बहुअरा निवासी किसान राम हरक
विद्युत उपभोक्ताओं को चंदा लगाकर कराना पड़ रहा विद्युत विभाग का काम, अधिकारी और कर्मचारी उपभोक्ताओं से कर रहे अवैध वसूली।
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (विद्युत विभाग) के अधीन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारी और कर्मचारी सोनभद्र में किसानों, राहगीरों और विद्युत उपभोक्ताओं की ज़िंदगी से खेल रहे हैं। विद्युत उपभोक्ताओं और पीड़ितों की बार-बार शिकायतों के बाद भी उनकी समस्याएं हल नहीं हो रही हैं। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी क्षेत्रीय सांसद का लिखित आदेश भी मानने से इन्कार कर दे रहे हैं। मजबूरन उपभोक्ताओं को चंदा लगाकर विद्युत विभाग का काम कराना पड़ रहा है। विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार बिजली बिल और सुविधा शुल्क के नाम पर विद्युत उपभोक्ताओं से मनमाना वसूली करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। पढ़िए ऐसे ही जमीनी हकीकतों को रू-ब-रू कराती वरिष्ठ पत्रकार SHIV DAS की यह रिपोर्ट:
सोनभद्र में रॉबर्ट्सगंज विकासखंड खंड के बहुअरा गांव निवासी किसान राम हरक के खेत में करीब सवा साल पहले विद्युत पोल गिर गया था। राम हरक और ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सूचना दी। ठेके पर रखे गए क्षेत्रीय लाइनमैन ने ग्रामीणों की सहायता से बांस और बल्ली लगाकर विद्युत पोल को जमीन से थोड़ा उपर उठाकर विद्युत आपूर्ति चालू करा दी। आज तक वैसे ही विद्युत आपूर्ति हो रही है लेकिन किसान राम हरक और उनके परिवार की ज़िंदगी हर दिन उस खतरे से दो चार हो रही है। इसकी वजह से वे करीब दो बिस्वा भूमि पर खेती भी नहीं कर पाते हैं।
गत 16 जून को मौकै पर पहुंची 'वनांचल एक्सप्रेस' की टीम को वे बताते हैं, 'विद्युत पोल साल भर से गिरा है। मैंने ईएक्सईएन से शिकायत भी की थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।' वह अपने करीब दो बिस्वा परती खेत को दिखाते हुए कहते हैं, 'साहब, देखिए, उतना खेत परती हव। का बताईं। उहां टैक्टर कइसे जाई अउर हमार खेत कइसे जोताई।'
उन्होंने 'वनांचल एक्सप्रेस' की टीम को क्षेत्रीय सांसद पकौड़ी लाल कोल को संबोधित अपना शिकायती पत्र दिखाया और कहा कि उनके लिखित निर्देश के बाद उन्होंने इसे ईएक्सईएन कार्यालय में पिछले साल 4 फरवरी को रिसीव करा दिया था। शिकायती पत्र पर ईएक्सईएन कार्यालय के कर्मचारी का हस्ताक्षर मौजूद हैं।
किसान राम हरक द्वारा ईेएक्सईएन कार्यालय में रिसीव कराया गया पत्र |
राम हरक ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि मेन लाइन से तिनताली मुसहर बस्ती तक जाने वाली एलटी लाइन के दो खंभे उनके खेत में और घर के पास लगे हैं। तीन बार ये खंभे गिर चुके हैं। अभी भी एक खंभा गिरा हुआ है। इससे उन पर और उनके परिवार के साथ पशुओं पर आए दिन जान का खतरा मंडराता रहता है। उन्होंने उनके खेत से गुजरने वाले चकरोड पर उन खंभों को लगाने और विद्युत आपूर्ति को बहाल करने का अनुरोध किया है।
किसान राम हरक के खेत में उनके घर के पास लगा विद्युत पोल |
पकौड़ी लाल कोल के प्रतिनिधि ने राम हरक के शिकायती पत्र पर रॉबर्ट्सगंज के अधीक्षण अभियंता (विद्युत) को विद्युत लाइन में सुधार कर विद्युत आपूर्ति को बहाल करने का निर्देश दिया था लेकिन उनकी समस्या आज तक हल नहीं हुई। उनके खेत में गिरा एक विद्युत पोल आज भी बांस और बल्ली के सहारे विद्युत आपूर्ति कर रहा है।
राम हरक की शिकायत और उस पर हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी लेने के लिए 'वनांचल एक्सप्रेस' ने मौके से ही क्षेत्रीय पसही फीडर के जेई विनय कुमार गुप्ता के मोबाइल नंबर- 9453047769 पर दो बार फोन किया लेकिन रिंग जाने के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया।
जिस समय राम हरक 'वनांचल एक्सप्रेस' को अपनी परेशानी सुना रहे थे, उस समय भी उनके घर के पास खेत में विद्युत लाइन का तार टूटकर गिरा था। ठेके पर रखे गए विद्युत विभाग के तीन निजी लाइनमैन उसे ठीक कर रहे थे और विद्युत आपूर्ति बाधित थी। हालांकि इस दौरान कोई भी लाइनमैन विद्युत विभाग द्वारा दिए जाने वाले सुरक्षा उपकरणों को धारण नहीं किया था।
सुरक्षा उपकरणों के बाबत पूछने पर लाइनमैन अवधेश कुमार ने बताया कि विभाग ने सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए हैं लेकिन उन सुरक्षा उपकरणों में हमें बहुत परेशानी होती है और उसे पहनने में ज्यादा समय भी लगता है। ऐसे हमें आराम रहता है। इस दौरान काम के बदले वेतन मिलने के सवाल पर लाइनमैनों की नाराज़गी भी दिखाई दी। उनका कहना था कि हमें विभाग की ओर से 8000 रुपए ही प्रतिमाह मिलते हैं। ये उपभोक्ता ही हैं जिनकी बदौलत हमारा खर्च चल पाता है।
लाइनमैन संकेत के जरिए उपभोक्ताओं से जिस सहायता के बारे में बात कर रहे थे, वह वही सुविधा शुल्क है जो वे कनेक्शन जोड़ने या विद्युत आपूर्ति बाधित हो जाने पर उसे ठीक करने के एवज में उपभोक्ताओं से अवैध रूप से वसूलते हैं।
ऐसी ही एक घटना पसही फीडर क्षेत्र के ग्राम पंचायत तिनताली में एक महीने पहले घटी थी। वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर स्थित तिनताली मोड़ पर गत 17 मई को एलटी लाइन का विद्युत पोल टूटकर गिर गया था। ग्रामीणों की सूचना के बाद क्षेत्रीय लाइनमैन ने विद्युत आपूर्ति बंद कर दी और वापस चला गया।
17 मई को तिनताली मो़ड़ पर गिरा विद्युत पोल |
ग्रामीणों ने फोन से इसकी शिकायत पसही फीडर के जेई विनय कुमार गुप्ता को की लेकिन चार दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। चौथे दिन ग्रामीणों ने इसकी शिकायत ट्वीटर के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मुख्यालय और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी के मुख्यालय और जिलाधिकारी सोनभद्र से की लेकिन ना ही विद्युत पोल लगा और ना ही विद्युत आपूर्ति शुरू हुई। विभाग द्वारा शिकायत संख्या-PU2105210912 केवल दी गई। कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ।
विद्युत विभाग की उदासीनता से आजिज आकर ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा किया और ट्रैक्टर-ट्राली लेकर रॉबर्ट्सगंज स्थित विद्युत विभाग के कार्यालय से बिजली का पोल लेकर आए। लेकिन, विभाग के कर्मचारियों ने ग्रामीणों को विद्युत पोल के सपोर्ट के लिए स्टे तक नहीं दिया। छह दिन बीत गए लेकिन विद्युत पोल नहीं लगा। लाइनमैन अवधेश कुमार ग्रामीणों से गड्ढा खोदने को कहने लगा। इसके बाद ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की।
इसके बाद पसही फीडर के जेई विनय कुमार गुप्ता ने शाम तक विद्युत आपूर्ति बहाल कराने की बात की। गड्ढा खोदने के लिए उन्होंने जो मशीन भेजी थी, उसका चालक ग्रामीणों से दो हजार रुपये की मांग करने लगा। ग्रामीणों के पैसा नहीं देने की वजह से करीब दो घंटे तक उसने गड्ढे की खुदाई नहीं की। फिर जब ग्रामीणों और ग्राम प्रधान संतोष वर्मा ने जेई विनय कुमार गुप्ता से बात की तो गड्ढे की खुदाई हुई और विद्युत पोल लगा। लाइनमैन ने जिस तरीके से विद्युत पोल लगाया था, वह खतरे को दावत दे रहा था। फिलहाल विद्युत पोल गिरने के छठवें दिन विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकी। विद्युत विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर ग्रामीणों का अंदेशा तीन दिन बाद सच साबित हुआ।
25 मई की रात तिनताली मोड़ पर विद्युत विभाग द्वारा लगाया गया विद्युत पोल सड़क पर गिरकर टूट गया और विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। विद्युत पोल रात में गिरा था, इसलिए किसी प्रकार जनहानि नहीं हुई लेकिन अगर विद्युत पोल दिन में गिरा होता तो वहां जरूर किसी न किसी की मौत हुई होती क्योंकि मोड़ पर सामान्य दिनों में हमेशा भीड़ रहती है। ग्रामीणों ने सुबह विद्युत विभाग को सूचना दी तो मौके पर पहुंचे लाइनमैन ने एलटी लाइन की विद्युत आपूर्ति ठप कर दी।
25 मई की रात गिरा विद्युत पोल जिसे तीन दिन पहले ही विभाग ने लगाया था। |
ग्रामीण विकास कुमार मौर्य, जग नारायण प्रजापति, शिव दास आदि ने ट्वीटर के जरिए उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन निगम लिमिटेड, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ऊर्जा मंत्री, जिलाधिकारी सोनभद्र आदि से शिकायत दर्ज कराई लेकिन तीन दिनों तक विद्युत विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंत में ग्रामीणों ने हर विद्युत उपभोक्ता से 70-70 रुपये का चंदा इकट्ठा किया और वे रॉबर्ट्सगंज स्थित विद्युत विभाग के कार्यालय से विद्युत पोल लेकर आए। उन्होंने पांच सौ रुपये देकर मशीन से गड्ढा खुदवाया और विद्युत पोल लगवाया। उसके बाद लाइनमैन ने विद्युत तार जोड़ा। तब कहीं जाकर विद्युत पोल गिरने के चौथे दिन विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकी।
अब सवाल यह उठता है कि जब विद्युत पोल गिरने पर ग्रामीणों को ही इसे ठीक कराना पड़ रहा है और विद्युत तार जोड़ने के लिए लाइनमैन को सुविधा शुल्क देना पड़ रहा है तो विभाग में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति क्यों की गई है? उपभोक्ता एक तरफ विद्युत विभाग द्वारा जारी मनमाना बिल भर ही रहा है तो दूसरी ओर विभाग का काम भी उन्हें ही करना पड़ रहा है। शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। क्या ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि लोग उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड के निजीकरण की वकालत करने लगे और सरकार उसे बेच सके?
...जारी है.....अगले अंक में पढ़िए... सोनभद्र में विद्युत विभाग के अधिकारी विद्युत उपभोक्ताओं को भेज रहे मनमाना बिल, शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई।
बहुत-बहुत बधाई हो पत्रकार भाई श्री शिव दास जी आपको आपने सोनभद्र जिले में हो रहे विद्युत विभाग द्वारा उदासीनता तथा सरकार की नीतियों का भंडाफोड़ कर किसानों के हित की लड़ाई लड़ने का जो अथक प्रयास कर रहे हैं । इस लड़ाई में हम लोग आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंसोनभद्र के ग्रामीण इलाके में ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में विद्युत विभाग और उसके कर्मचारियों का यही रवैया है। विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर ग्रामीणों को स्वतः ही चंदा लगाकर कर उसे दुरूस्त कराना पड़ता है। जिसमें विद्युत विभाग के कर्मचारी ग्रामीणों का मनमानी दोहन करते हैं। वनांचल एक्सप्रेस की टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद कि ग्रामीणों के इस समस्या को उठाया है। अब देखने की बात हैं कि सरकार व विद्युत विभाग इसपर क्या कदम उठाते है?
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