा ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने घटना की जांच कराने का आश्वासन दिया है। उधर, लखनऊ में कैबिनेट खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने बताया कि विभाग के पांच सदस्यों की टीम मौके पर भेज दी गई है जो विभाग को अपनी रिपोर्ट देगी।
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में 27 फरवरी की शाम बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र स्थित शारदा मंदिर के पीछे एक पत्थर की खदानकी पहाड़ी धंस गई थी जिसमें 10 मजदूरों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। उस हादसे के मृतकों के परिजनों को सरकार की तरफ से आज तक कोई मुआवजा नहीं मिला है और ना ही उस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी गई है। उनके परिजन आज भी न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं।
ये भी पढ़ेंः-
बताया जा रहा है कि बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में देव प्रकाश मौर्या की खदान है। शुक्रवार को खदान में करीब 17 मजदूर कार्य कर रहे थे। जिसमें कुछ मजदूर विस्फोट के लिए होल में बारूद भर रहे थे। उसी दौरान बिजली चली गई और बारिश होने लगी। तभी आकाशीय बिजली चमकी और वहां विस्फोट हो गया। इसमें जुगैल थाना के चाड़म गांव निवासी देवनाथ (35) पुत्र अमरशाह, हंसलाल (50) पुत्र रामबरन और संतलाल (40) पुत्र रामबरन की मौत हो गई। करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। घायलों में पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो वहां मौजूद छह मजदूरों का पता नहीं चल पा रहा है।
ʻवीआईपीʼ वसूली में दबा मजदूरों की ‘हत्या’ का राज!
यहां बिकता है 13 करोड़ महीने की ‘वीआईपी’ में ‘संगठित हत्या’ का लाइसेंस
घायलों में मोहर लाल (40), राम दयाल (25), अमरावती (18), हरिदास (30) की हालत गंभीर है। इन्हें लोढ़ी स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। वहां मोहरलाल की हालत बिगड़ने की वजह से चिकित्सकों ने उसे वाराणसी रेफर कर दिया है। इनके अलावा चाड़ंग गांव निवासी कौशिल्या (3), राम दुलारे (35), समरजीत (22), दसमतिया (40) और विरजिया (35) को चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
ग्रामीणों की आवाज को दबाने के लिए सोनभद्र प्रशासन ने फोड़ा 'रिपोर्ट बम'
मौत का कुआं बन चुकी पत्थर की अवैध खदानों में दम तोड़ रहे आदिवासी
उधर, पुलिस ने घायल समरजीत की तहरीर पर खदान मालिक देव प्रकाश मौर्य समेत अन्य कई अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा-286, 304ए एवं विस्फोटक अधिनियम की धारा-4/5 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रही है।
अवैध खनन का खूनी खेलः जिम्मेदार कौन?
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में 27 फरवरी की शाम बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र स्थित शारदा मंदिर के पीछे एक पत्थर की खदानकी पहाड़ी धंस गई थी जिसमें 10 मजदूरों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। उस हादसे के मृतकों के परिजनों को सरकार की तरफ से आज तक कोई मुआवजा नहीं मिला है और ना ही उस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी गई है। उनके परिजन आज भी न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं।
ये भी पढ़ेंः-
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you for comment