सवर्णों के 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस (इकॉनॉमिक वीकर सेक्शन) कोटे को विश्वविद्यालय में लागू कर दिया है लेकिन पिछड़ों के 27 फीसदी आरक्षण को आज तक लागू नहीं किया।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए विशेष तौर पर बने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने सवर्णों के 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस (इकॉनॉमिक वीकर सेक्शन) कोटे को विश्वविद्यालय में लागू कर दिया है लेकिन पिछड़ों के 27 फीसदी आरक्षण को आज तक लागू नहीं किया। यूं कहें कि प्रशासन ने विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अनारक्षित वर्ग के 10 फीसदी सीटों में ओबीसी/एसीसी/एसटी के छात्रों का प्रवेश बंद कर दिया है। इससे सरकार ने इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को पूरी तरह खत्म कर दिया है। शिक्षा सत्र-2020-21 के लिए
जारी सूचना पुस्तिका में विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय में संचालित
विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उपलब्ध सीटों के बंटवारे में अनारक्षित
वर्ग के लिए 40 प्रतिशत सीटों को समेटते हुए सवर्णों के 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस
कोटे को लागू किया है। शेष 50 फीसदी सीटें अनुसुचित जाति वर्ग (एससी) और
अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) के लिए आबंटित हैं। कई पाठ्यक्रमों में एसटी वर्ग तक की सीटें खत्म कर दी गई हैं।