जैसा कि आप जानते हैं साप्ताहिक 'वनांचल एक्सप्रेस' विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10-15 सालों तक काम कर चुके वंचित समुदाय के अनुभवी पत्रकारों और उनके साथियों की पहल है। 13 अक्टूबर 2013 से लेकर आज तक वह अपनी प्रतिबद्धता के साथ देश के पिछड़े इलाकों , खासतौर से पहाड़ी एवं जंगली इलाकों के साथ वंचित वर्गों के विकास के लिए जरूरी मुद्दों पर केंद्रित खबरों और विचारों को कवर करने की कोशिश कर रहा है। संसाधनों के अभाव में 'वनांचल एक्सप्रेस' का प्रिंट एडिशन निकालना संभव नहीं हो पा रहा था तो इसके प्रकाशन को स्थगित कर दिया गया। हालांकि इसके वेब पोर्टल पर काम जारी है।
सोमवार, 27 जुलाई 2020
रविवार, 26 जुलाई 2020
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC असिस्टेंट प्रोफेसरों के 42 फीसदी पद खाली, SC के 28 और ST के 33 फीसदी पदों पर भी नहीं हुई नियुक्ति
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नीत भाजपा की राजनीतिक धुरी का चेहरा बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'दिव्यांगों' की 51 फीसदी सीटों पर भी नहीं हुई नियुक्ति।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के असिस्टेंट प्रोफेसर पदों में OBC के लिए आरक्षित 42 फीसदी पद अभी भी खाली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'दिव्यांग' वर्ग में भी 51 फीसदी पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। अनूसूचित जाति (SC) के 28 फीसदी और अनूसूचित जनजाति (ST) के 33 फीसदी पदों पर भी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति होनी बाकी है। ये सूचना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मुहैया कराई है।
लेबल:
Assistant Professors in Central Universities,
Dr. Laxman Yadav,
OBC Reervation,
SC Reservation,
ST Reervation,
UGC
स्थान:
New Delhi, Delhi, India
शनिवार, 25 जुलाई 2020
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC एसोसिएट प्रोफेसरों के 94 फीसदी पद खाली, ST के 86 और दिव्यांगों के 90 फीसदी पदों पर नहीं हुई नियुक्ति
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण यादव को दी सूचना। देश भर के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी वर्ग के 77 फीसदी पदों पर भी नहीं है एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्ति।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित एसोसिएट प्रोफेसरों की 94 फीसदी पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित और सरकारी दस्तावेजों में दर्ज 'दिव्यांग' वर्ग के लिए आरक्षित एसोसिएट प्रोफेसर के 90 फीसदी पद भी खाली हैं। एसोसिएट प्रोफेसर वर्ग में अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित 86 फीसदी और अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित 77 फीसदी पदों पर भी अभी नियुक्ति नहीं हो पाई है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC प्रोफेसरों के 97 फीसदी पद खाली, SC के 83 और ST के 94 फीसदी पदों पर भी नहीं हुई नियुक्ति
सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 में तहत डॉ. लक्ष्मण यादव के आवेदन पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दी सूचना।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के प्रोफेसरों के लिए चिन्हित 269 पदों में करीब 97 फीसदी पद खाली हैं। अनुसूचित जाति (एससी) के 83, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 94 और दिव्यांग के 86 फीसदी पदों पर भी प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत डॉ. लक्ष्मण यादव को यह जानकारी मुहैया कराई है।
शुक्रवार, 24 जुलाई 2020
DU के बाद MU में EWS को SC/ST की छूट, OBC भरेगा सामान्य शुल्क
मिजोरम विश्वविद्यालय (MU) प्रशासन ने प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती के आवेदन शुल्क में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को नहीं दी कोई छूट।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के बाद मिजोरम विश्वविद्यालय प्रशासन ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के सवर्णों को आवेदन शुल्क में एससी/एसटी को मिलने वाली छूट दी है। वहीं, ईडब्ल्यूएस के बराबर आय वाले अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आवेदन शुल्क में कोई रियायत नहीं दी है। उन्हें अनारक्षित वर्ग के बराबर शुल्क चुकानी होगी।
बुधवार, 15 जुलाई 2020
GROUND REPORT: यहां बारिश ढाती है कहर...जंगली घास है भूख मिटाने का निवाला
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'चकवड़-फकवड़ क साग खोट के खात बानी जा...कहीं जंगल में बा
पत्ती-पत्ता...बरवट-मरवट बोलला ऊ...उ लियायके,
ओके चुरय-पकय
के खाईला जा...का करल जाई'। यह कहना है उत्तर प्रदेश के पैंसठ साल की गुलाबी का। वह मुसहर समुदाय से आती हैं
और चंदौली के नरकटी गांव की निवासी हैं।
गुरुवार, 9 जुलाई 2020
मैनपुरी हत्याकांडः कुम्हारों को जिंदा फूंकने के मामले में पीड़ित परिवार के पांचवे सदस्य की भी मौत, मुख्यमंत्री खामोश
सैफई के पीजीआई अस्पताल में भर्ती संध्या प्रजापति उर्फ रोली ने आज अल सुबह 1 बजे तोड़ा दम। राम बहादुर प्रजापति समेत परिवार के चार सदस्यों की पहले ही हो चुकी है मौत।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मैनपुरी कोतवाली के खरपरी गांव के माधोनगर मुहल्ला निवासी राम बहादुर प्रजापति के परिवार को जिंदा फूंकने के मामले में बृहस्पतिवार की अल सुबह एक बजे पांचवी मौत हो गई। सैफई स्थित पीजीआई अस्पताल में भर्ती संध्या प्रजापति उर्फ रोली ने भी दम तोड़ दिया। इस तरह अब इस घटना में जले सभी पांच सदस्यों की मौत हो चुकी है। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख से इस कुम्हार परिवार के प्रति संवेदना के एक भी शब्द अभी तक नहीं निकले हैं। ना ही परिवार में जिंदा बचे इकलौते कमाऊं सदस्य मोहित प्रजापति को उत्तर प्रदेश सरकार या जिला प्रशासन से कोई आर्थिक सहायता मिली है। ना ही किसी मुआवजे की घोषणा की गई है जबकि,कुम्हार समुदाय के विभिन्न संगठनों ने विभिन्न जिला मुख्यालयों पर घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने और कम से कम 50 लाख रुपये तक का मुआवजा देने की मांग की थी। राज्य की समाजवादी पार्टी ने सरकार से घटना की सीबीआई जांच की मांग की थी।
बुधवार, 8 जुलाई 2020
OBC आरक्षण को आय आधारित आरक्षण बनाने पर क्यों तुली है BJP की केंद्र सरकार?
मोदी सरकार 2017 में अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के बहाने लोकसभा सांसद गणेश सिंह की अध्यक्षता में गठित संसदीय समिति की अनुशंसा के खिलाफ जाते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की आपत्ति के बावजूद बी.पी. शर्मा समिति की अनुशंसा को लागू करने की जल्दबाजी में क्यों हैं?
written by संतोष कुमार यादव
8 मार्च 2019 को केन्द्र सरकार द्वारा गठित चार सदस्यीय कमिटी- जिसके अध्यक्ष डीओपीटी के पूर्व सचिव बी.पी. शर्मा बनाये गये- ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी जिसके अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के क्रीमी लेयर की आधार वार्षिक आय में वेतन से प्राप्त आय और कृषि से प्राप्त आय को जोड़ने का प्रस्ताव है, जो ओबीसी वर्ग के लिए घातक सिद्ध होगा।
मैनपुरी हत्याकांडः चार मौतों के बाद भी योगी सरकार खामोश, सपा समेत कुम्हार समुदाय ने की चार लाख की मदद
मृतक राम बहादुर प्रजापति का मकान |
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मैनपुरी के खरपरी गांव स्थित माधोनगर निवासी राम बहादुर प्रजापति के परिवार के चार सदस्यों की हत्या के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख से सहानभूति के एक शब्द नहीं निकले। ना ही पीड़ित परिवार को मुआवजे के नाम पर सरकार की ओर से एक फूटी कौड़ी मिली। समाजवादी पार्टी को छोड़ कोई भी राजनीतिक पार्टी पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद के लिए आगे नहीं आई। सपा ने एक लाख रुपये की मदद की है। वहीं कुम्हार समुदाय के विभिन्न संगठनों, नेताओं और छात्रों ने अब तक करीब तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद पीड़ित परिवार को मुहैया कराई है।
सहायक अध्यापक भर्तीः NCBC ने भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक, OBC आरक्षण पर सात दिनों में मांगा जवाब
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की शिकायत पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों को रिपोर्ट के साथ छह बार कर चुका है तलब। व्यक्तिगत तौर पर एक बार भी मौजूद नहीं रहे अधिकारी। अभी भी रिपोर्ट लंबित...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) ने उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। आयोग ने आरक्षण के नियमों की अनदेखी की शिकायत की जांच पूरी होने तक भर्ती प्रक्रिया में कोई भी कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं आयोग ने आदेशों की अवहेलना करने पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सात दिनों के अंदर जवाब तलब किया है।
रविवार, 5 जुलाई 2020
EXCLUSIVE: सोनिया गांधी की अगुआई वाली UPA सरकार की साज़िश से BBAU में लागू नहीं हुआ OBC आरक्षण, कानून में संशोधन कर छीन लिया पिछड़ों का हक
कांग्रेस की अगुआई वाली UPA-I की सरकार ने केन्द्रीय शिक्षा संस्था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 के तहत राष्ट्रीय महत्व (Institutions of Excellence) की 8 संस्थाओं और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को छोड़कर देश के सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में ओबीसी कोटा के तहत 27 प्रतिशत सीटों पर पिछड़े छात्रों को प्रवेश देने की व्यवस्था की थी। इस कानून की धारा-3(iii) में साफ लिखा था कि केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में किसी भी शाखा या संकाय में उपलब्ध सीटों का 27 प्रतिशत सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होगी। वहीं, UPA-II की सरकार के दौरान केन्द्रीय शिक्षा संस्था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 की धारा-3(iii) में संशोधन कर OBC आरक्षण को कुछ केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों तक सीमित कर दिया गया...
reported by Shiv Das
पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की अगुआई वाली राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार के दौरान केंद्र की सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए लागू अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के 27 प्रतिशत आरक्षण को देने में भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने जमकर आनाकानी की हैं। भाजपा की अगुआई वाली NDA सरकारों ने जहां OBC आरक्षण के संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों की जमकर धज्जियां उड़ाई हैं, वहीं, कांग्रेस की अगुआई वाली UPA सरकारों ने भी OBC कोटा के तहत मिले पिछड़ों के हक पर डाका डालने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। NEET (National Eligibilty-cum-Intrance Test) के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के अधीन चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में अखिल भारतीय कोटा (AIQ-ALL India Quota) की सीटों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) समेत कई केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में पिछड़ों को अपनी पहचान पर शिक्षा पाने से ही रोक दिया। कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने पहले इन संस्थाओं में साज़िश के तहत OBC कोटा के तहत पिछड़ों को उनका हक नहीं दिया लेकिन जब मिला तो कानून में संशोधन कर उनका हक ही मार दिया। जी हां, हम बात कर रहे हैं 2007 में लागू केन्द्रीय शिक्षा संस्था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 की, जिसमें सोनिया गांधी की अगुआई वाली UPA-II की सरकार ने 2012 में संशोधन कर BBAU समेत अन्य ऐसे शिक्षण संस्थानों में OBC छात्रों के प्रवेश को रोक दिया।
शुक्रवार, 3 जुलाई 2020
CAA विरोधी आंदोलन में कार्रवाई पर रिहाई मंच ने जताई आपत्ति, कहा-रिकवरी और कुर्की की कार्रवाई गैर-कानूनी
रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि विभिन्न अदालतें जेलों में भीड़ कम करने के आदेश दे रखे हैं। इसके बावजदू उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस संकटकालीन दौर में भी उसकी अवहेलना करते हुए फर्जी मुकदमे लादकर लोकतांत्रिक आवाज़ों को सलाखों के पीछे डाल रही है...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। बेगुनाहों की रिहाई के लिए कार्य करने वाले रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश के मऊ, लखनऊ, कानपुर समेत विभिन्न जिलों में सीएए विरोधी आंदोलन के नेताओं पर हत्या, गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट जैसे गंभीर मुकदमों में फंसाए जाने को लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन बताया है। साथ ही उसने कहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आंदोलनकारियों पर दोष सिद्ध हुए बिना कुर्की और सम्पत्ति को नोटिस भेज रही है जो गैर-कानूनी एवं संविधान विरोधी है।
NEET: AIQ की सीटों पर OBC आरक्षण के पक्ष में आई कांग्रेस, सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (AIOBC) द्वारा जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रमुख ने ऑल इंडिया कोटा के सीटों पर ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग की।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
देश के चिकित्सकीय शिक्षण संस्थानों में लागू ऑल इंडिया कोटा (AIQ) के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण नहीं दिए जाने का मामला गरमा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस संसदीय दल के चेयरमैन की हैसियत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में ऑल इंडिया कोटा की सीटों पर ओबीसी आरक्षण नहीं दिए जाने को भारतीय संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में ऑल इंडिया कोटा की मेडिकल और डेंटल सीटों पर ओबीसी कोटा के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रवेश देने की मांग की है।
मैनपुरी हत्याकांडः कुम्हारों को जिंदा फूंके जाने के मामले में चौथी मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
सैफई के पीजीआई अस्पताल में भर्ती 14 वर्षीय शिखा प्रजापति ने तोड़ा दम। संध्या प्रजापति उर्फ रोली की हालत नाजुक। राम बहादुर प्रजापति समेत परिवार के तीन सदस्यों की पहले ही हो चुकी है मौत।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मैनपुरी कोतवाली के खरपरी गांव के माधोनगर मुहल्ला निवासी राम बहादुर प्रजापति के परिवार को जिंदा फूंकने के मामले में बृहस्पतिवार की देर रात चौथी मौत हो गई। सैफई स्थित पीजीआई अस्पताल में भर्ती चौदह वर्षीय शिखा प्रजापति ने दम तोड़ दिया। वहीं, शिखा के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
गुरुवार, 2 जुलाई 2020
सहायक अध्यापक भर्ती: भाजपा की योगी सरकार ने की आरक्षण के नियमों की अनदेखी, NCBC ने अधिकारियों को किया तलब
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की वजह से करीब अन्य पिछड़ा वर्ग के करीब 15000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे थे।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
भाजपा की योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में हो रही भर्तियों में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के बाद अब उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती का मामला राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग पहुंच गया है। आयोग ने भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण की अनदेखी को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों समेत परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव को तलब किया है। आयोग ने उन्हें और शिकायतकर्ता को अगली सुनवाई पर संबंधित सुबूतों और दस्तावेजों के साथ व्यक्तिगत रूप में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। साथ ही आयोग ने उन्हें चेतावनी दी है कि अगर वे अगली सुनवाई पर आयोग के सामने उपस्थित नहीं होते हैं तो वह भारतीय संविधान के अनुच्छेद-338बी(8) के तहत मिले सिविल कोर्ट के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र होगा।
OBC के आवेदन शुल्क पर NCBC ने DU के VC को जारी किया नोटिस, सात दिनों में मांगा जवाब
दिल्ली विश्वविद्यालय के आवेदन शुल्क में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा के सवर्णों को एससी, एसटी और दिव्यांग छात्रों के तहत मिली छूट का मामला। बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी अमित कुमार दिवाकर की शिकायत पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने लिया संज्ञान।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
दिल्ली विश्वविद्यालय के आवेदन शुल्क में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों को किसी प्रकार की रियायत नहीं दिए जाने और उनके लिए नवीनतम जाति प्रमाण-पत्र जमा करने की शर्त के मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को नोटिस जारी किया है। आयोग ने विश्वविद्यालय को ईडब्ल्यूएस कोटा के छात्रों के समान ओबीसी के छात्रों के लिए भी समान आवेदन शुल्क पुनः निर्धारित करने की संस्तुति की है। साथ ही उसने ओबीसी के छात्रों के लिए मार्च, 2020 के बाद का जाति प्रमाण-पत्र जमा करने की शर्त के संबंध में सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है। आयोग ने बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी अमित कुमार दिवाकर की शिकायत पर यह नोटिस जारी किया है।
सोमवार, 29 जून 2020
मैनपुरी हत्याकांडः आठ दिनों बाद हरकत में आई योगी सरकार, सपा ने की CBI जांच की मांग
वनांचल एक्सप्रेस पर खबर छपने के बाद हरकत में आई योगी सरकार ने माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति को मौके पर भेजा। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति भी पहुंचे। राष्ट्रीय सचिव अखिलेश कटियार के नेतृत्व में खरपरी पहुंचा सपा का पांच सदस्यीय दल। सीबीआई जांच की मांग की। न्याय नहीं मिलने पर दी आंदोलन की चेतावनी...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मैनपुरी के खरपरी गांव स्थित माधोनगर में गत 17 जून की रात में कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंके जाने के मामले में राजनीति तेज हो गई है। वनांचल एक्सप्रेस पर खबर छपने के बाद हरकत में आई योगी सरकार ने गत 26 जून को माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति को मौके पर भेजा लेकिन पीड़ित परिवारों को मुआवजे के नाम पर एक फूटी कौड़ी नहीं दी। वहीं, समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय सचिव अखिलेश कटिआर की अगुआई में छह सदस्यीय दल का गठन कर मामले की रिपोर्ट मांगी है। यह दल रविवार को खरपरी का दौरा कर वापस लौट गया। साथ ही उसने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। पीड़ितों को न्याय नहीं मिलने पर उसने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
IMPACT: DU के आवेदन शुल्क में EWS को मिली छूट पर AIOBC पहुंचा NCBC, BAPSA ने OBC के लिए भी मांगी छूट
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी) के महासचिव जी. करुणानिधि ने ओबीसी छात्रों से नवीनतम आय और जाति प्रमाण-पत्र जमा कराने की बाध्यता का भी किया विरोध।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
दिल्ली विश्वविद्यालय में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से वंचित वर्ग) कोटे के सवर्णों को आवेदन शुल्क में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं दिव्यांग (पीडब्ल्यूबीडी) वर्गों की तरह मिली छूट का मामला गरमा गया है। वनांचल एक्सप्रेस पर छपी खबर के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आवेदन शुल्क का मामला अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग पहुंच गया है। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी) ने आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर दिल्ली विश्वविद्यालय पर ओबीसी के छात्रों के साथ भेद-भाव का आरोप लगाया है। वही, बिरसा-अंबेडकर-फुले स्टूडेंट एसोसिएशन (BAPSA) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर ओबीसी के आवेदन शुल्क में ईडब्ल्यूएस के बराबर छूट की मांग की है।
शनिवार, 27 जून 2020
आंदोलन बहुत कुछ बदलेगा, इसमें दमन है तो प्रतिरोध का वेग उससे बहुत अधिक
चितरंजन सिंह |
(देश के जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं पीयूसीएल उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष चितरंजन सिंह उर्फ चितरंजन भाई का देहांत शुक्रवार को हो गया। रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव उनके साथ लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। उन्होंने एक संस्मरण लिखा है। इस संस्मरण को यहां प्रकाशित किया जा रहा है। वनांचल एक्सप्रेस परिवार की ओर से चितरंजन भाई को नमन एवं श्रद्धांजलि-संपादक)
महाश्वेता देवी के शब्दों में आंदोलन यानी चितरंजन सिंह आज आपातकाल की बरसी पर हम सबको छोड़कर चले गए. मानवाधिकार-लोकतांत्रिक अधिकार आंदोलन से जुड़े तो यूपी के किसी जिले में शुरुआती दौर में किसी प्रशासनिक या पत्रकारिता से जुड़े शख्श से मनवाधिकारों की बात आते ही चितरंजन सिंह का नाम आ जाता था.
शुक्रवार, 26 जून 2020
कुम्हारों को ज़िंदा जलाने पर मुख्यमंत्री की नहीं खुली जुबान, सपा-बसपा-भाजपा और कांग्रेस भी खामोश
उत्तर प्रदेश की करीब चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाने पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों में से किसी ने भी एक ट्विट तक नहीं किया...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मैनपुरी के माधोनगर खरपरी निवासी कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंकने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस, सुभासपा, अपना दल(सोनेलाल) आदि राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों की जुबान तक नहीं खुली। उन्होंने उत्तर प्रदेश की चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के पीड़ित परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो जाने के बाद भी एक ट्विट करना मुनासिब नहीं समझा। जौनपुर में अनुसूचित समुदाय के लोगों पर हुए हमले में हमलावरों पर रासुका लगाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंह से कुम्हारों को जिंदा फूंक दिये जाने पर संवेदना के एक शब्द नहीं निकले। वहीं, जब भागीदारी संकल्प मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति बृहस्पतिवार को पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने मैनपुरी पहुंचे तो उन्हें जिला प्रशासन ने रास्ते में ही रोक दिया।
बुधवार, 24 जून 2020
मैनपुरी में दबंगों ने फूंका कुम्हार का घर, दो वर्षीय मासूम संग तीन की मौत, दो की हालत गंभीर
मृतक राम बहादुर प्रजापति |
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मैनपुरी कोतवाली के माधोनगर गांव में एक सप्ताह पहले दबंगों ने कुम्हार समुदाय के एक घर को फूंक दिया। इसमें दो वर्षीय मासूम समेत पांच लोग गंभीर रूप से झूलस गए। मासूम की उसी दिन मौत हो गई। रविवार को आग में झुलसे एक पुरुष और मंगलवार को एक महिला की मौत हो गई। दोनों पति-पत्नी थे। आग में झुलसी उनकी दोनों बेटियों की हालत नाजुक है। उनका सैफई के मेडिक कॉलेज में इलाज चल रहा है। मामले में दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें एक मृतक महिला का बताया जा रहा है। वहीं, दूसरा वीडियो मेडिकल कॉलेज में भर्ती 14 वर्षीय पीड़िता का है जो घर में आग लगाने वाले तीन लोगों का नाम मुरारी, गौरव और संजय बता रही है।
मंगलवार, 23 जून 2020
राज्यों ने 8 सालों में केंद्र को समर्पित कीं 72500 मेडिकल सीटें, मोदी सरकार ने नहीं दिया OBC आरक्षण
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (AIOBC) के महासचिव जी. करुणानिधि ने वर्ष 2013 से 2020 तक ऑल इंडिया कोटा के तहत राज्यों द्वारा केंद्र को समर्पित मेडिकल सीटों का आंकड़ा जारी कर केंद्र सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप। मामले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए संसदीय समिति ने आगामी 29 जून को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों को किया तलब। AIOBC ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए संसदीय समिति को पत्र लिखकर रखा अपना पक्ष।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
देश के चिकित्सकीय शिक्षण संस्थानों में लागू ऑल इंडिया कोटा के तहत राज्यों ने पिछले आठ सालों में केंद्र को करीब 72500 मेडिकल सीटें समर्पित कीं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को इनमें से एक भी सीट नहीं मिली। इन सीटों में स्नातक और स्नातकोत्तर की मेडिकल और डेंटल सीटें शामिल हैं। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी) के महासचिव जी. करुणानिधि ने विभिन्न चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध सीटों का ब्योरा जारी कर केंद्र सरकार पर ओबीसी के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने ओबीसी के लिए संसदीय समिति को आज पत्र लिखकर AIOBC का पक्ष रखा।
रविवार, 21 जून 2020
DU ने EWS कोटे के सवर्णों को दिया SC-ST की छूट, OBC भरेगा पूरा शुल्क
दिल्ली विश्वविद्यालय ने शिक्षा सत्र-2020-21 के आवेदन शुल्क में अन्य पिछड़ा वर्ग को कोई छूट नहीं दी है जबकि उतनी ही सलाना आमदनी वाले ईडब्ल्यूएस कोटे के सवर्णों को एससी,एसटी और दिव्यांग को मिलने वाली छूट के बराबर आवेदन शुल्क में छूट दी है। दिल्ली विधानसभा के पूर्व सदस्य पंकज पुष्कर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर जताई आपत्ति।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर साल आठ लाख रुपये तक कमाने वाले ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से वंचित वर्ग) कोटे के सवर्णों को शिक्षा सत्र-2020-21 के आवेदन शुल्क में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं दिव्यांग (पीडब्ल्यूबीडी) वर्गों की तरह छूट दिया है। वहीं, इतनी ही कमाई करने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग को आवेदन शुल्क में छूट की व्यवस्था से वंचित कर दिया है। उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन करने पर अनारक्षित वर्ग के लिए निर्धारित शुल्क ही चुकानी होगी।
शनिवार, 20 जून 2020
CAA: रिहाई मंच के अध्यक्ष को रिकवरी नोटिस, मंच ने कहा-बदले की भावना से सरकार कर रही कार्रवाई
नागरिका संशोधन कानून (CAA) विरोधी आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारियों और वक्ताओं को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार क्षतिपूर्ति की वसूली के लिए भेज रही नोटिस। रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब और एआईपीएफ (रेडिकल) के नेता और पूर्व पुलिस अधिकारी एस.आर.दारापुरी को भी मिला नोटिस। मंच के महासचिव राजीव यादव ने सरकार के नोटिस पर उठाया सवाल, कहा-अदालती प्रक्रिया पूरी हुए बिना वसूली नोटिस भेजकर सरकार कर रही कानून का उल्लंघन।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून विरोधी आंदोलन में शामिल प्रदर्शकारियों और वक्ताओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शख्त हो गई है। उसने प्रदर्शन के दौरान हुई क्षतिपूर्ति का आरोप लगाकर उन्हें वसूली नोटिस भेज रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब और पूर्व पुलिस अधिकारी एस.आर. दारापुरी को वसली नोटिस भेजा है। इससे नाराज रिहाई मंच ने संगठन के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब को रिकवरी नोटिस भेजे जाने को बदले की कार्रवाई करार दिया।
गुरुवार, 18 जून 2020
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में हाई कोर्ट का आदेश, OBC के मेरिटधारी उम्मीदवारों को अनारक्षित वर्ग में शामिल कर आयोग ले साक्षात्कार
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने उत्तर प्रदेश शासन और उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के फैसले के खिलाफ रोहित वर्मा, आयुष रंजन चौधरी और अन्य की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान दिया आदेश। कोर्ट ने छह सप्ताह के अंदर अनारक्षित वर्ग में याचिकाकर्ताओं को शामिल कर साक्षात्कार की प्रक्रिया पूर्ण करने का दिया निर्देश...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने बुधवार को एक अहम फैसले में कहा कि यदि आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवार से अधिक अंक लाता है तो आरक्षित वर्ग का वह उम्मीदवार किसी प्रकार की छूट लेने के बावजूद अनारक्षित वर्ग की रिक्तियों/पदों के सापेक्ष ही चयनित होगा। न्यायालय ने इस आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रोहित वर्मा, आयुष रंजन चौधरी और अन्य की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश शासन और उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को छह सप्ताह के अंदर याचिकाकर्ताओं को अनारक्षित वर्ग में शामिल कर साक्षात्कार की प्रक्रिया सम्पन्न कराने का आदेश दिया।
बुधवार, 17 जून 2020
हाईकोर्ट के दखल के बाद उत्तर प्रदेश में अब शुरू होंगी ओपीडी सेवाएं, दिशा-निर्देश जारी
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की दखल के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को सूबे के सरकारी और निजी चिकित्सालयों में स्थगित ओपीडी स्वास्थ्य सेवाओं को शुरू करने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया। शासन के प्रमुख सचिव की ओर से जारी निर्देश में सूबे के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सूबे के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और निजी चिकित्सालयों में स्थगित सभी प्रकार की ओपीडी सेवाओं को शुरू करें और शासन से जारी दिशा-निर्देशों को अनुपालन सुनिश्चित करें।
गुरुवार, 11 जून 2020
BBAU की 378 सीटों पर होगा EWS वाले सवर्णों का प्रवेश, OBC आरक्षण के लिए AIOBC ने MHRD और NCBC को लिखा पत्र
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी)के महासचिव जी. करुणानिधि ने पत्र में साफ तौर पर कहा है कि बीबीएयू प्रशासन केंद्रीय ने शिक्षण संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 और केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है....
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में शिक्षा सत्र-2020-21 के दौरान ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से वंचित वर्ग) कोटा के तहत 378 सीटों पर सवर्णों को प्रवेश मिलेगा लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत यहां एक भी सीट पर पिछड़ों का प्रवेश नहीं होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की इस विसंगति के खिलाफ ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी) ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक', राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और अन्य पिछड़ा वर्ग की संसदीय समिति को पत्र लिखकर इसी सत्र से विश्वविद्यालय में प्रवेश की सीटों पर ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए निर्देश देने की मांग की है।
प्रतापगढ़ कांडः कुर्मी समुदाय के किसानों पर हुए हमलों को लेकर सरदार सेना ने लखनऊ में किया प्रदर्शन, दर्जनों गिरफ्तार
लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे सरदार सेना के कार्यकर्ता |
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। प्रतापगढ़ के गोविंदपुर गांव में दबंग ब्राह्मणों द्वारा कुर्मी समुदाय के किसानों पर हुए हमलों और फिर उन्हें जेल भेजे जाने के मामले को लेकर सरदार सेना ने आज लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों से पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारी पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत विधानसभा के सामने धरना देने जा रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वाहनों में जबरन बैठाकर अन्य किसी स्थान पर भेज दिया है।
बुधवार, 10 जून 2020
सहायक अध्यापक भर्तीः पहले निरस्त किया आवेदन फिर दिला दी जौनपुर में नियुक्ति
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में कृष्ण कुमार पांडेय नाम के अभ्यर्थी का आवेदन-पत्र निरस्त होने के बाद भी उसे मिली जौनपुर में नियुक्ति...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
इलाहाबाद (प्रयागराज)। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक नया मामला सामने आया है जिसमें परिषद ने एक ऐसे अभ्यर्थी की नियुक्ति जौनपुर में कर दी है जिसका आवेदन-पत्र परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश ने पहले ही निरस्त कर दिया था। इसका ब्योरा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'फेसबुक' पर वायरल हो गया है।
मंगलवार, 9 जून 2020
गैर-आदिवासी इतिहासकारों के फुटनोट में सिमटा 'उलगुलान' का नायक बीरसा, ‘अबुआ दिशुम अबुआ राज’ कहां?
बीरसा मुंडा |
written by डॉ. मुकेश कुमार
बीरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को वर्तमान झारखंड राज्य के रांची जिले में उलिहातु गाँव में हुआ था। उनकी माता का नाम करमी हातू और पिता का नाम सुगना मुंडा था। बीरसा पढ़ाई में बहुत होशियार थे इसलिए उनका दाखिला चाइबासा के जर्मन मिशन स्कूल में कराया गया। उस वक्त ईसाई मिशन स्कूल में दाखिला लेने हेतु उनका धर्म अपनाना जरूरी हुआ करता था तो बीरसा का नाम परिवर्तन कर बीरसा डेविड रख दिया गया। कुछ दिनों तक उन्होंने उस मिशन स्कूल में पढ़ाई की किन्तु उन्होंने महसूस किया कि मुंडाओं के प्रति ईसाई मिशनरी का रवैया सरकार से बहुत अलग नहीं है। उस समय आदिवासियों का शोषण-उत्पीड़न चरम पर था। इस शोषण में अंग्रेजी हुकूमत, जमींदार और सेठ-साहूकार सभी सहभागी थे। इस कारण आदिवासियों की बदहाली और भुखमरी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। बीरसा के परिवार की आर्थिक स्थिति भी काफी चिंताजनक थी। लगभग सारे आदिवासियों की यही हालत थी। इसी हालात को बदलने के लिए बीरसा ने तमाम शोषकों के खिलाफ उलगुलान का नेतृत्व किया था। यह उलगुलान तकरीबन 6 वर्षों तक चला था।
शुक्रवार, 29 मई 2020
सपा किसी भी बड़े राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगीः अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'एबीपी न्यूज़' को दिए साक्षात्कार में कहा कि सपा छोटे राजनीतिक दलों से गठबंधन करने के साथ उन्हें एडजस्ट भी करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की नीतियों में कोई अंतर नहीं है।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। भाजपा और कांग्रेस की नीतियों में कोई अंतर नहीं है। दोनों एक जैसी पार्टी हैं। समाजवादी पार्टी किसी भी बड़े राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी। वह छोटे राजनीतिक दलों से गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी और उन्हें समाजवादी पार्टी में एडजस्ट करेगी।
प्रतापगढ़ कांडः कुर्मी नेताओं की गोलबंदी के आगे झुकी योगी सरकार, सात दिनों बाद दबंग ब्राह्मणों पर FIR
आसपुर देवसरा थाने के परसद गांव निवासी रमा शंकर वर्मा की तहरीर पर पुलिस ने घटना के सात दिनों पर मुख्य आरोपी अनिल तिवारी समेत कुल 62 लोगों पर कुल आठ धाराओं में दर्ज की एफआईआर। गोविंदपुर गांव निवासी नन्हें वर्मा की पत्नी सीता देवी की तहरीर पर अभी दर्ज नहीं हुई एफआईआर।
सरदार सेना के अध्यक्ष रमा शंकर सिंह पटेल, अपना दल (एस) के नेता और एमएलसी आशीष पटेल, मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र पटेल, अपना दल की कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष पल्लवी पटेल, पूर्व विधायक राम सिंह पटेल, विश्वनाथगंज विधायक आरके वर्मा, गुजरात में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल, पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल, पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल, पूर्व विधायक राम सिंह पटेल, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता डॉ अनूप पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर आदर्श पटेल ने कुर्मी समुदाय के पीड़ित किसानों के पक्ष में की राजनीतिक गोलबंदी।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
प्रतापगढ़। पट्टी इलाके के गोविंदपुर और परसद गांव में गत 22 मई को कुर्मी समुदाय के किसानों पर हुए हमलों के मामले में पुलिस की एक पक्षीय कार्रवाई से नाराज कुर्मी नेताओं की राजनीतिक गोलबंदी के आगे आखिरकार योगी सरकार बृहस्पतिवार को झुक गई। आसपुर देवसरा थाने की पुलिस ने घटना के सात दिनों बाद परसद गांव निवासी रमा शंकर वर्मा की तहरीर पर पट्टी कोतवाली क्षेत्र के धुई गांव निवासी अनिल तिवारी समेत कुल 62 लोगों के खिलाफ कुल आठ धाराओं में एफआईआर दर्ज किया। इनमें 12 लोगों के नाम शामिल हैं। हालांकि इसमें अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वहीं, गोविंदपुर निवासी नन्हें वर्मा की पत्नी सीता देवी की तहरीर पर पुलिस ने अभी कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया है। ़
गुरुवार, 28 मई 2020
JNU की प्रोफेसर सोना झरिया मिंज बनीं सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय की पहली आदिवासी महिला कुलपति
प्रो. सोना झरिया मिंज़ |
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुआई वाली झारखंड की हेमंत सरकार ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कम्प्यूटर साइंस विभाग की प्रोफेसर और जेएनयू शिक्षक संघ की पूर्व अध्यक्ष प्रो. सोना झरिया मिंज को दुमका स्थित सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया है। मिंज पहली आदिवासी महिला हैं जिन्हें राज्य में किसी विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है।
बुधवार, 27 मई 2020
रमाबाई अंबेडकर की पुण्यतिथि पर विशेषः भारत माता कौन?
सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि आखिरकार ये ‘भारत माता’ हैं कौन? क्या भारत का नक्शा मात्र है या शेर के साथ हाँथ में तिरंगा लिए सुन्दर स्त्री? आखिर हम किसकी रक्षा के लिए जयघोष करते रहते हैं? क्या हम रक्षा के रूप में सिर्फ चीन-पाकिस्तान से सीमा को सुरक्षित करना चाहते हैं? क्या भारत माता सिर्फ सीमा तक ही सीमित हैं? सीमा पर तैनात जवान ही सिर्फ भारत माता के सपूत हैं? या सड़क पर कुव्यवस्था के कारण हजारों किलोमीटर पैदल चलने वाले श्रमवीर भी?
written by डॉ. दिनेश पाल
मंगलवार, 26 मई 2020
BBAU में OBC आरक्षण को लागू करने से नहीं रोकता है विश्वविद्यालय के विशेष दर्जे का कानूनी प्रावधान!
इस खण्ड में कोई भी प्रावधान विश्वविद्यालय को महिलाओं, दिव्यांगों, समाज के वंचित तबके के व्यक्तियों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, के रोजगार अथवा शैक्षणिक हितों के संवर्द्धन के लिए विशेष प्रावधान बनाने से नहीं रोकेगा।
reported by Shiv Das
लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय का विशेष दर्जे का कानूनी प्रावधान विश्वविद्यालय में भारतीय संविधान के तहत मिले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या अन्य किसी भी वंचित समुदाय के आरक्षण को लागू करने से नहीं रोकता है! विश्वविद्यालय महिलाओं, दिव्यांगों और समाज के वंचित तबके के व्यक्तियों के रोजगार अथवा शैक्षणिक हितों के संवर्द्धन के लिए विशेष प्रावधान को बना सकता है और लागू कर सकता है। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए बने कानून में इसका स्पष्ट रूप से जिक्र किया गया है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विशेष प्रावधान का हवाला देकर केंद्र सरकार के अधीन शिक्षण संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग को मिले 27 प्रतिशत संवैधानिक कोटे को आज तक लागू नहीं किया जबकि सवर्णों के आरक्षण के रूप में चर्चित ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से वंचित समूह) के 10 प्रतिशत कोटे को साल भर के अंदर लागू कर दिया। हालांकि ईडब्ल्यूएस वर्ग के अंदर आने वाले लोगों के बारे में अभी तक कोई अधिकारिक एवं विश्वसनीय आंकड़ा नहीं है कि वे भारतीय समाज के वंचित वर्गों की श्रेणी में आते हैं।
सोमवार, 25 मई 2020
प्रवासी श्रमिकों की व्यथा के लिए कांग्रेस और बीजेपी जिम्मेदार- मायावती
बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को मीडिया वार्ता के दौरान कहा- प्रवासी मजदूरों के मूल राज्यों में कोरोना फैलने के लिए सरकारें जिम्मेदार हैं...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को कहा कि बीएसपी का जन्म ही देश के शोषित, पीड़ित, उपेक्षित, दलित , आदिवासी, पिछड़े, अक्लियत और अपरकास्ट समाज के गरीबों एवं मजदूर-किसान-विरोधी कांग्रेस पार्टी की गलत नीतियों के खिलाफ हुआ जो आज बीजेपी के शासनकाल में भी लगातार जारी दिख रहा है। इसलिए बोलना पड़ा है कि प्रवासी श्रमिकों की व्यथा के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जिम्मेदार हैं। साथ ही उन्होंने बसपा के लोगों को अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरों की मदद करने की अपील की। उन्होंने आज अपने ट्विटर हैंडल से लोगों को ईद-उल-फितर की मुबारकबाद एवं शुभकामनाएं दी हैं।
रविवार, 24 मई 2020
प्रतापगढ़ में दबंग ब्राह्मणों ने कुर्मी समुदाय के किसानों पर किया जानलेवा हमला, सरदार सेना और कांग्रेस ने बताया जंगलराज
गोविंदपुर गांव में किसान का जला घर |
अपना दल (सोनेलाल) ने हमलावरों पर कार्रवाई के लिए पुलिस में लगाई गुहार। पुलिस ने क्षेत्राधिकारी से मामले की जांच कराने की बात कही।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
प्रतापगढ़। पट्टी कोतवाली क्षेत्र के गोविंदपुर गांव में दबंग ब्राह्मणों ने शुक्रवार को कुर्मी समुदाय के किसानों पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने उनके घर फूंक दिए और पशुओं को भी जलाने की कोशिश की। इससे नाराज सरदार सेना और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। किसी ने जंगल राज बताया तो किसी ने कानून व्यवस्था खत्म होने की बात कही। वहीं, अपना दल (सोनेलाल) के एमएलसी ने हमलावरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस से गुहार लगाई।
शनिवार, 23 मई 2020
राजस्थान: गरीबों की सेहत के ठेके में 1500 करोड़ का 'खेल', 2000 करोड़ की जगह 3500 करोड़ में BAJAJ ALLIANZ को दिया ठेका
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक दस्तावेज़ के मुताबिक राज्य के 50 लाख परिवारों को कवर करने का ठेका बजाज आलियांज़ जीआइसी लिमिटेड को मिला है। नियमों के मुताबिक इस ठेके का मूल्य 2000 करोड़ से ज्यादा नहीं होना चाहिए था लेकिन सरकार बजाज आलियांज़ को इसके लिए 3500 करोड़ देगी जिससे राजकोष को 1500 करोड़ का घाटा होगा...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमा का ठेका 75 फीसद ज्यादा मूल्य पर एक निजी कंपनी को दे दिया है। इस योजना के लिए दो बार बोली आमंत्रित की गयी लेकिन दिलचस्प बात ये है कि दोनों ही मौकों पर एक ही कंपनी ने बोली लगायी।
योगी सरकार ने सरकारी सेवकों के प्रदर्शन और हड़ताल पर लगाई रोक, वर्कर्स फ्रंट ने की निंदा
फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा- "आरएसएस-भाजपा की डरी सरकार आपातकाल की ओर बढ़ी"। सरकार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कही।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी सेवकों और मजदूर संगठनों के किसी भी प्रकार के हड़ताल पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंहल ने शुक्रवार को राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को आदेश जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार कर्मचारियों के आचरण नियमावली-1956 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन कराने को कहा। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश (सेवा संघों की मान्यता) नियमावली-1979 के प्रावधानों के तहत ऐसा करने पर मजदूर संगठनों की मान्यता वापस लेने की धमकी दी है। उधर वर्कर्स फ्रंट ने योगी सरकार के इस आदेश की निंदा की और सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की। साथ ही फ्रंट ने चेतावनी दी कि अगर योगी सरकार ऐसा नहीं करती है तो फ्रंट उसके आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा।
सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूर संगठनों का देशव्यापी प्रदर्शन, दिल्ली में गिरफ्तारियां
मजदूरों की दुर्दशा और सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ ऐक्टू समेत विभिन्न मजदूर संगठनों ने लॉक-डाउन के दौरान किया विरोध प्रदर्शन।
राजघाट पर हुई केन्द्रीय ट्रेड यूनियन नेताओं की गिरफ्तारी। ऐक्टू महासचिव राजीव डिमरी सहित कई ट्रेड यूनियन नेताओं को दिल्ली पुलिस द्वारा किया गया गिरफ्तार।
राजीव डिमरी ने कहा- संवेदनहीन सरकार मज़दूरों को मार रही है। इन्हें सरकार में बने रहने का कोई हक नहीं।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ऐक्टू समेत विभिन्न मजदूर संगठनों ने शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन किया। दिल्ली में ऐक्टू महासचिव राजीव डिमरी समेत कई नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि इस विरोध-दिवस का आयोजन ऐक्टू समेत इंटक, एटक, सीटू, एच.एम.एस, ए.आई.यू.टी.यू.सी, यू.टी.यू.सी, टी.यू.सी.सी, एल.पी.एफ, सेवा जैसे केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों के संयुक्त आह्वान पर किया गया था. संघ-भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ के अलावा सभी केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों ने आज के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. बैंक, बीमा, कोयला, रेल इत्यादि क्षेत्रों के मजदूर-फेडरेशनों ने भी आज के प्रदर्शन में भागीदारी की.
शुक्रवार, 22 मई 2020
BBAU में सवर्णों का EWS कोटा लागू होने पर OBC छात्रों ने भी मांगा आरक्षण, नेता खामोश
अनुसूचित जाति वर्ग के बुद्धिजीवियों ने इसे बताया पिछड़े और अनुसूचित वर्गों के बीच खाई
पैदा करने वाली आरएसएस और भाजपा की साज़िश
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊः बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में प्रवेश की सीटों पर सवर्णोंका ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटा लागू होने पर अन्य पिछड़ा वर्ग के
छात्रों और शिक्षकों ने विश्वविद्यालय में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 27 फीसदी
कोटा को लागू करने के लिए अभियान छेड़ दिया है। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग के
बुद्धिजीवियों ने इसे पिछड़े और अनुसूचित वर्गों के बीच खाई पैदा करने के लिए
भाजपा और आरएसएस की साज़िश बताया है।
आरक्षण प्रणाली में बदलाव से उच्च शिक्षण संस्थानों में फिर घूंटेगी 'पायल' और मरेगा 'रोहित'
जातिगत भेदभावों,
उत्पीड़नों के
इस विकसित गतिविज्ञान का एक अहम पहलू यह है कि मुल्क में जबसे हिन्दुत्व
वर्चस्ववादी विचारों/ जमातों का प्रभुत्व बढ़ा है,
हम ऐसी घटनाओं
में भी एक उछाल देखते हैं। यह कोई संयोग की बात नहीं है कि केन्द्र में तथा कई
सूबों में भाजपा के उभार के साथ हम यही पा रहे हैं कि किस तरह वे ‘सुनियोजित तरीकों से दलितों के मामलों में सकारात्मक
कार्रवाइयों /एफर्मेटिव एक्शन और उन्हें कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के
अस्तित्वमान प्रावधानों को कमजोर करने में मुब्तिला हैं…
written by सुभाष गाताडे
तेरह साल का एक वक्फ़ा गुजर गया जब थोरात कमेटी रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। याद
रहे,
सितम्बर 2006 में उसका गठन किया गया था, इस बात की पड़ताल करने के लिए कि एम्स अर्थात आल इंडिया
इन्स्टिटयूट आफ मेडिकल साईंसेज़ में अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों के साथ
कथित जातिगत भेदभाव के आरोपों की पड़ताल की जाए। उन दिनों के अग्रणी अख़बारों में
यह मामला सुर्खियों में था (देखें, द टेलीग्राफ 5 जुलाई 2006)।
मीडिया का ब्राह्मणवादः संदीप सिंह पर FIR दर्ज नहीं!
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह |
(राजीव सिंह जादौन अपनी इस टिप्पणी में कांग्रेस महासचिव
प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह पर दर्ज प्रथम सूचना रपट (एफआईआर) की मीडिया
कवरेज को लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हैं। खबरों में संदीप
सिंह के नाम का जिक्र नहीं होने पर वे इसे मीडिया का ब्राह्मणवाद कहते हैं। मीडिया
इंडस्ट्री पर हुए विभिन्न शोधों में जाति आधारित भेदभाव के प्रमाण भी सामने आ चुके
हैं। इसके बावजूद लेखक इस भेदभाव को मीडिया का ब्राह्मणवाद कहते हैं। इस टिप्पणी को
आप खुद पढ़ें और तय करें कि यह मीडिया का ब्राह्मणवाद या जातिवाद या और कुछ?
पढ़ने के बाद
अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें और संभव हो तो विस्तृत में लिखें। वनांचल
एक्सप्रेस ऐसे मुद्दे पर एक गंभीर विमर्श चाहता है। गंभीर और तथ्यात्मक लेखों को वनांचल एक्सप्रेस यहां प्रकाशित करेगा।- संपादक)
"मैंने जितने भी न्यूज चैनल देखे, उसमें एक भी ऐसा नहीं था, जहां यह लिखा या दिखाया गया कि 'संदीप सिंह पर एफआईआर दर्ज'। हर जगह यही लिखा मिला "प्रियंका गांधी
के निजी सचिव पर एफआईआर दर्ज"
लेबल:
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Rajeev Singh Jadaun,
Sandeep Singh
स्थान:
Uttar Pradesh, India
गुरुवार, 21 मई 2020
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में OBC को नहीं मिला आरक्षण, सवर्णों का EWS कोटा लागू
सवर्णों के 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस (इकॉनॉमिक वीकर सेक्शन) कोटे को विश्वविद्यालय में लागू कर दिया है लेकिन पिछड़ों के 27 फीसदी आरक्षण को आज तक लागू नहीं किया।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए विशेष तौर पर बने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने सवर्णों के 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस (इकॉनॉमिक वीकर सेक्शन) कोटे को विश्वविद्यालय में लागू कर दिया है लेकिन पिछड़ों के 27 फीसदी आरक्षण को आज तक लागू नहीं किया। यूं कहें कि प्रशासन ने विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अनारक्षित वर्ग के 10 फीसदी सीटों में ओबीसी/एसीसी/एसटी के छात्रों का प्रवेश बंद कर दिया है। इससे सरकार ने इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को पूरी तरह खत्म कर दिया है। शिक्षा सत्र-2020-21 के लिए
जारी सूचना पुस्तिका में विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय में संचालित
विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उपलब्ध सीटों के बंटवारे में अनारक्षित
वर्ग के लिए 40 प्रतिशत सीटों को समेटते हुए सवर्णों के 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस
कोटे को लागू किया है। शेष 50 फीसदी सीटें अनुसुचित जाति वर्ग (एससी) और
अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) के लिए आबंटित हैं। कई पाठ्यक्रमों में एसटी वर्ग तक की सीटें खत्म कर दी गई हैं।
Lock-Down: बोर्ड परीक्षाओं के लिए मिली अनुमति, प्रशासकों को इन शर्तों का कराना होगा पालन
भारत सरकार के गृह सचिव द्वारा राज्य के मुख्य सचिवों को जारी पत्र |
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से मिले आदेश के तहत केंद्रीय
गृह मंत्रालय ने राज्य परीक्षा बोर्डों, सीबीएसई और आईसीएसई द्वारा संचालित की जाने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संचालन पर लगी रोक हटा दी है। भारत सरकार
के गृह सचिव अजय भल्ला ने बुधवार को केंद्र शासित राज्यों के प्रशासकों और राज्यों
के मुख्य सचिवों को पत्र जारी कर इसकी सूचना दी।
लेबल:
Board Examinations,
CBSE,
Corona Virus,
Covid-19,
ICSE,
Lock-down,
Ministry of Home Affairs,
State Board of Examination
स्थान:
New Delhi, Delhi, India
शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020
BHU: Ph.D. प्रवेश प्रक्रिया में जाति आधारित भेदभाव पर बिफरे छात्र, कुलपति कार्यालय का किया घेराव
विश्वविद्यालय प्रशासन पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
(यूजीसी) के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं करने का आरोप।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गढ़ के रूप में चर्चित काशी हिन्दू
विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों ने बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय प्रशासन पर
जाति के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया और लंका स्थित सिंह द्वार से
प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक मार्च निकालने की असफल कोशिश की। बाद में
छात्रों ने विश्वविद्यालय में मार्च निकाला और केंद्रीय कार्यालय का घेराव किया।
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