बंडारू और कुलपति के खिलाफ केस दर्ज। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहुंचे
हैदराबाद।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का शोध छात्र रोहित वेमुला जातिवादी
सियासतदानों की साज़िश की भेंट चढ़ गया और अब वे जांच कमेटियां बनाकर उसकी खुदकुशी
से उठी आंदोलन की आवाज़ को दबाने की कोशिश में जुट गए हैं। वहीं दूसरी ओर विरोधी
पार्टियों के नेता अपना उल्लू सीधा करने में लग गए हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल
गांधी मंगलवार को धरनारत छात्रों से मिलने हैदारबाद पहुंचे और मृतक रोहित वेमुला
के परिजनों से भी मिले। बसपा, तृणमूल कांग्रेस आदि पार्टियों ने अपने-अपने प्रतिनिधियों
को हैदराबाद भेज दिया है तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र
की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। वहीं राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी भाजपा-आरएसएस के घोर-जातिवादी एजेंडे की साजिश का नतीजा है।
दूसरी ओर हैदराबाद पुलिस ने दबाव में आकर रोहित के दोस्त प्रशांत की शिकायत पर केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, भाजपा विधायक एन रमाचंदर, विश्वविद्यालय के कुलपति पी. अप्पा राव और एबीवीपी (एचसीयू) अध्यक्ष एन सुशील कुमार के खिलाफ गचिबाउली पुलिस थाने में झूठा आरोप लगाने और आत्महत्या के लिए उकसाने की
धारा के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। साथ ही उसने रोहित वेमुला के शव का अंतिम
संस्कार उनके परिजनों की सहमति के बिना ही कर दिया। वहीं केंद्रीय श्रम और रोजगार
राज्य मंत्री दत्तात्रेय ने खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपों से इनकार कर दिया है।
बंडारू दत्तात्रेय पर लगे आरोपों की जांच के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति
इरानी ने जांच समिति का गठन किया है। मामले को लेकर देश के विभिन्न इलाकों में
सोमवार को विरोध प्रदर्शन हुए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शोध छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले को ‘लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और समानता की हत्या’ करार दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘यह आत्महत्या नहीं, हत्या है। यह लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और समानता की हत्या है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को मंत्रियों को निलंबित करना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए। केजरीवाल ने एक और ट्वीट में कहा, ‘‘दलितों का उत्थान मोदी सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है। इसके बावजूद मोदीजी के मंत्रियों ने पांच दलित छात्रों को बहिष्कृत व निष्कासित किया।"
उधर, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, "यह तो शुरूआत भर है। कुलपतियों का चयन भाजपा आरएसएस द्वारा किया जा रहा है। शिक्षा के बजाय उनकी रुचि एबीवीपी को बढ़ावा देने में है। सभी छात्र शाखाओं को परिसर में सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए एक साथ आना चाहिए।
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