खादी और ग्रामोद्योग आयोग के वाराणसी मंडल कार्यालय ने प्रकाशित किया विज्ञापन। इसके तहत आने वाले 12 जिलों के कुम्हारों से मांगा आवेदन।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। प्लास्टिक, फाइबर और पन्नी की वजह से दम तोड़ रही कुम्हारी कला को सीखानेे और स्वरोजगार कराने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार ने इच्छुक कुम्हारी कला कारीगरों यानी कुम्हारों से 22 हजार रुपये लेने का निर्देश दिया है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के वाराणसी मंडल कार्यालय ने विज्ञापन जारी कर पूर्वांचल के 12 जिलों के कुम्हारों से आवेदन मांगा है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन आता है। उसके वाराणसी मंडल कार्यालय की ओर से जारी विज्ञापन में कहा गया है कि कुम्हारी कला का प्रशिक्षण भारत सरकार के 'स्ट्रेंथनिंग दी पोटेंशियल ऑफ इंडिया' कार्यक्रम के तहत दिया जाएगा। आयोग के वाराणसी मंडल के तहत कुल 12 जिले वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर, भदोही, बलिया, जौनपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, प्रयागराज और अंबेडकर नगर आते हैं। कुम्हारी कला सीखने के इच्छुक कुम्हारों को पंजीकरण और प्रशिक्षण शुल्क के रूप में क्रमशः 100 एवं 1900 रुपये देने होंगे। विज्ञापन में साफ लिखा है कि इस योजना के तहत किसी तरह का कोई अनुदान उपलब्ध नहीं है।
विज्ञापन के मुताबिक 'स्ट्रेंथनिंग दी पोटेंशियल ऑफ इंडिया' कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षुओं को रत्नाकर बैंक लिमिटेड के माध्यम से 20 हजार रुपये का ऋण स्वीकृत किया जाएगा जिसमें 17 हजार रुपये चाक के लिए और 3000 रुपये मिट्टी, ईंधन आदि के लिए स्वीकृत किया जाएगा। यह ऋण प्रधानमंत्री शिशु मुद्रा योजना या क्रेडिट गारंटी के तहत स्वीकृत होगा।
Shivpoojan Prajapati
जवाब देंहटाएंKoyam Silaudhi Pratapgarh Utter Pradesh