रोहित वेमुला की खुदकुशी के विरोध में विश्वविद्यालय के 15 में से 13 दलित फैकल्टी ने सभी प्रशासनिक पदों से दिया इस्तीफा
वनांचल न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली/हैदराबाद। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित
वेमुला की खुदकुशी को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विरोध-प्रदर्शन और
राजनीतिक प्रतिक्रिया से सकते में आई विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने चार
दलित शोधार्थियों का निलंबन वापस ले लिया है। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की
कार्यकारी परिषद ने गुरुवार को रोहित वेमुला के साथ निलंबित अन्य चार छात्रों का
निलंबन रद्द कर दिया। परिषद ने यह फैसला विश्वविद्यालय में हो रहे विरोध प्रदर्शनों
की बीच किया। विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विश्वविद्यालय
में बने असाधारण हालात को देखने और मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के बाद
शोधार्थियों पर लगाए गए दंड को तत्काल प्रभाव से समाप्त कने का फैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में रोहित सहित पांच दलित छात्रों को एबीवीपी के
कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद निलंबित कर दिया गया था। यह सब दिल्ली विश्वविद्यालय
में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग पर एबीवीपी
के हमले के बाद शुरू हुआ था। दलित छात्रों ने एबीवीपी
के इस कदम की निंदा करते हुए इसके विरोध में कैम्पस में
प्रदर्शन किया था। इसके बाद इन छात्रों को हॉस्टल से दिसंबर में निकाल दिया गया।
गत रविवार को इनमें से एक रोहित वेमुला ने खुदकुशी कर ली थी। इसे लेकर देश के
विभिन्न हिस्सों में छात्र संगठनों समेत अन्य लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर
दिया।
विश्वविद्यालय के एक दर्जन से ज्यादा दलित फैकल्टी ने आज केंद्रीय मानव
संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी के बयान को लेकर सभी प्रशासनिक पदों से
इस्तीफा दे दिया। इनमें मुख्य चिकित्साधिकारी कैप्टन रविंद्र कुमर, परीक्षा
नियंत्रक प्रो. वी. कृष्णा, मुख्य वार्डन डॉ. जी. नागाराजू और एक दर्जन अन्य
फैकल्टी सदस्य शामिल हैं। इससे विश्वविद्यालय और दबाव में आ गया और उसने जल्द ही
कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाई। इसमें खुदकुशी करने वाले शोधार्थी रोहित वेमुला के
चार साथियों का निलंबन वापस लेने का निर्णय लिया गया।
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