कोर्ट ने बीएचयू प्रशासन से भी एक हलफनामा मांगा है कि परेरहाट कंपनी को किन परिस्थितियों में लाइसेंस दिया गया था...
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
इलाहाबाद। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में ज़हरीली गैस से हुई मौतों के दो महीने बाद दायर एक जनहित याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है। बीएचयू के पूर्व छात्र नेता भुवनेश्वर द्विवेदी की लगाई याचिका पर फैसला देते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट में जस्टिस दिलीप गुप्ता और जस्टिस अमर सिंह चौहान की खंडपीठ ने महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को आदेश दिया है कि वे तीन सदस्यीय वरिष्ठ विशेषज्ञों की कमेटी से इस मामले की जांच कराएं।