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मंगलवार, 8 दिसंबर 2020

BHU-VC और छात्रों के बीच फिर ठनी, छात्रों के अनिश्चितकालीन धरने के तीसरे दिन हॉस्टल खाली कराने की कोशिश नाकाम

BHU-VC आवास के सामने धरना देते छात्र
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के दर्जनों छात्र कुलपति आवास के सामने पिछले चार दिनों से अनिश्चितकालीन दे रहे धरना। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय, पुस्तकालय और हॉस्टल खोलने की कर रहे मांग। छात्रों का आरोप- पुलिस प्रशासन और अराजक तत्वों के बल पर विश्वविद्यालय प्रशासन धरना खत्म कराने की कर रहा कोशिश।    

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। कोरोना वायरस (COVID-19) से उपजे हालात और लॉक-डाउन से प्रभावित शैक्षिक प्रक्रिया से चिंतित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों और कुलपति के बीच फिर ठन गई है। पुस्तकालयों और छात्रावासों समेत विश्वविद्यालय को खोलने की मांग को लेकर दर्जनों छात्र पिछले चार दिनों से कुलपति आवास के सामने धरना दे रहे हैं लेकिन कुलपति ने उनसे मिलने या वार्ता करने की जहमत तक नहीं उठाई। इसके उलट विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को बिड़ला 'ए' छात्रावास में रह रहे करीब 50 छात्रों से कमरा खाली कराने की नाकाम कोशिश की। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये से नाराज छात्रों ने मार्च निकाला और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों का साफ कहना था कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावासों में रह रहे छात्रों को उनके कमरों से बाहर निकालने की कोशिश की तो वे चुप नहीं बैठेंगे। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के तहत पुस्तकालयों और छात्रावासों समेत विश्वविद्यालय को तुरंत खोले जाने की मांग की।

रविवार, 6 दिसंबर 2020

जातिगत भेदभाव के आरोपों के साथ BHU में मनी डॉ. अंबेडकर की पुण्यतिथि

भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के 65वें परिनिर्वाण दिवस पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) स्थित के.एन. उडुप्पा सभागार में संगोष्ठी का हुआ आयोजन। वक्ताओं ने बीएचयू प्रशासन पर लगाया जाति आधार पर भेदभाव करने का आरोप। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के 65वें परिनिर्वाण दिवस के मौके पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित के.एन. उडुप्पा सभागार में एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के छात्रों एवं शिक्षकों ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान वक्ताओं ने बीएचयू प्रशासन पर जाति के आधार पर एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखित भारतीय संविधान के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संगठित होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। 

शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

BHU में जातिगत भेदभाव को लेकर छात्रों और नागरिकों ने किया प्रदर्शन

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के विधि संकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रोफेसर पद पर एकल योग्य अभ्यर्थी के रूप में चयनित डॉ. मुकेश कुमार मालवीय समेत एससी, एसटी और ओबीसी के साथ होने वाले भेदभाव पर आंदोलन की चेतावनी।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों और अभ्यर्थियों के साथ हो रहे जातिगत भेदभाव के खिलाफ छात्रों और नागरिकों ने बृहस्पतिवार को लंका स्थित बीएचयू गेट के सामने प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के विधि संकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रोफेसर पद पर एकल योग्य अभ्यर्थी एवं उसी संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुकेश कुमार मालवीय का साक्षात्कार कराने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर एससी, एसटी, ओबीसी के खिलाफ जातिगत भेदभाव नहीं रुका तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। 

बुधवार, 28 अक्तूबर 2020

BHU में फिर दिखा सवर्णों का जातिवाद, प्रोफेसर पद पर OBC के गोल्ड मेडलिस्ट योग्य अभ्यर्थी का साक्षात्कार लेने से किया इंकार

विश्वविद्यालय प्रशासन ने ओबीसी कैटगरी के पद पर एकल योग्य उम्मीदवार का साक्षात्कार नहीं लेने के विवादित नियम का दिया हवाला। 

reported by Shiv Das

आज बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की बगिया में मेरे साथ अन्याय हो रहा है। पढ़ाई लिखाई में हमेशा गोल्ड मेडल लाया। एलएलबी, एलएलएम, एमफिल, सभी में अव्वल रहा। 25 पुस्तकें लिखीं, 500 से ज्यादा पेपर लिखे, 500 से अधिक पेपर पढ़ा। 100 अवार्ड पाया। मेरे गुरुजन, मेरे साथी, मेरे सहयोगी सभी मेरी काबलियत से वाकिफ हैं।...बीएचयू में प्रोफेसर का इश्तहार पढ़कर मैंने भी फॉर्म डाला। 31.10.2020 को मुझे इंटरव्यू देना था। न मालूम किस की नजर लगी। मेरे नाम को आज हटा दिया गया। पहले बुलाया, बाद में अपने से हटा दिया गया। ये किसी योग्यता प्राप्त व्यक्ति के साथ होना एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है। मैं ओबीसी हूं। ...आज चंद लोंगो की भेदभाव भरी अनीति से मेरी योग्यता का अंतिम संस्कार हो गया।

बुधवार, 7 अक्तूबर 2020

OBC पदों की भर्ती में BHU ने की नियमों की अनदेखी, शिक्षक समेत छात्रों ने दर्ज कराया विरोध

विश्वविद्यालय के कुलपति समेत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को लिखा पत्र। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दर्शन एवं धर्म विभाग में प्रोफेसर पद पर दावेदारी करने वाले एकल योग्य अभ्यर्थी को "BHU Ordinance-11.A.(1)" का हवाला देकर साक्षात्कार लेने से कर दिया इंकार। धर्मागम विभाग में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर एकल योग्य उम्मीदवार का साक्षात्कार भी लिया... 

 वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

ससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के विरोधी सवर्ण प्रभुत्व वाले संगठन के रूप में चर्चित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रभाव वाला काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित पदों पर चेहेतों की भर्ती के लिए जमकर नियमों की अनदेखी कर रहा है। विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों और छात्रों के आरोपों की मानें तो विश्वविद्यालय में पिछले छह सालों के दौरान नियमों की अनदेखी कर सैकड़ों फर्जी नियुक्तियां कर दी गई हैं। ऐसा ही एक मामला संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान (SVDV) संकाय के धर्मागम विभाग और कला संकाय के दर्शन एवं धर्म विभाग में सामने आया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दर्शन एवं धर्म विभाग में प्रोफेसर पद पर दावेदारी करने वाले एकल योग्य अभ्यर्थी को "BHU Ordinance-11.A.(1)" का हवाला देकर साक्षात्कार लेने से इंकार कर दिया है। वहीं, विश्वविद्यालय ने धर्मागम विभाग में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर एकल योग्य उम्मीदवार को साक्षात्कार के लिए गत 20 सितंबर को बुलाया था।

सोमवार, 7 सितंबर 2020

BHU की असिस्टेंट प्रोफेसर की शिकायत पर वाराणसी के SSP को मानवाधिकार आयोग का नोटिस, 21 सितंबर तक मांगा जवाब

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय में समाज शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रतिमा गोंड़ ने गत 3 जुलाई को लंका थाना पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच हुई मारपीट के मामले में आयोग को लिखा था पत्र।

reported by राजीव कुमार मौर्य

वाराणसी के सुंदरपुर चौराहा पर गत 3 जुलाई को सत्ताधारी भाजपा नेताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हुई मारपीट के मामले में उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से जवाब तलब किया है। आयोग ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय में समाज शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रतिमा गोंड़ की शिकायत का संज्ञान लेते हुए एसएसपी से आगामी 21 सितंबर तक रिपोर्ट मांगा है। साथ ही आयोग ने चेतावनी दी है कि उसकी अपेक्षा के अनुरूप कार्यवाही नहीं किए जाने पर वह न्यायोचित आदेश पारित कर देगा। 

शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

BHU: प्रवेश परीक्षाओं को निरस्त करने की उठी मांग, कुलपति कार्यालय ने छात्रों का ज्ञापन लेने से किया इंकार

ज्वाइंट एक्शन कमेटी, बीएचयू ने गत 11 अगस्त को कुलपति को सौंपा था ज्ञापन

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। कोरोना महामारी से उपजे संकट के हालात में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की होने वाली प्रवेश परीक्षाओं को लेकर छात्रों को विरोध तेज हो गया है। पिछले दिनों ज्वाइंट एक्शन कमेटी (JAC) के ट्वीटर अभियान के बाद आज छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर को ज्ञापन देने केंद्रीय कार्यालय पहुंचा। कुलपति अनुपस्थित थे। छात्रों ने उनके अधीनस्थ कर्मचारियों को ज्ञापन देने की कोशिश की लेकिन उन्होंने उसे लेने से इंकार कर दिया। 

गुरुवार, 6 अगस्त 2020

BHU अस्पताल की ओपीडी सेवाएं 10 अगस्त से होंगी शुरू, जानें क्या हैं मरीजों को दिखाने की शर्तें

एक दिन में एक ओपीडी में केवल 50 मरीजों को ही देखेंगे चिकित्सक।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के अधीन सर सुंदरलाल चिकित्सालय में लॉक-डाउन की वजह बंद पड़ी ओपीडी सेवाएं आगामी 10 अगस्त से फिर शुरू होंगी लेकिन एक दिन में एक ओपीडी में केवल 50 मरीज ही चिकित्सकों को दिखा सकेंगे। चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

BHU: Ph.D. प्रवेश प्रक्रिया में जाति आधारित भेदभाव पर बिफरे छात्र, कुलपति कार्यालय का किया घेराव


विश्वविद्यालय प्रशासन पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं करने का आरोप।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गढ़ के रूप में चर्चित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों ने बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय प्रशासन पर जाति के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया और लंका स्थित सिंह द्वार से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक मार्च निकालने की असफल कोशिश की। बाद में छात्रों ने विश्वविद्यालय में मार्च निकाला और केंद्रीय कार्यालय का घेराव किया।

रविवार, 6 मई 2018

BHU प्रशासन संरक्षित 'गुंडों' ने छात्र को मारा चाकू, नौ छात्रों के खिलाफ नामजद FIR

छात्र को चाकू मारे जाने की घटना से खफा लालबहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों और बिड़ला छात्रावास के हमलावर छात्रों के बीच जमकर हुई पत्थरबाजी। विश्वविद्यालय प्रशासन के सुरक्षाकर्मी बने रहे मूकदर्शक।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों पर विश्वविद्यालय प्रशासन संरक्षित गुंडों का हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों विश्वनाथ मंदिर के पास एक छात्र पर हुए हमले का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि शनिवार को हिन्दी भवन चौराहे के पास अराजक तत्वों ने परीक्षा देने जा रहे आशुतोष मौर्या नामक छात्र को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पीड़ित छात्र का आरोप है कि बिड़ला निवासी हमलावरों ने देशी कट्टा सटाकर उसके साथी को जान से मारने की धमकी दी और उसके साथी का पर्स और उसमें रखे 14 हजार 570 रुपये लूट लिये। पीड़ित छात्र की तहरीर पर लंका पुलिस ने बीएचयू निवासी नौ छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में नामजद एफआईआर दर्ज किया है जिनमें लूटपाट करने और बलवा फैलाने का आरोप शामिल है। सूत्रों की मानें तो इस घटना को लेकर लालबहादुर शास्त्री छात्रावास और बिड़ला छात्रावास के छात्रों के बीच शनिवार को जमकर पत्थरबाजी भी हुई जिससे विश्वविद्यालय परिसर में घंटों तक अफरा-तफरी मची रही।

शनिवार, 5 मई 2018

BHU: पिज्जा-कोल्डड्रिंक के बयान से भड़की छात्राओं ने दिया धरना, चीफ प्रॉक्टर का मांगा इस्तीफा

छात्राओं ने चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह द्वारा दर्ज एफआईआर को वापस लेने के साथ मीडिया में माफी मांगने की मांग की। महिला महाविद्यालय के गेट के सामने एक घंटे तक दिया धरना, फिर निकाला प्रतिरोध मार्च।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की पहली महिला चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह के 'पिज्जा और कोल्डड्रिंक' केे बयान और उसके बाद छात्र-छात्राओं पर हुए एफआईआर (प्रथम सूचना रपट) ने शनिवार को तूल पकड़ लिया। शनिवार की शाम सैकड़ों छात्राएं रोयाना सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए महिला महाविद्यालय गेट के सामने धरने पर बैठ गईं और नारेबाजी करने लगीं। छात्राओं ने एक सुर में चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह द्वारा दर्ज एफआईआर को वापस लेने के साथ मीडिया में अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग करने लगीं। थोड़ी देर में ही दर्जनों छात्रों का एक समूह उनके समर्थन में धरना में शामिल हो गया और सभी ने करीब एक घंटे तक वहां धरना-प्रदर्शन किया। फिर उन्होंने एक प्रतिरोध मार्च निकाला जो महिला महाविद्यालय गेट से निकलकर लंका स्थित सिंह द्वार तक गया।

रविवार, 29 अप्रैल 2018

BHU के छात्रों ने ‘ZEE NEWS’ के खिलाफ किया प्रदर्शन, फूंका लोगो

छात्र समुदाय को बदनाम करने के लिए प्रोपगंडा रचने का लगाया आरोप। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों ने शनिवार की शाम लंका स्थित सिंह द्वार के सामने ‘ज़ी न्यूज़’ टीवी चैनल के खिलाफ प्रदर्शन किया और उसका लोगो जलाया। साथ ही उन्होंने उसपर छात्र समुदाय को बदनाम करने के लिए प्रोपगैंडा रचने का आरोप लगाया।

शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018

BHU: नवनियुक्त कुलपति ने छात्रावास को बनाया अतिथिगृह, अब देना होगा दोगुना किराया

विश्वविद्यालय के अतिथिगृहों की सुविधाओं की दरों में सात हजार गुना तक की बढ़ोत्तरी। सहायक कुलसचिव (प्रशासन) ने जारी की अधिसूचना।
शिव दास
वाराणसी। सर्व विद्या की राजधानी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का स्वायत्ततायी आदेश का असर दिखाई देने लगा है। नवनियुक्त कुलपति ने छात्रों से डॉ. शांति स्वरूप भटनागर छात्रावास को छीनकर उसे विश्वविद्यालय के अतिथिगृहों का हिस्सा बना दिया है जो अब डॉ. शांति स्वरूप भटनागर अतिथिगृह के नाम से जाना जाएगा। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सभी अतिथिगृहों की सुविधाओं की दरों में दो गुना से लेकर सात हजार गुना तक की बढ़ोत्तरी कर दी है जिसमें प्रशासनिक और शैक्षिक कार्यों को भी शामिल किया गया है। 

गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

UGC और MHRD समेत केंद्र सरकार के खिलाफ वाराणसी में SC, ST और OBC छात्रों का प्रदर्शन, BHU के शिक्षक भी हुए शामिल, शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता का किया विरोध

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में विभागवार आरक्षण के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में छात्रों और शिक्षकों ने निकाला विरोध मार्च, शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता का भी हुआ विरोध।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में विभागवार आरक्षण (प्रतिनिधित्व) दिये जाने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के फरमान के खिलाफ एससी, एसटी, ओबीसी संघर्ष समिति ने बुधवार को लंका स्थित सिंह द्वार से संत रविदास गेट तक विरोध मार्च निकाला और केंद्र सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा शिक्षण संस्थाओं को स्वायत्त घोषित करने के साथ रोस्टर व्यवस्था को विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में आरक्षण को खत्म करने की साजिश करार दिया।

शनिवार, 24 मार्च 2018

JNU के आरक्षण विरोधी प्रोफेसर राकेश भटनागर को मिली BHU की कमान

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रो. राकेश भटनागर विश्वविद्यालय परिसर में आरक्षण विरोधी संगठन यूथ फॉर इक्वलिटी के संस्थापक सदस्यों में थे शामिल। भटनागर ने वर्ष 2007 में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का किया था विरोध।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर राकेश भटनागर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के नये कुलपति नियुक्त किये गए हैं। शुक्रवार को देर रात बीएचयू प्रशासन ने ई-मेल जारी कर इस बात की पुष्टी कर दी है। बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर राकेश भटनागर नैनीताल स्थित कुमाऊ विश्वविद्यालय के कुलपति समेत जेएनयू विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रह चुके हैं। साथ ही वे विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच मुखर आरक्षण विरोधी के रूप में जाने जाते हैं।

रविवार, 18 मार्च 2018

UGC की नई नियमावली के खिलाफ बहुजनों ने वाराणसी में प्रधानमंत्री कार्यालय पर किया प्रदर्शन

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों समेत विभिन्न सरकारी और निजी संस्थाओं में आबादी के अनुपात में मांगा आरक्षण, यूजीसी की नई नियमावली को बताया सामाजिक न्याय विरोधी फरमान।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़ी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी की नई नियमावली के खिलाफ बहुजन छात्रों, शिक्षकों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शनिवार को रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया और इस नियमावली को जल्द से जल्द निरस्त करने की मांग की। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बहुजनों को उनकी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिये जाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो उसके खिलाफ पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा।

शनिवार, 17 मार्च 2018

आरक्षण के सवाल पर काशी में आज बजेगा बहुजनों का बिगुल

नाटी इमली में बुद्धिजीवी खोलेंगे सामाजिक न्याय विरोधी सरकारों की पोल तो लंका में बीएचयू गेट से मिनी पीएमओ तक बहुजन छात्र निकालेंगे प्रतिरोध मार्च।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी । देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में हिस्सेदारी के सवाल पर बहुजन छात्र और बुद्धिजीवी आज काशी में आंदोलन का बिगुल फूकेंगे। एक तरफ नाटी इमली स्थित वैश्व समाज सभागार में सामाजिक न्यायः भूत, वर्तमान और भविष्य विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज होगा तो दूसरी तरफ बहुजन छात्र लंका स्थित सिंह द्वार से रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क कार्यालय तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सामाजिक न्याय विरोधी फरमान के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकालेंगे।

गुरुवार, 15 मार्च 2018

BHU: पत्रकारिता विभाग में दुर्व्यवस्थाओं की सड़ांध आई बाहर, छात्रों ने मुख्य द्वार बंद कर दिया धरना

कुलसचिव और विभागाध्यक्ष के लिखित आश्वासन पर छात्रों ने देर शाम स्थगित किया अनिश्चितकालीन धरना।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के पत्रकारिता एवं संप्रेषण विभाग में वर्षों से व्याप्त दुर्व्यवस्थाओं की सड़ांध बुधवार को बार आ गई। विभाग के दर्जनों छात्र विभागीय पुस्तकालय के नियमित संचालन, आधुनिक कंप्यूटर लैब और स्टूडियो की स्थापना, संपादन कक्ष में छात्रों के प्रवेश और पीने योग्य पानी समेत विभिन्न मांगों को लेकर सुबह करीब आठ बजे मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए। इससे कोई भी छात्र, शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी विभाग में प्रवेश नहीं कर सका। थोड़ी देर में पूरे विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया। विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष और चीफ प्राक्टर पूरे दिन आंदोलनकारी छात्रों को मनाते रहे लेकिन वे विश्वविद्यालय प्रशासन से सीमित समय में उक्त समस्याओं का हल किये जाने का लिखित आश्वासन की मांग पर डटे रहे। शाम करीब छह बजे धरना स्थल पर पहुंचे कुलसचिव नीरज त्रिपाठी और विभागाध्यक्ष अनुराग दवे के लिखित आश्वासन पर छात्रों ने अनिश्चितकालीन धरना समाप्त किया।

गुरुवार, 8 मार्च 2018

BJP की मोदी सरकार ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में खत्म किया आरक्षण, जानें कैसे?

कुल 3 पदों वाले विभागों में ST की सीट बनने में कम से कम 50 साल लगेंगे...
written by गंगा सहाय मीणा
अभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में में वंचित तबकों के लोग दिखने ही लगे थे कि अकादमिक क्षेत्र की नौकरियों में संविधान प्रदत्त आरक्षण पर सबसे बड़ा हमला कर दिया गया है। 

मंगलवार, 23 जनवरी 2018

भाषायी भेदभाव के खिलाफ काशी में प्रधानमंत्री कार्यालय पर प्रतियोगी छात्रों ने किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश सिविल जज (जूनियर डिविजन) की मुख्य परीक्षा में भाषा के प्रश्न-पत्र में अंग्रेजी के साथ हिन्दी भाषा के सवालों को शामिल करने की मांग...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा में भाषा के आधार पर हो रहे भेदभाव और अवसर की बाध्यता को लेकर ‘काशी न्यायिक सेवा समानता मंच’ के बैनर तले सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों ने आज रविन्द्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय पर प्रदर्शन किया और लंका स्थित सिंह द्वार से प्रधानमंत्री कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला।