खेखड़ा गांव निवासी मजदूर अनिल कुमार की बृहस्पतिवार को हो गई थी मौत। मृतक के परिवार को दो महीने से नहीं मिला है राशन। नया राशन कार्ड बनाने के नाम पर कोटेदार ने अपने पास रखा है पुराना राशन कार्ड।
reported by SHIV DAS
सोनभद्र। रॉबर्ट्सगंज थाना क्षेत्र के खेखड़ा गांव में पैसे के अभाव में एक मजदूर का शव रास्ते में घंटों पड़ा रहा लेकिन सूचना देने के बाद भी जिला प्रशासन का कोई कारिंदा मौके पर नहीं पहुंचा। बाद में ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर मजदूर के शव का दाह संस्कार किया जिसमें मुसलमानों ने भी आगे बढ़कर सहयोग किया।
रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के ग्राम पंचायत मंगुराही के खेखड़ा गांव निवासी अनिल कुमार की तबीयत बृहस्पतिवार को भोर में अचानक खराब हो गई। परिजनों ने उन्हें लोढ़ी स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां दोपहर बाद करीब एक बजे उनकी मौत हो गई। परिजन उनके शव को लेकर गांव आ गए लेकिन पैसे के अभाव में उनका दाह संस्कार नहीं कर सके। शव रास्ते में घंटों पड़ा रहा। शव के पास उनकी पत्नी और बच्चे रोते रहे। धीरे-धीरे इसकी सूचना ग्राम पंचायत बहुअरा के ग्रामीणों को हुई।
रास्ते में शव रखकर रोती मृतक अनिल कुमार की पत्नी चंद्रावती एवं उनका बेटा |
उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को सूचना दी। जिलाधिकारी को दो बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने दोनों बार फोन काट दिया। रॉबर्ट्सगंज के उप-जिलाधिकारी को भी फोन किया गया लेकिन उनका नंबर नहीं लगा। ट्वीटर के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वाराणसी परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक और सोनभद्र पुलिस को भी ट्वीट किया गया लेकिन शाम सात बजे तक प्रशासन की तरफ से कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा।
मृतक अनिल कुमार की पत्नी और उनकी बेटियां |
इसके बाद ग्रामीणों ने अनिल कुमार के शव का दाह संस्कार करने के लिए चंदा इकट्ठा किया जिसमें कुछ मुसलमानों ने भी बढ़कर सहयोग किया। इस तरह ग्रामीणों ने करीब 6500 रुपये इकट्ठा किए। मौके पर मौजूद मंगुराही के ग्राम प्रधान रमेश यादव उर्फ हड़बड़ी प्रधान ने चंदे के रूप में केवल 500 रुपये की मदद की।
अनिल कुमार के दाह संस्कार के लिए जमा की गई धनराशि को दिखाते ग्रामीण अमरजीत यादव |
सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी चोपन नगर पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि उस्मान अली को हुई तो उन्होंने पत्रकार विकास द्विवेदी के माध्यम से 5000 रुपये की धनराशि भेजवाई जो मृतक अनिल कुमार के बेटे को दी गई। फिर ग्रामीणों ने हिन्दुवारी स्थित श्मशान घाट पर मृतक अनिल कुमार का दाह संस्कार किया। दाह संस्कार के बाद ग्रामीणों ने बची हुई धनराशि उनकी पत्नी चंद्रावती को दी।
मृतक अनिल कुमार के घर को जाने वाला रास्ता |
दो महीने से नहीं मिला है राशन
मृतक अनिल कुमार बियार समुदाय से थे और मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का खर्च चलाते थे। उनकी पत्नी चंद्रावती ने मौके पर पहुंची 'वनांचल एक्सप्रेस' की टीम को बताया, 'वे पिछले एक साल से बीमार चल रहे थे। पूरी कमाई दवा में ही खर्च हो जाती थी। इलाज के लिए डेढ़ बिस्वा जमीन भी बेचनी पड़ी थी। बृहस्पतिवार की भोर में अचानक उनकी सांसें फूलने लगी। हम लोगों ने उन्हें लोढ़ी स्थित जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां दोपहर बाद एक बजे उनकी मौत हो गई।'
मृतक अनिल कुमार का घर |
मृतक अनिल कुमार के परिवार में उनकी पत्नी चंद्रावती के अलावा उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी रेखा कुमारी 12 साल की है और कक्षा छह में पढ़ती है। इसके बाद 11 साल का उनका बेटा प्रिंस है जो कक्षा-5 का छात्र है। छोटी बेटी काजल और निशु क्रमशः कक्षा-4 और कक्षा-3 में पढ़ती हैं। परिवार के पास पांच बिस्वा के करीब जमीन बची है जिसमें एक कच्चा मकान बना है और पूरा परिवार उसी में रहता है।
सरकारी आवास के बाबत पूछने पर चंद्रावती बताती हैं कि उन्होंने ग्राम प्रधान से कई बार आवास देने की अपील की लेकिन आज तक उन्हें आवास नहीं मिला है। जब उनसे राशन कार्ड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, '' उनका लाल कार्ड है। दो महीने से राशन नहीं मिला है।'
उन्होंने 'वनांचल एक्सप्रेस' को बताया कि उनका राशन कार्ड कोटेदार ने दो महीने से अपने पास रखा है। वह कहते हैं कि नाम कट गया है। नया राशनकार्ड बनेगा लेकिन अभी तक राशन कार्ड नहीं मिला है।
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